भोपाल। बड़े तालाब में सात करोड़ रुपये खर्च कर शिरीन नदी पर पांच एमजीडी की क्षमता वाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया हैं. नगर निगम ने दावा किया है कि अब झील में सीवेज के ट्रीटमेंट के बाद ही क्लोरीन मिश्रित पानी छोड़ा जाएगा.
वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता हैं कि बड़े तालाब में लगातार सीवेज पहुंचने और चारों ओर गाद जमा होने के कारण यहां का पानी काफी काला नजर आ रहा हैं.
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कोहेफिजा की ऐतिहासिक शिरीन नदी से बड़े तालाब के भीतर सीवेज मिल रहा हैं. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) चालू होने के बाद भी नाले का प्रदूषित पानी बड़े तालाब में जा रहा हैं. शहर की शान या जीवन रेखा मानी जाने वाली बड़ी झील को भरने में अहम भूमिका निभाने वाली एक शिरिन नदी अब खुद अपने अस्तितव को नहीं बचा पा रही हैं. पहले ही यह कई जगह संकरी हो चुकी हैं. इसके बाद अब इसमें घास और कचरा जमा हो चुका हैं.
नहीं दे रहा कोई ध्यान
एक समय कोहेफिजा से निकलने वाला शिरीन नाला अभी भी बड़े तालाब को प्रदूषित कर रहा हैं. अभी भी इसका गंदा पानी तालाब में जा रहा है. भले ही उसकी रफ्तार कम है, लेकिन गंदगी लगातार तालाब में मिल रही हैं. ईदगाह की पहाड़ी से आने वाली नदी से पानी आज भी बहकर आ रहा है. इस नदी को बचाने का प्रयास कोई नहीं कर रहा हैं.
सेवानिवृत्त पीएचई अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने स्वयं भोजलैंड परियोजना सहित अन्य परियोजनाओं के तहत बड़े तालाब के संरक्षण के लिए काफी प्रयास किए. उन्होंने बताया कि अंधाधुन विकास और बसावट के चलते शिरीन नदी का अस्तित्व खत्म हो गया हैं. लोगों ने उस पर अतिक्रमण कर लिया है.