भोपाल। राजधानी में स्कूली छात्रों खासकर आठवीं से बारहवीं तक के स्टूडेंट्स ई-सिगरेट (वाइब) की गिरफ्त में आ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से Online के अलावा कुछ स्कूलों के बाहर भी इसकी बिक्री हो रही है. इतना ही नहीं अब बच्चे इसे स्कूल बैग में लेकर स्कूल पहुंच रहे हैं. जिसकी शिकायतें लगातार जिला प्रशासन और पुलिस के पास भी लगातार पहुंच रही है. जिसको लेकर जिला प्रशासन अब कठोर कार्रवाई की तैयारी में है. (Administration preparing for strict action)
जिला प्रशासन ने 15 दिन में मांगी रिपोर्टः भोपाल में नशीले पदार्थों की रोकथाम को लेकर सोमवार को हुई बैठक में डीसीपी (हेडक्वाटर) विनीत कपूर ने उक्त जानकारी दी है. इस पर Collector Avinash Lavania ने संबंधित अफसरों को निर्देश दिए कि ऐसे स्कूलों को ई-सिगरेट और अन्य नशीले पदार्थों की सप्लाई करने वाले सोर्स का पता लगाकर उनका नेटवर्क तोड़ें. कलेक्टर लवानिया ने 15 दिन बाद होने वाली बैठक में इस कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट मिलने के बाद इसके खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. drugs की बिक्री पर रोकथाम के लिए सोमवार को बैठक हुई. जिसमें नारकोटिक्स के क्षेत्र में लंबे समय तक काम करने वाले सीनियर आईपीएस अफसर विनीत कपूर को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था. उन्होंने कहा कि ई- सिगरेट की सप्लाई करने वाली वेबसाइट्स की भी monitoring की जाएगी. इसके अलावा नारकोटिक्स एवं अन्य नशीली दवाओं की रोकथाम के की जाएगी. इसके लिए पुलिस एजुकेशन कृषि, आबकारी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो हेल्थ फॉरस्ट सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक हुई. (District administration sought report in 15 days)
7 साल के बच्चे सीख रहे हैं सिगरेट पीनाः ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे के चौकाने वाले आंकड़े हाल ही में सामने आए हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि मप्र के बच्चे 7 साल की उम्र से ही सिगरेट पीना सीख जाते हैं. ये राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा है. फूड सेफ्टी ऑफिसर सेनिटाइजर में अल्कोहल की मात्रा का पता लगाएं. जिले में वाइट सेनिटाइजर पूरी तरह प्रतिबंधित किए जाएंगे. सिर्फ कलर वाले sanitizer ही बेचे जा सकेंगे. ताकि इससे नशा करने वालों पर रोक लग सके.गांजा, अफीम और चरस बिकने के 2 से 3 स्पॉट चिन्हित कर 15 दिन के अंदर की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दें. वन विभाग के एसडीओ आरएस भदौरिया से कहा है कि इस बात का पता लगाएं कि कहीं गांजे की खेती तो नहीं हो रही. ग्राम वन समितियों के माध्यम से इसकी जांच पड़ताल कराई जाएगी. (7 year olds are learning to smoke cigarettes)
डॉक्टरों के पर्चे पर ही दी जाए कफ सिरपः कलेक्टर द्वारा ली गई बैठक में बताया गया कि कोरेक्स सहित अन्य कई दवाओं का सेवन सिर्फ नशे के लिए किया जाता है. मेडिकल की दुकानों पर ये दवाएं आसानी से मिल जाती हैं. कफ सिरप बिना डॉक्टर के पर्चे के इन दुकानों से आसानी से खरीदे जा सकते हैं. इस पर कलेक्टर ने औषधि निरीक्षक को निर्देशित किया है कि यह सुनिश्चत करें कि बिना डॉक्टर के लिखे मेडिकल स्टोर से दवाएं नहीं दी जाएं. ऐसी सभी दवाओं का रिकॉर्ड रखा जाए, जो नशे के लिए इस्तेमाल की जाती हैं. यही नहीं किस डॉक्टर के पर्चे पर किसे दवा दी गई इसका भी रिकॉर्ड मेडिकल स्टोर संचालक को रखना अनिवार्य किया जाए. पुलिस अफसरों ने बताया कि गांजा चरस या अफीम को लेकर भोपाल में बड़े स्तर पर कार्रवाई की गई है. कुल 175 केस बनाए गए. इसमें 10 किलो चरस समेत गांजा और अफीम जब्त की गई. भोपाल के आसपास के इलाकों में भी यह कार्रवाई की गई. (Administration preparing for strict action)