भोपाल । प्रदेश में राज्यसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब उपचुनाव की तैयारियां शुरु हो गई है. अभी तक रणनीति बनाने में जुटे बीजेपी-कांग्रेस के नेता अब मैदान में उतरने को तैयार है. दोनों दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. एक तरफ कांग्रेस जनता के धोखेबाजों को सबक सिखाने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी को अपनी संगठन की ताकत पर भरोसा है. एक साथ होने जा रहे 24 सीटों पर उपचुनाव की पृष्ठभूमि प्रदेश नहीं, बल्कि पूरे देश को पता है. इन उपचुनावों पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं. दोनों दल चुनावी तैयारियों को लेकर अब तक वार रूम में रणनीति बना रहे थे. करीब दो महीने तक चली लंबी-लंबी बैठकों के बाद अब मैदान में उतरने का वक्त आ गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तो एक पल भी बर्बाद करने के मूड में नहीं हैं. शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव के परिणाम भी नहीं आए थे और कमलनाथ ने आगामी उपचुनाव को लेकर विधायकों, जिलों के जिलाध्यक्षों और चुनाव प्रभारियों की बैठक बुलाई थी. वहीं बीजेपी पहले से ही उपचुनाव की तैयारियों को लेकर संगठन स्तर पर जोर शोर से जुटी हुई है. बीजेपी को भरोसा है कि वह अपने संगठन की ताकत और कार्यकर्ताओं की मेहनत के भरोसे उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल करेगी. कांग्रेस का कहना है कि जिस तरह सिंधिया समर्थकों ने बगावत करके सरकार गिराई थी, कमलनाथ उपचुनाव में उन्हें सबक सिखाएंगे.
कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि खरीद-फरोख्त कर बनी बीजेपी की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए कांग्रेस और उसके कार्यकर्ता पूरी तरह से दृढ़ संकल्पित हैं. कांग्रेस ने उपचुनाव की रणनीति बनाई जिस पर 24 सीटों के मुद्दे और प्रत्याशी के चयन पर रणनीति तैयार की गई है. कांग्रेस का कहना है कि पार्टी जीत को लेकर पूरी तरह निश्चिंत है और जनता कांग्रेस के साथ है. कांग्रेस का कहना है कि सभी 24 सीटें कांग्रेस जीतेगी और कमलनाथ फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे.
वहीं बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि राज्यसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी 24 सीटों पर उपचुनाव की तैयारी जोर-शोर से करेगी. पिछले कुछ दिनों से बीजेपी का वर्चुअल सभाएं और बैठकों का दौर रहा है. उपचुनाव वाले इलाकों में तमाम तरह के काम किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि लुप्त, सुप्त और गुप्त कांग्रेस और कमलनाथ का बंटाधार हुआ है. कांग्रेस को करारा जवाब देने के लिए किसान, युवा और महिलाएं तैयार बैठीं हैं.