भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मिशन 2023 में जुटी कांग्रेस अपने अनुषांगिक संगठन महिला कांग्रेस को भी सक्रिय कर रही है. भारतीय जनता पार्टी ने आगामी चुनावों के मद्देनजर महिलाओं को संगठन से जोड़ने की मुहिम छेड़ दी है. ऐसे में महिला कांग्रेस के सामने अपने संगठन का पुनर्गठन करना अहम हो गया है. प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल प्रदेश के आधे से अधिक जिलों में दौरा कर चुकी हैं और लगातार उनके दौरे चल रहे हैं. इस महीने के आखिर में वे दिल्ली दौरे पर जाएंगी. जिलों मे महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं से संगठन को मजबूत करने को लेकर उनकी राय और सक्रियता पर विचार-विमर्श किया जा रहा है. इसके साथ ही संगठन में विभिन्न पदों के लिए भी दावेदारी के नाम मांगे जा रहे हैं.
नियुक्तियों में भेदभाव से बढ़ा था विवाद : प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल का कहना है कि कार्यकारिणी का गठन जल्दी किया जाएगा. अभी मैं जिलों का दौरा कर रही हूं. गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष मांडवी चौहान के निधन के बाद इंदौर की डॉक्टर अर्चना जायसवाल को महिला कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन अर्चना जायसवाल ने प्रदेश कार्यकारिणी और जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में अपने समर्थकों को ज्यादा तवज्जो दी, जिसके चलते महिला कांग्रेस में विवाद बढ़ गया और इसकी शिकायत हाईकमान तक पहुंच गई थी. इसके चलते बाद में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पूरी कार्यकारिणी ही भंग कर दी. केवल चार वरिष्ठ उपाध्यक्ष नूरी खान ,रश्मि पवार,जमुना मरावी और कविता पांडे को बरकरार रखा.
करीब दो माह पहले गठित हुई थी कार्यकारिणी : महिला कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन 30 जनवरी को हुआ था, लेकिन उसके बाद से नियुक्तियों को लेकर ग्वालियर, इंदौर ,उज्जैन में असंतोष फैल गया था. महिला कांग्रेस कार्यकारिणी में अपनों की नियुक्ति न होने से बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारियों ने इस्तीफा देना शुरू कर दिए थे. इसके चलते अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल सहित पूरी कार्यकारिणी को भंग करने का फैसला लिया था. अब नए सिरे से पूरी मशक्कत की जा रही है. ( Madhya pradesh woman congress) ( Big challenge for executive committee)