भोपाल। शहर के हमीदिया रोड क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण ने रिकार्ड बनाया है. यहां शोरगुल का स्तर 109.6 डेसीबल रिकार्ड किया, जो 55 डेसीबल से अधिक नहीं होना चाहिए. वायु और ध्वनि प्रदूषण का असर दीपावली के दूसरे दिन मंगलवार को भी रहा. बता दें कि पटाखों के कारण फैले वायु और ध्वनि प्रदूषण से स्वास्थ्य पर विपरित असर पड़ा है. खासकर बुजुर्ग और बीमारों में चिढ़चिढ़ेपन की शिकायतें बढ़ने लगी है. श्वास संबंधी रोगों से जूझ रहे मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी है. (Bhopal toxic diwali) (Bhopal aqi reached 270 level) (pollution in mp) (Bhopal aqi Lavel)
सांस लेने लायक नहीं आबोहवा: शहर में प्रदूषण की यह स्थिति तब है जब शासन ने ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी थी. यह भी कहा था कि अधिक आवाज वाले पटाखों को ना जलाया जाए. आतिशबाजी पर नियंत्रण हो, लेकिन प्रशासन बड़े धमाके वाले पटाखों पर रोक नहीं लगा पाया. प्रदेश के चार महानगरों की आबोहवा सांस लेने लायक भी नहीं बची है. प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर उज्जैन रहा, यहां AQI का स्तर 267 तक पहुंच गया. जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर और भोपाल में भी हवा का स्तर “POOR” कटेगरी पर पहुंचा है.
इन शहरों में AQI का स्तर:
भोपाल में AQI का स्तर 255 पहुंचा.
ग्वालियर में AQI का स्तर 231 पहुंचा.
जबलपुर में AQI का स्तर 225 पहुंचा.
इंदौर में AQI का स्तर 210 पहुंचा.
कटनी में AQI का स्तर 224 पहुंचा.
रतलाम में AQI का स्तर 236 पहुंचा.
MP में दीपावली पर जमकर हुई आतिशबाजी, चार प्रमुख शहरों के AQI खतरे के स्तर पर
सामान्य से चार गुना अधिक: पीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक इस क्षेत्र में पार्टिकुलेट मैटर पीएम-10 और पीएम 2.5 का स्तर 500-500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया था. क्रमश: इनका स्तर 100 व 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए, जो कि सामान्य से पांच गुना तक अधिक था. यह स्थिति दीपावली के दूसरे दिन मंगलवार शाम तक रही. (Bhopal toxic diwali) (Bhopal aqi reached 270 level) (pollution in mp) (Bhopal aqi Lavel)