ETV Bharat / state

बर्ड फ्लू इफेक्टः नीमच में मुर्गा-मुर्गी की कलिंग शुरू, अंडा-चिकन कारोबार भी ठप्प - Starts in Neemuch Egg Chicken

प्रदेश में बर्ड फ्लू का संकट गहराता जा रहा है. 9 जिलों में संक्रमण की पुष्टि हो गई है. ये संख्या तेजी से बढ़ रही है. शासन-प्रशासन भी संक्रमण की रोकथाम के लिए कई उपाय रहा है. खासकर नीमच व इंदौर में. लेकिन संक्रमण से चिकन कारोबार भी नहीं बच गया है. संक्रमण की पुष्टि के बाद ये कोरोबार ठप्प पड़ गया है.

Mp bird flu update
एमपी बर्ड फ्लू अपडेट
author img

By

Published : Jan 9, 2021, 3:45 AM IST

Updated : Jan 9, 2021, 3:54 AM IST

भोपाल। प्रदेश में बर्ड फ्लू का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. 21 जिलों में पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है. अब तक 885 कौवे व 9 बगुले मृत पाए गए हैं. वहीं 9 जिलों में तो बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है. हालांकि अभी तक संक्रमित पक्षियों में कौवे ही सामने आए हैं. लेकिन हाल ही में इंदौर और नीमच में चिकन में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है. जिसके बाद संकट और गहरा हो गया है.

शासन-प्रशासन मुस्तैद

प्रदेश में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शासन-प्रशासन अलर्ट मोड में है. केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से गाइडलाइन्स जारी कीं गईं हैं. पोल्ट्री (चिकन) में बर्ड फ्लू का वायरस मिलने के बाद शासन ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.

अब तक क्या कदम उठाए गए ?

वायरस की पुष्टि होने के बाद तुरंत ही जिन स्थानों से सैंपल लिए गए थे, उनके 1 किलोमीटर एरिया के दायरे में आनी वाली चिकन शॉप को 7 दिनों तक बंद रखने के निर्देश दिए गए. साथ ही सैनिटाइजेशन भी कराया जा रहा है. इसके अलावा नीमच में तो प्रशासन ने संदिग्ध क्षेत्रों में मुर्गा-मुर्गी की कलिंग (Culling) के आदेश दे दिए हैं. जिसके चलते करीब 400 से ज्यादा मुर्गा-मुर्गी को मारा गया और शहर से बाहर उन्हें दफनाया गया. प्रदेश में नीमच पहला जिला बन गया है, जहां से मुर्गा-मुर्गी की कलिंग शुरू हुई है. संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए दूसरे जिलों में भी इस प्रकिया को अपनाया जा सकता है.

कलेक्टर्स रखेंगे निगरानी

लोगों से भी अपील की गई है कि मृत पक्षी मिलने पर तुरंत प्रशासन को सूचना दें. जांच दल मौके पर पहुंचेगा. सैंपल लेगा और मृत पक्षी को शहर से बाहर दफनाएगा. सभी जिलों के कलेक्टर्स को निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं.

चिकन खाने को लेकर लोगों में कई सवाल

लोगों के जहन में चिकन खाने को लेकर कई सवाल हैं. उन्हें डर है कि चिकन खाने से कहीं वे भी संक्रमण की जद में ना आ जाएं. उनका डर भी लाजमी है, पर एक बात स्पष्ट है कि अगर पका हुआ चिकन खाते हैं, तो संक्रमण के कोई चांस नहीं हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि खतरा नहीं है. खतरा है, क्योंकि संक्रमण की जद में पोल्ट्री वर्कर्स, चिकन बिक्रेता या चिकन साफ करते वक्त सामान्य नागरिक भी संक्रमण की चपेट में आ सकता है. लेकिन अगर सावधानी बरते हैं, तो इस खतरे को कम किया जा सकता है.

चिकन-अंडा कोरोबार प्रभावित

लोगों के बीच जो डर का माहौल बना है. उससे ना केवल भोपाल बल्कि पूरे प्रदेश का पोल्ट्री कारोबार हुआ है. हालांकि इसमें हाल ही में राज्य सरकार द्वारा लागू प्रतिबंधों की भूमिका भी है.भोपाल के स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि हाल ही के दिनों में चिकन की बिक्री में गिरावट आई है. पूरे प्रदेश का भी यही हाल है, क्योंकि सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाली पोल्ट्री पर फिलहाल के लिए रोक लगाई गई है.

अंडा-चिकन का 27 सौ करोड़ का कारोबार

जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश में अंडा और चिकन का 27 सौ करोड़ से ज्यादा का कारोबार है. प्रदेश में चिकन की हर दिन साढ़े तीन सौ क्विंटल और 80 लाख अंडों की खपत है. इसमें से चिकन की 60 फीसदी आपूर्ति एमपी से और 40 फीसदी आपूर्ति दूसरे राज्यों से होती है. 45 फीसदी अंडा एमपी और 55 फीसदी बाहर से आते हैं. लेकिन बर्ड फ्लू फैलने के कारण अब अंडे और चिकन का कारोबार ठप्प है. धीरे-धीरे चिकन मार्केट बंद किए जा रहे हैं.

संक्रमित चिकन के सोर्स पर सस्पेंस

पशुपालन विभाग के मुताबिक संक्रमित पोल्ट्री (चिकन) का सोर्स अभी नहीं मिल पाया है. जांच जारी है. संभावना है कि ये पोल्ट्री महाराष्ट्र या हरियाणा से आई हो. जानकारी मिलते ही संबंधित राज्यों को भी सूचित किया जाएगा.

कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी

क्या है बर्ड फ्लू ?

मेडिकली टर्म में इस वायरस को एवियन इन्फ्लूएंजा कहा जाता है. यह एक संक्रामक बीमारी है. जो पक्षी से दूसरे पक्षियों या जानवरों तक फैल सकती है. इसकी वजह से हर साल दुनियाभर में कई पक्षियों की मौत हो जाती है.

इंसान के लिए कितना खतरा है

बर्ड फ्लू का सबसे खतरनाक H5N1 स्ट्रेन है. यह स्ट्रेन पक्षियों के साथ-साथ इंसानों को भी प्रभावित करता है. लेकिन राहत वाली बात ये है कि अभी तक प्रदेश और देश में जितने भी पक्षियों की सैंपलिंग हो रही है, उनमें एवियन इन्फ्लूएंजा( बर्ड फ्लू) का H5N8 स्ट्रेन पाया जा रहा है. जो H5N1 से कम खतरनाक है. फिर भी विशेषज्ञों की राय है कि लोगों को सावधानी बरतना जरूरी है.

भोपाल। प्रदेश में बर्ड फ्लू का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. 21 जिलों में पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है. अब तक 885 कौवे व 9 बगुले मृत पाए गए हैं. वहीं 9 जिलों में तो बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है. हालांकि अभी तक संक्रमित पक्षियों में कौवे ही सामने आए हैं. लेकिन हाल ही में इंदौर और नीमच में चिकन में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है. जिसके बाद संकट और गहरा हो गया है.

शासन-प्रशासन मुस्तैद

प्रदेश में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शासन-प्रशासन अलर्ट मोड में है. केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से गाइडलाइन्स जारी कीं गईं हैं. पोल्ट्री (चिकन) में बर्ड फ्लू का वायरस मिलने के बाद शासन ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.

अब तक क्या कदम उठाए गए ?

वायरस की पुष्टि होने के बाद तुरंत ही जिन स्थानों से सैंपल लिए गए थे, उनके 1 किलोमीटर एरिया के दायरे में आनी वाली चिकन शॉप को 7 दिनों तक बंद रखने के निर्देश दिए गए. साथ ही सैनिटाइजेशन भी कराया जा रहा है. इसके अलावा नीमच में तो प्रशासन ने संदिग्ध क्षेत्रों में मुर्गा-मुर्गी की कलिंग (Culling) के आदेश दे दिए हैं. जिसके चलते करीब 400 से ज्यादा मुर्गा-मुर्गी को मारा गया और शहर से बाहर उन्हें दफनाया गया. प्रदेश में नीमच पहला जिला बन गया है, जहां से मुर्गा-मुर्गी की कलिंग शुरू हुई है. संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए दूसरे जिलों में भी इस प्रकिया को अपनाया जा सकता है.

कलेक्टर्स रखेंगे निगरानी

लोगों से भी अपील की गई है कि मृत पक्षी मिलने पर तुरंत प्रशासन को सूचना दें. जांच दल मौके पर पहुंचेगा. सैंपल लेगा और मृत पक्षी को शहर से बाहर दफनाएगा. सभी जिलों के कलेक्टर्स को निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं.

चिकन खाने को लेकर लोगों में कई सवाल

लोगों के जहन में चिकन खाने को लेकर कई सवाल हैं. उन्हें डर है कि चिकन खाने से कहीं वे भी संक्रमण की जद में ना आ जाएं. उनका डर भी लाजमी है, पर एक बात स्पष्ट है कि अगर पका हुआ चिकन खाते हैं, तो संक्रमण के कोई चांस नहीं हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि खतरा नहीं है. खतरा है, क्योंकि संक्रमण की जद में पोल्ट्री वर्कर्स, चिकन बिक्रेता या चिकन साफ करते वक्त सामान्य नागरिक भी संक्रमण की चपेट में आ सकता है. लेकिन अगर सावधानी बरते हैं, तो इस खतरे को कम किया जा सकता है.

चिकन-अंडा कोरोबार प्रभावित

लोगों के बीच जो डर का माहौल बना है. उससे ना केवल भोपाल बल्कि पूरे प्रदेश का पोल्ट्री कारोबार हुआ है. हालांकि इसमें हाल ही में राज्य सरकार द्वारा लागू प्रतिबंधों की भूमिका भी है.भोपाल के स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि हाल ही के दिनों में चिकन की बिक्री में गिरावट आई है. पूरे प्रदेश का भी यही हाल है, क्योंकि सरकार ने दूसरे राज्यों से आने वाली पोल्ट्री पर फिलहाल के लिए रोक लगाई गई है.

अंडा-चिकन का 27 सौ करोड़ का कारोबार

जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश में अंडा और चिकन का 27 सौ करोड़ से ज्यादा का कारोबार है. प्रदेश में चिकन की हर दिन साढ़े तीन सौ क्विंटल और 80 लाख अंडों की खपत है. इसमें से चिकन की 60 फीसदी आपूर्ति एमपी से और 40 फीसदी आपूर्ति दूसरे राज्यों से होती है. 45 फीसदी अंडा एमपी और 55 फीसदी बाहर से आते हैं. लेकिन बर्ड फ्लू फैलने के कारण अब अंडे और चिकन का कारोबार ठप्प है. धीरे-धीरे चिकन मार्केट बंद किए जा रहे हैं.

संक्रमित चिकन के सोर्स पर सस्पेंस

पशुपालन विभाग के मुताबिक संक्रमित पोल्ट्री (चिकन) का सोर्स अभी नहीं मिल पाया है. जांच जारी है. संभावना है कि ये पोल्ट्री महाराष्ट्र या हरियाणा से आई हो. जानकारी मिलते ही संबंधित राज्यों को भी सूचित किया जाएगा.

कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी

क्या है बर्ड फ्लू ?

मेडिकली टर्म में इस वायरस को एवियन इन्फ्लूएंजा कहा जाता है. यह एक संक्रामक बीमारी है. जो पक्षी से दूसरे पक्षियों या जानवरों तक फैल सकती है. इसकी वजह से हर साल दुनियाभर में कई पक्षियों की मौत हो जाती है.

इंसान के लिए कितना खतरा है

बर्ड फ्लू का सबसे खतरनाक H5N1 स्ट्रेन है. यह स्ट्रेन पक्षियों के साथ-साथ इंसानों को भी प्रभावित करता है. लेकिन राहत वाली बात ये है कि अभी तक प्रदेश और देश में जितने भी पक्षियों की सैंपलिंग हो रही है, उनमें एवियन इन्फ्लूएंजा( बर्ड फ्लू) का H5N8 स्ट्रेन पाया जा रहा है. जो H5N1 से कम खतरनाक है. फिर भी विशेषज्ञों की राय है कि लोगों को सावधानी बरतना जरूरी है.

Last Updated : Jan 9, 2021, 3:54 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.