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फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामला: कोर्ट के आदेश की कॉपी मिलने पर करेंगे कार्रवाई- कांग्रेस

बीजेपी सांसद केपी यादव को फर्जी प्रमाण पत्र मामले में हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने बीजेपी सांसद के खिलाफ एसडीएम ने जो आदेश दिए थे. उस पर स्थगन दे दिया है. जबकि उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर भी रोक लगा दी है.

BJP MP KP Yadav gets relief from High Court in fake caste certificate
बीजेपी सांसद केपी यादव को होईकोर्ट से मिली राहत
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Published : Dec 27, 2019, 12:03 AM IST

भोपाल। गुना-शिवपुरी से सांसद केपी यादव को फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. कोर्ट ने जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी है. वहीं हाईकोर्ट से सांसद केपी यादव को स्टे मिलने पर कांग्रेस ने कोर्ट के फैसले अस्वीकार करते हुए कहा है कि आदेश की कॉपी मिलते ही इस मामले में विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

बीजेपी सांसद केपी यादव को होईकोर्ट से मिली राहत

ये है मामला
दरअसल, केपी यादव ने अपने बेटे को एडमिशन दिलाने में पिछड़ा वर्ग का लाभ पाने के लिए 8 लाख से कम की आय बताकर जाति प्रमाण पत्र बनवाया था. वहीं जब उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दर्ज किया. तो उसमें अपनी आय 39 लाख से ज्यादा बताई.

इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि न्यायालय का फैसला सब को स्वीकार होता है. न्यायालय ने किस आधार पर स्थगन दिया और उनके क्या बिंदु हैं, इनका हम विश्लेषण करेंगे. उसके बाद इस मामले में जो विधि सम्मत प्रक्रिया है, उसका पालन किया जाएगा. क्योंकि ये साफ नजर आता है कि सांसद केपी यादव ने धोखाधड़ी की है. क्रीमीलेयर के लिए आय की सीमा 8 लाख से कम और चुनाव नामांकन के लिए 39 लाख से अधिक बताई है. तो इस मामले में कोर्ट के जो आदेश निर्देश सामने आएंगे, उसके अनुसार विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

भोपाल। गुना-शिवपुरी से सांसद केपी यादव को फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. कोर्ट ने जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी है. वहीं हाईकोर्ट से सांसद केपी यादव को स्टे मिलने पर कांग्रेस ने कोर्ट के फैसले अस्वीकार करते हुए कहा है कि आदेश की कॉपी मिलते ही इस मामले में विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

बीजेपी सांसद केपी यादव को होईकोर्ट से मिली राहत

ये है मामला
दरअसल, केपी यादव ने अपने बेटे को एडमिशन दिलाने में पिछड़ा वर्ग का लाभ पाने के लिए 8 लाख से कम की आय बताकर जाति प्रमाण पत्र बनवाया था. वहीं जब उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दर्ज किया. तो उसमें अपनी आय 39 लाख से ज्यादा बताई.

इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि न्यायालय का फैसला सब को स्वीकार होता है. न्यायालय ने किस आधार पर स्थगन दिया और उनके क्या बिंदु हैं, इनका हम विश्लेषण करेंगे. उसके बाद इस मामले में जो विधि सम्मत प्रक्रिया है, उसका पालन किया जाएगा. क्योंकि ये साफ नजर आता है कि सांसद केपी यादव ने धोखाधड़ी की है. क्रीमीलेयर के लिए आय की सीमा 8 लाख से कम और चुनाव नामांकन के लिए 39 लाख से अधिक बताई है. तो इस मामले में कोर्ट के जो आदेश निर्देश सामने आएंगे, उसके अनुसार विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

Intro:भोपाल। गुना शिवपुरी संसदीय सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे दिग्गज कांग्रेस नेता को हराकर सुर्खियों में आए बीजेपी सांसद के पी यादव मुश्किलों में घिर गए हैं। हालांकि उन्हें आज ही उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ से राहत मिल गई है। लेकिन जिन आरोपों में घिरे हैं,उनकी आगे मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल उन्होंने अपने बेटे को एडमिशन दिलाने पिछड़ा वर्ग का लाभ पाने के लिए 8 लाख से कम की आय दर्शाकर जाति प्रमाण पत्र बनवाया था। वही जब उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दर्ज किया। तो उसमें अपनी आय 39 लाख से ज्यादा बताई। हाई कोर्ट द्वारा उन्हें स्टे मिलने पर कांग्रेस ने कोर्ट के फैसले अस्वीकार करते हुए कहा है कि आदेश की कॉपी मिलते ही इस मामले में विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।


Body:इस मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि न्यायालय का फैसला सब को स्वीकार होता है। न्यायालय ने किस आधार पर स्थगन दिया और उनके क्या बिंदु हैं, इनका हम विश्लेषण करेंगे।उसके बाद इस मामले में जो विधि सम्मत प्रक्रिया है, उसका पालन किया जाएगा। क्योंकि प्रथम दृष्टया स्पष्ट नजर आता है कि के पी यादव ने धोखाधड़ी की है। क्रीमीलेयर के लिए आय की सीमा 8 लाख से कम और चुनाव नामांकन के लिए 39 लाख से अधिक बताई है। तो इस मामले में कोर्ट के जो आदेश निर्देश सामने आएंगे, उसके अनुसार विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।


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