भोपाल। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट 2023-24 संसद में पेश करेंगी. आने वाले बजट को लेकर हर वर्ग को केंद्र सरकार के पिटारे से बड़ी उम्मीद हैं. वहीं डॉक्टर और मेडिकल लाइन से जुड़े लोगों को भी काफी उम्मीदें है. इनका कहना है कि सरकार ने जिस तरह से नए-नए हॉस्पिटल्स खोले हैं और कोरोना में वैक्सीनेशन का बेहतर काम किया है, ऐसे में आने वाले बजट से भी इन्हें बहुत आशा है. डॉक्टर्स का मानना है कि टैक्स में छूट होने से आमजन को भी फायदा होगा.
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क्या हैं डॉक्टर्स की उम्मीदें: मेडिकल के क्षेत्र में जुड़े लोग सरकार को आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं. निर्मला सीतारमण बुधवार को आम बजट पेश करेंगी. हेल्थ सेक्टर से जुड़े लोग चाहते हैं कि बजट में कुछ ऐसे प्रावधान किए जाएं, जिससे उनका टैक्स कम हो सके. वरिष्ठ डॉक्टर भुवनेश्वर गर्ग कहते हैं कि सरकार को मल्टीपल टैक्स खत्म करने चाहिए, एक ही चीज के लिए दो-दो बार टैक्स देने के चलते डॉक्टर्स को खासी परेशानी हो रही है. डॉक्टर गर्ग का कहना है कि देशभर में 5% डॉक्टर हैं, लेकिन जब मशीनें वगैरह खरीदते हैं तो उस पर भी उन्हें टैक्स देना पड़ता है. बाद में इनकम टैक्स में भी इनको पे करना होता है. ऐसे में अलग-अलग जगह पर देने वाले टैक्सों को खत्म कर डॉक्टर्स के लिए ऐसा प्रावधान करना चाहिए कि वह एक ही टेक्स दें. साथ ही भुवनेश्वर कहते हैं कि डॉक्टरों के लिए भी कई जगह रियायत होनी चाहिए. जिस तरह से राजनेताओं और अन्य लोगों के लिए टोल टैक्स फ्री होता है, वैसे ही डॉक्टरों के लिए भी टोल के टैक्स में छूट होनी चाहिए और इसे भी खत्म करना चाहिए. क्योंकि इनकम टैक्स देने वाले को टोल टैक्स में छूट होनी चाहिए.
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टैक्स होना चाहिए कम: इधर नर्सिंग होम एसोसिएशन के सेक्रेटरी डॉ रणधीर सिंह कहते हैं कि बजट में सरकार को अस्पतालों के लिए खरीदे जाने वाले इक्विपमेंट में टैक्स में कटौती करनी चाहिए. रणधीर का कहना है कि सोनोग्राफी से लेकर अन्य इक्विपमेंट्स जो होते हैं, वह 50 लाख से लेकर दो करोड़ के बीच में आते हैं. ऐसे में कस्टम ड्यूटी और एक्साइज ड्यूटी इन को देनी होती है, क्योंकि यह सभी इक्विपमेंट्स बाहर से मंगाने पड़ते हैं. ऐसे में कस्टम ड्यूटी और एक्साइज ड्यूटी में कमी की जाए तो निश्चित ही बेहतर होगा. साथ ही यह कहते हैं कि जिस तरह से एमबीबीएस की सीटें बढ़ाई गई है और एम्स कॉलेज का विस्तार प्रधानमंत्री ने किया है, वह अच्छी पहल है, इसी को ध्यान में रखते हुए मेडिकल्स के जो इक्विपमेंट्स होते हैं उन पर भी टैक्स कम किया जाना चाहिए. फिलहाल तो करोना के बाद से हर क्षेत्र में उछाल आया है. ऐसे में डॉक्टरी के पेशे से जुड़े डॉक्टर्स भी मानते हैं कि प्राइवेट सेक्टर में डॉक्टर जो इक्विपमेंट्स खरीदते हैं. उसमें टैक्स में कमी आएगी तो निश्चित ही स्वास्थ्य सुविधाओं खर्च भी कम होंगे. वहीं अन्य डॉक्टर्स का मानना है कि टैक्स में छूट होने से निश्चित ही आमजन को भी फायदा होगा.