भोपाल। बुधवार को हमीदिया अस्पताल में गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन ऑफिस के सामने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए भर्ती मरीजों के परिजनों ने हंगामा कर दिया. सैकड़ों की तादाद में मरीज के परिजनों डीन ऑफिस के सामने इंजेक्शन की मांग कर रहे थे. परिजनों आरोप लगाया कि उन्हें 3 दिन से घुमाया जा रहा है. डीन ऑफिस के चक्कर लगवाए जा रहे हैं. अस्पताल वाले लिखकर दे रहे हैं.
- बढ़ती मांग के कारण नहीं हो रही सप्लाई
दरअसल इससे पहले भी डीन ऑफिस में मरीज के परिजन इंजेक्शन के लिए परेशान हो रहे है. पहले उन्हें दो इंजेक्शन मिल रहे थे, लेकिन अब एक भी इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है. मंगलवार तक 160 इंजेक्शन हमीदिया अस्पताल के मेडिकल स्टोर से मरीज के परिजनों को भेजे जा चुके हैं. बुधवार को दोपहर तक इंजेक्शन की कमी हो गई एंफोटरइसिन बी (Amphotericin B) की मांग लगातार बढ़ने से उसकी आपूर्ति नहीं हो पा रही है. सरकार द्वारा डीन ऑफिस में कागज जमा करने के बाद उन्हें हमीदिया अस्पताल से इंजेक्शन उपलब्ध कराने की बात कही गई थी, लेकिन लगातार इसकी कमी होने के कारण मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है.
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- चार दिनों से परेशान हो रहे परिजन
मरीज के परिजनों ने बताया कि उनसे कहा गया था कि 2 बजे के बाद नए फॉर्म दिए जाएंगे. लेकिन अब खिड़की बंद कर दी है और फार्म देना बंद कर दिए है. कोई सुनने वाला नहीं है. अब कह रहे हैं की कल आना. हम चार चार दिन से चक्कर लगा रहे हैं लेकिन इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है. हमारे मरीज निजी अस्पताल में भर्ती है उसके चेहरे नाक और आंखों पर सूजन आ चुकी है. उसे इंजेक्शन की बहुत ज्यादा जरूरत है डॉक्टर कह रहे हैं इंजेक्शन लेकर आओ नहीं तो हम मरीज को नहीं बचा पाएंगे. ऐसे में हम क्या करें यहां पर मरीज के लिए इंजेक्शन लेने आए हैं. लेकिन यहां कोई बात करने वाला नहीं है.
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अब प्रदेश में ऑक्सीजन , रेमड़ेसिविर की कमी की तरह ही ब्लेक फ़ंगस बीमारी में उपयोग में आने वाले आवश्यक इंजेक्शनो की कमी से जनता रोज़ जूझ रही है।
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इसकी कमी के कारण मरीज़ों की जान जा रही है , मरीज़ के परिजन इसके लिये दर-दर भटक रहे है।
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इसकी कमी के कारण मरीज़ों की जान जा रही है , मरीज़ के परिजन इसके लिये दर-दर भटक रहे है।अब प्रदेश में ऑक्सीजन , रेमड़ेसिविर की कमी की तरह ही ब्लेक फ़ंगस बीमारी में उपयोग में आने वाले आवश्यक इंजेक्शनो की कमी से जनता रोज़ जूझ रही है।
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इसकी कमी के कारण मरीज़ों की जान जा रही है , मरीज़ के परिजन इसके लिये दर-दर भटक रहे है।
- पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया ट्वीट
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि 'अब प्रदेश में ऑक्सीजन, रेमडेसिविर की कमी की तरह ही ब्लैक फंगस बीमारी में उपयोग में आने वाले आवश्यक इंजेक्शनों की कमी से जनता रोज जूझ रही है. इसकी कमी के कारण मरीजों की जान जा रही है, मरीज के परिजन इसके लिए दर-दर भटक रहे है.'
- सिर्फ 80 इंजेक्शन बाहर वाले मरीजों के लिए
इस मामले में ईटीवी भारत ने गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जितेंद्र शुक्ला से बात की उन्होंने बताया कि शासन द्वारा उन्हें 300 इंजेक्शन दिए जा रहे हैं. इनमें से 220 इंजेक्शन वह हमीदिया में भर्ती मरीजों के इलाज के लिए रखते हैं और 80 इंजेक्शन हमीदिया अस्पताल से बाहर भर्ती मरीजों के लिए दिए जा रहे हैं. लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है लोग इंजेक्शन के लिए परेशान हो रहे हैं.
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- ब्लैक फंगस के इलाज में 70 से 80 इंजेक्शन की जरूरत
हंगामा कर रहे परिजनों ने बताया कि उनके मरीज को 70 से 80 इंजेक्शन की जरूरत बताई जा रही है. उनके इलाज में रोजाना चार से छह इंजेक्शन की जरूरत पड़ रही है. लेकिन यहां पर 2 इंजेक्शन ही मिल रहे हैं. वह भी दोपहर के बाद मिलना बंद हो जाते हैं. इसके बाद यहां कोई सुनने वाला नहीं है. पूछने पर बताया जाता है कि इंजेक्शन खत्म हो चुके हैं. अगले दिन आइए फिर से कागज जमा करिए तब इंजेक्शन मिलेंगे.