भोपाल। रोहित गृह निर्माण सोसायटी के संचालक घनश्याम सिंह और अन्य 24 पदाधिकारियों पर ईओडब्ल्यू द्वारा एफआईआर दर्ज कर लेने पर सियासी घमासान मच गया है. राज्य सरकार के इस एक्शन को लेकर बीजेपी ने आरोप लगाया है कि सरकार 11 महीने में प्रदेश सरकार ने सिर्फ अपना फेस बचाने के लिए इस तरह की कार्रवाई को अंजाम दिया है. भोपाल के नरेला से बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने तंज सकते हुए कहा कि धरातल पर अभी तक कुछ भी निष्कर्ष निकलकर सामने नहीं आया है.
बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने बताया कि राज्य सरकार पिछले 11 महीनों में कुछ नहीं कर पाई. उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि यह सरकार सिर्फ और सिर्फ फेस सेविंग पर काम कर रही है. बीजेपी विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ अपनी नाकामी को छुपाने के लिए इस प्रकार के इलजाम पिछली सरकार पर लगा रही है. बीजेपी नेता ने कहा कि यह सरकार अपना चेहरा बचाने के लिए इस प्रकार की बातें कर रही हैं.
बता दें कि रोहित हाउसिंग सोसायटी सबसे ज्यादा विवादों में रही है और इसको लेकर कई बार विधानसभा में भी मामला उठा है लेकिन माना जा रहा था कि रसूखदार होने के चलते और सरकार में अच्छी पैठ रखने के कारण घनश्याम सिंह राजपूत पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंदौर के माफिया जीतू सोनी पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की और उसके बाद अधिकारियों कर्मचारियों को दो टूक माफियाओं को खत्म करने के निदेश दिए है.
इसके बाद रोहित गृह निर्माण सोसायटी की सबसे पहली शिकायत 2009 में ईओडब्ल्यू में की गई थी लेकिन उसके बाद से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. माना जा रहा है कि 2012 में राजपूत ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर करीब साडे 300 पात्र सदस्यों को प्लॉट देने का भरोसा देकर लाखों करोड़ों रुपए उनसे 8 लिए थे और तब से ही यह सोसाइटी विवादों में है.