भोपाल। केंद्र सरकार के आम बजट के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार का बजट अगले महीने पेश होना है. सरकार ने 7 मार्च से बजट सत्र बुलाने का ऐलान भी कर दिया है. मध्य प्रदेश के बजट से वैट (वैल्यू ऐडेड टैक्स) में राहत की उम्मीद लगाए बैठे व्यापारिक संगठनों ने सरकार को सुझाव भेजे हैं. सरकार ने 1 महीने पहले से ही व्यापारिक संगठनों, उद्योग जगत और विशेषज्ञों से बजट में प्रावधान करने को लेकर सुझाव मांगे थे. (mp budget 2022)
वैट कम करने से होगा सभी को फायदा
मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह का कहना है कि सरकार को पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करना चाहिए. सरकार यदि डीजल पर वैट 23 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दे तो इससे परिवहन सस्ता हो जाएगा. आम जनता और किसान दोनों को इसका फायदा होगा. अजय सिंह ने बताया कि पेट्रोल पर मध्य प्रदेश में अभी 28% और डीजल पर 23% वैट लगता है. (demand for mp budget 2022)
मध्यप्रदेश में घटायी जाए स्टांप ड्यूटी
मध्य प्रदेश क्रेडाई के प्रवक्ता मनोज सिंह मीक का कहना है कि पिछले 15-20 वर्षों में आर्थिक उदारीकरण के दौर में मध्य प्रदेश सरकार के बजट में काफी वृद्धि हुई है. अब यह बजट लगभग दो लाख करोड़ रुपए का आता है. टैक्स कलेक्शन शहरी क्षेत्रों से आता है. लिहाजा सरकार को आगामी बजट में शहरों की ओर ध्यान देने की जरूरत है. शहर के मास्टर प्लान को लेकर बजट में स्पष्ट रूप से प्रावधान होना चाहिए. मीक ने बताया कि मध्यप्रदेश में देश भर में सबसे ज्यादा स्टांप ड्यूटी वसूली जाती है. इसको प्रगतिशील राज्यों के बराबर लाना चाहिए, जिससे मध्यप्रदेश में भी लोग रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश करने के लिए आगे आएं.
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चेंबर ऑफ कॉमर्स ने सरकार को भेजे ये सुझाव
भोपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा को लिखे पत्र में कहा कि बजट 2022 व्यापारियों वेतन भोगियों उद्योगों और छोटे मझोले व्यापारियों को ध्यान में रखकर विकासोन्मुखी बनाया जाए. पेट्रोल, डीजल और शराब पर भी नियमानुसार एक कर लगे और इनको भी जीएसटी के दायरे में लाया जाए. भोपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एन इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष तेजकुल पाल सिंह पाली ने वित्त मंत्री को भेजे सुझाव में कहा कि सोसायटी द्वारा संपत्ति बेचने और खरीदी करने पर स्टाम्प ड्यूटी डबल लगती है. उसे समाप्त किया जाए. शराब के ठेके की लाइसेंस फीस दिनों दिन लगातार बढ़ती जा रही है. उसे कम करना चाहिए. इसके साथ ही शराब की बिक्री पर वैट की दर कम की जाए.