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पूर्व की शिवराज सरकार की योजनाओं को बंद करने पर बीजेपी ने जताई आपत्ति, कांग्रेस ने किया पलटवार - भोपाल

पूर्व शिवराज सरकार की योजनाओं को बंद करने पर बीजपी ने साधा सीएम कमलनाथ पर निशाना. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए योजनाओं में भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए है.

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Published : Mar 4, 2019, 10:25 AM IST


भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही पूर्व की शिवराज सरकार के द्वारा शुरू की गई योजनाओं की लगातार समीक्षा की जा रही है और कई योजनाओं को बंद भी किया जा रहा है. जिस पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है. बीजेपी ने आरोप लगाया कि सीएम कमलनाथ युवाओं के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं.

प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन और कौशल्या योजना 31 मार्च 2019 से बंद हो जाएगी. इसके बाद इस योजनाओं के तहत नए लोगों को लाभ नहीं मिल पाएगा. बताया जा रहा है कि इस योजना को लेकर कई शिकायतें सरकार को मिल रही थी. इसी के चलते कांग्रेस सरकार ने इसे जारी रखने से इंकार कर दिया है. हालांकि संचालनालय कौशल विकास की तरफ से इसे निरंतर लागू रखने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है.

बीजेपी प्रवक्ता राकेश शर्मा का कहना है कि अभी कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के युवाओं को एक झुनझुना पकड़ाया था. जिसमें कहा गया था कि मध्यप्रदेश में जितने भी उद्योग स्थापित किए जाएंगे, उनमें प्रदेश के 70 प्रतिशत युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. उसके बाद कई बड़े उद्योगपतियों के बयान भी सामने आए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें कुशल युवाओं की जरूरत है. अब यदि पिछली सरकार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का काम करती थी, तो इन योजनाओं को बंद करके सीएम कमलनाथ युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. बीजेपी ने आरोप लगाया कि योजनाओं को केवल इसलिए बंद किया जा रहा है, क्योंकि यह शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल की योजनाएं हैं.

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कांग्रेस ने दिया आरोपों पर जवाब

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि भाजपा के शासनकाल में चलाई गई सभी योजनाओं को बंद नहीं किया जा रहा है, केवल वही योजनाएं बंद की जा रही हैं, जिनमें भ्रष्टाचार किया गया है या फिर उन योजनाओं का लाभ कभी आम जनता तक पहुंचा ही नहीं है.

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बता दें कि कौशल विकास विभाग ने यही योजना 2 वर्ष पहले शुरू की थी मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन और कौशल्या योजना युवाओं को दृष्टिगत रखते हुए बनाई गई थी इन योजनाओं से हर वर्ष करीब 1 लाख युवा एक दर्जन से अधिक अलग अलग ट्रेंड की ट्रेनिंग ले रहे हैं इन्हें देश की 40 निजी संस्थाओं के साथ सरकारी आईआईटी पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज में भी ट्रेनिंग दी जा रही है योजना पर करीब 1 वर्ष में 100 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है इसी राशि में से एडमिशन होते ही संस्था को 30% की राशि जारी कर दी जाती है 50% राशि बैच के पास होने पर दी जाती है इसके बाद संस्थाएं रोजगार दिलाती हैं तो बाकी 20 फ़ीसदी राशि भी दे दी जाती है ऐसे में यदि संस्थाएं नौकरी नहीं दिला पाती है तो उनसे राशि वसूल करने का कोई प्रावधान नहीं है .


भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही पूर्व की शिवराज सरकार के द्वारा शुरू की गई योजनाओं की लगातार समीक्षा की जा रही है और कई योजनाओं को बंद भी किया जा रहा है. जिस पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है. बीजेपी ने आरोप लगाया कि सीएम कमलनाथ युवाओं के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं.

प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन और कौशल्या योजना 31 मार्च 2019 से बंद हो जाएगी. इसके बाद इस योजनाओं के तहत नए लोगों को लाभ नहीं मिल पाएगा. बताया जा रहा है कि इस योजना को लेकर कई शिकायतें सरकार को मिल रही थी. इसी के चलते कांग्रेस सरकार ने इसे जारी रखने से इंकार कर दिया है. हालांकि संचालनालय कौशल विकास की तरफ से इसे निरंतर लागू रखने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है.

बीजेपी प्रवक्ता राकेश शर्मा का कहना है कि अभी कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के युवाओं को एक झुनझुना पकड़ाया था. जिसमें कहा गया था कि मध्यप्रदेश में जितने भी उद्योग स्थापित किए जाएंगे, उनमें प्रदेश के 70 प्रतिशत युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. उसके बाद कई बड़े उद्योगपतियों के बयान भी सामने आए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें कुशल युवाओं की जरूरत है. अब यदि पिछली सरकार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का काम करती थी, तो इन योजनाओं को बंद करके सीएम कमलनाथ युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. बीजेपी ने आरोप लगाया कि योजनाओं को केवल इसलिए बंद किया जा रहा है, क्योंकि यह शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल की योजनाएं हैं.

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कांग्रेस ने दिया आरोपों पर जवाब

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि भाजपा के शासनकाल में चलाई गई सभी योजनाओं को बंद नहीं किया जा रहा है, केवल वही योजनाएं बंद की जा रही हैं, जिनमें भ्रष्टाचार किया गया है या फिर उन योजनाओं का लाभ कभी आम जनता तक पहुंचा ही नहीं है.

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बता दें कि कौशल विकास विभाग ने यही योजना 2 वर्ष पहले शुरू की थी मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन और कौशल्या योजना युवाओं को दृष्टिगत रखते हुए बनाई गई थी इन योजनाओं से हर वर्ष करीब 1 लाख युवा एक दर्जन से अधिक अलग अलग ट्रेंड की ट्रेनिंग ले रहे हैं इन्हें देश की 40 निजी संस्थाओं के साथ सरकारी आईआईटी पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज में भी ट्रेनिंग दी जा रही है योजना पर करीब 1 वर्ष में 100 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है इसी राशि में से एडमिशन होते ही संस्था को 30% की राशि जारी कर दी जाती है 50% राशि बैच के पास होने पर दी जाती है इसके बाद संस्थाएं रोजगार दिलाती हैं तो बाकी 20 फ़ीसदी राशि भी दे दी जाती है ऐसे में यदि संस्थाएं नौकरी नहीं दिला पाती है तो उनसे राशि वसूल करने का कोई प्रावधान नहीं है .

Intro: ( स्पेशल स्टोरी )

शिवराज की योजनाओं को बंद करने पर बीजेपी ने आपत्ति कांग्रेस ने कहा अच्छी योजना रहेगी चालू


भोपाल मध्य प्रदेश में नई सरकार बनने के साथ ही पूर्व सरकार के द्वारा शुरू की गई योजनाओं को लेकर लगातार समीक्षा की जा रही है और कई योजनाओं को बंद भी किया जा रहा है प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन और कौशल्या योजना 31 मार्च 2019 से बंद हो जाएगी इसके बाद इस योजनाओं के तहत नए लोगों को लाभ नहीं मिल पाएगा बताया जा रहा है कि इस योजना को लेकर कई शिकायतें सरकार को मिल रही थी इसी के चलते कांग्रेस सरकार ने इसे निरंतर रखने से इंकार कर दिया है हालांकि संचनालय कौशल विकास की तरफ से इसे निरंतर लागू रखने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है बताया जा रहा है कि इन दोनों योजनाओं पर 2 साल में 200 करोड़ों रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई है लेकिन 200 युवाओं को भी रोजगार नहीं मिल पाया है अपवाद स्वरूप जो रोजगार दिए भी गए हैं वह भी छोटी मोटी कंपनियों में ही मिल पाए हैं बाद में वहां से भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया इसके बाद भी योजना से जुड़े अधिकारी इसे एक अच्छी योजना बता रहे हैं जिस प्रकार से यह योजना चलाई जा रही थी इससे योजनाओं के नाम पर खानापूर्ति कर राशि जारी करवाने का पूरा खेल नजर आ रहा है


बता दें कि दोनों ही योजनाओं के लिए नियम है कि जिन उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया जाए उनके आने-जाने की बायोमेट्रिक उपस्थिति जरूरी है जिस मशीन में उपस्थिति लगवाई जाएगी वह जियो ड्रैगिंग से जुड़ी होनी चाहिए ताकि मशीन को यहां वहां ले जाने की स्थिति में जानकारी मिल सके लेकिन प्रदेश में करीब 40 संस्थाओं द्वारा उपयोग की जा रही मशीनों को जीपीएस से कनेक्ट ही नहीं किया गया है इतना ही नहीं इन संस्थाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाने का नियम है लेकिन सीसीटीवी कैमरा तो लगाए गए हैं लेकिन वह चालू नहीं किए गए विभाग के द्वारा योजना के माध्यम से हजारों युवाओं को प्रशिक्षित करने का दावा किया जा रहा है लेकिन इनमें स्वरोजगार कितने युवाओं को दिया गया यह रिपोर्ट अब तक नहीं बन पाई है इसका मुख्य कारण है कि योजना में रोजगार की अनिवार्यता ही नहीं है यानी संस्था रोजगार मुहैया कराए तो ठीक नहीं तो 80 फ़ीसदी राशि केवल ट्रेनिंग में ही मिल जाती है इस पूरे मामले पर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं जहां एक तरफ बीजेपी कांग्रेस सरकार पर जानबूझकर पूर्व सरकार की योजनाओं को बंद करने का आरोप लगा रही है तो वहीं कांग्रेस का कहना है कि जो योजनाएं लाभकारी नहीं है उन योजनाओं को बंद किया जा रहा है


Body:बीजेपी प्रवक्ता राकेश शर्मा का कहना है कि अभी कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के युवाओं को एक झुनझुना पकड़ा आया था जिसमें कहा गया था कि मध्यप्रदेश में जितने भी उद्योग स्थापित किए जाएंगे उनमें प्रदेश के 70 प्रतिशत युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा उसके बाद कई बड़े उद्योगपतियों के बयान भी सामने आए थे जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें कुशल युवाओं की जरूरत है अब यदि पिछली सरकार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देती थी इसकी वजह से उन्हें फैक्ट्री और अन्य कई जगह पर काम भी मिल जाता था लेकिन इस तरह की योजनाओं को केवल इसलिए बंद किया जा रहा है क्योंकि यह शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल की योजनाएं हैं


उन्होंने कहा कि कमलनाथ झूठ बोलकर तो मुख्यमंत्री बन गए हैं लेकिन प्रदेश के युवाओं के साथ खिलवाड़ ना करें बेरोजगारी के कारण एक युवा ने कुछ ही दिनों पहले आत्महत्या तक की थी क्या युवाओं में बेरोजगारी को लेकर इसी तरह का हाहाकार पूरे प्रदेश में होना चाहिए इसका जवाब कांग्रेस सरकार को देना चाहिए और युवाओं के लिए चलाई जा रही पुरानी योजनाओं को निरंतर रखना चाहिए ताकि युवाओं को इसका फायदा मिल सके .


Conclusion:वहीं इस पूरे मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा का कहना है कि कांग्रेस सरकार के द्वारा उन विभिन्न योजनाओं को जांचा और परखा जा रहा है जिन योजनाओं के माध्यम से जमकर भ्रष्टाचार हुआ है उन्होंने कहा कि कहने के लिए तो पिछली सरकार ने कई योजनाएं आम जनों के लाभ के लिए बनाई थी लेकिन इसका पूरा लाभ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिन योजनाओं में 100 से 200 करोड़ रुपए खर्च हो जाने के बाद भी युवाओं को रोजगार नहीं मिल सका और इन पैसों की बंदरबांट की गई है फिर इस तरह की योजनाओं को निरंतर रखने का क्या फायदा है उन्होंने कहा कि जिस योजना की बात की जा रही है उस योजना को लेकर अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि उसकी तिथि 31 मार्च को समाप्त हो रही है क्योंकि इस योजना को केवल 2 वर्षों के लिए ही लागू किया गया था अब उसको निरंतर रखने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है सरकार के पास प्रस्ताव पहुंचने के बाद इस पर विचार किया जाएगा विचार करने के बाद जो भी भी निर्णय होगा वह जल्द ही सबके सामने आ जाएगा जहां तक युवाओं को रोजगार देने की बात है तो मुख्यमंत्री ने युवा स्वाभिमान योजना का शुभारंभ कर दिया है इस योजना से निश्चित रूप से प्रदेश के युवाओं को लाभ मिल रहा है इस योजना के माध्यम से प्रदेश के युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में अच्छा खासा रोजगार मिलेगा साथ ही इस योजना के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षित करने का काम भी किया जा रहा है

उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में चलाई गई सभी योजनाओं को बंद नहीं किया जा रहा है केवल वही योजनाएं बंद की जा रही है जिनमें भ्रष्टाचार किया गया है या फिर उन योजनाओं का लाभ कभी आम जनता तक पहुंचा ही नहीं है यही वजह है कि सभी योजनाओं की मॉनिटरिंग भी समय-समय पर की जा रही है जो योजनाएं सही नहीं है उन्हें दरकिनार करते हुए जो योजनाएं ठीक है उन्हें और अच्छे ढंग से मुख्यमंत्री कमलनाथ पेश कर रहे हैं इसलिए इस तरह के आरोप लगाना ठीक नहीं है उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन और कौशल्या योजना यह योजना भी युवाओं को रोजगार उपलब्ध करा रही थी और युवा स्वाभिमान योजना भी युवाओं को रोजगार उपलब्ध करा रही है तो फिर बीजेपी को इस में दिक्कत नहीं होनी चाहिए क्योंकि उद्देश्य केवल यही है कि युवाओं को रोजगार प्राप्त हो और वह सरकार के द्वारा किया जा रहा है .

बता दें कि कौशल विकास विभाग ने यही योजना 2 वर्ष पहले शुरू की थी मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन और कौशल्या योजना युवाओं को दृष्टिगत रखते हुए बनाई गई थी इन योजनाओं से हर वर्ष करीब 1 लाख युवा एक दर्जन से अधिक अलग अलग ट्रेंड की ट्रेनिंग ले रहे हैं इन्हें देश की 40 निजी संस्थाओं के साथ सरकारी आईआईटी पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज में भी ट्रेनिंग दी जा रही है योजना पर करीब 1 वर्ष में 100 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है इसी राशि में से एडमिशन होते ही संस्था को 30% की राशि जारी कर दी जाती है 50% राशि बैच के पास होने पर दी जाती है इसके बाद संस्थाएं रोजगार दिलाती हैं तो बाकी 20 फ़ीसदी राशि भी दे दी जाती है ऐसे में यदि संस्थाएं नौकरी नहीं दिला पाती है तो उनसे राशि वसूल करने का कोई प्रावधान नहीं है .
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