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भोपाल में 10 साल से मृत लोगों के फर्जी हस्ताक्षर कर डकार रहे थे सरकारी पैसे, जानें कैसे हुआ भंडाफोड़ - सरदार पटेल संस्थान के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला

राजधानी भोपाल में संचालित हो रही सरदार पटेल शिक्षा समिति पदाधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. सोसायटी के पदाधिकारी मृत पदाधिकारियों के नाम से मिल रही सरकारी ग्रांट को लेकर धोखाधड़ी कर रहे थे.

fraud case against sardar patel institute
सरदार पटेल संस्थान के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला
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Published : Apr 11, 2023, 8:45 PM IST

सरदार पटेल संस्थान के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला

भोपाल। राजधानी में सरदार पटेल शिक्षा संस्थान के पदाधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला कायम किया गया है. संस्था के पदाधिकारियों ने संस्था के मृत हो चुके दो सदस्यों के जीवित होने के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनके हस्ताक्षर कर शासकीय ग्रांट ले कर जालसाजी को अंजाम दे रहे थे और यह पूरा खेल लगभग 10 साल से चल रहा था. पुलिस केस दर्ज कर आवश्यक दस्तावेज जुटा रही है. हनुमानगंज थाना प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि संस्था के मृत पदाधिकारियो के फर्जी हस्ताक्षर से यह पूरा खेल जारी था. इसमें सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है जिसकी जांच की जा रही है.

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10 साल से फर्जीवाड़ा: पुलिस की चुंगल में फंसे यह पदाधिकारियों लंबे समय से मृत पदाधिकारियो के फर्जी हस्ताक्षर पर जाली दस्तावेज से सामाजिक कल्याण विभाग से ग्रांट ले रहे थे. शातिर पदाधिकारियों का यह खेल करीब 10 सालों से जारी था. पुलिस ने बताया कि प्रतिमा उपाध्याय के जेठ शैलेन्द्र उपाध्याय ने पुलिस को धोखाधड़ी की शिकायत की थी. पुलिस ने शिकायत की जांच के बाद फरयादी की बहू प्रतिमा उपाध्याय सहित एक दर्जन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इस समिति के पदाधिकारियों की मौत 1995,1996 के दरमियान हो गई थी लेकिन आरोपी फर्जी दस्तावेज में इनको जिंदा रखे हुए थे. पुलिस अब सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है. पुलिस को आशंका है कि इस मे ओर भी लंबी कड़ी जुड़ सकती है. इस पूरे मामले में अभी कुछ और लोंगो को और आरोपी बनाया जा सकता है.

सरदार पटेल संस्थान के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला

भोपाल। राजधानी में सरदार पटेल शिक्षा संस्थान के पदाधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला कायम किया गया है. संस्था के पदाधिकारियों ने संस्था के मृत हो चुके दो सदस्यों के जीवित होने के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनके हस्ताक्षर कर शासकीय ग्रांट ले कर जालसाजी को अंजाम दे रहे थे और यह पूरा खेल लगभग 10 साल से चल रहा था. पुलिस केस दर्ज कर आवश्यक दस्तावेज जुटा रही है. हनुमानगंज थाना प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि संस्था के मृत पदाधिकारियो के फर्जी हस्ताक्षर से यह पूरा खेल जारी था. इसमें सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है जिसकी जांच की जा रही है.

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