भोपाल। मध्यप्रदेश में कल पुलिस द्वारा ड्यूटी के दौरान अपने प्राण गंवाने वाले पुलिस कर्मियों को नमन किया. इसी दौरान गुना 26वीं बटालियन में आरक्षक के पद में पदस्थ खुमान भिलाला जो कि चुनाव ड्यूटी के लिए त्रिपुरा के नागालैंड भेजे गए थे. 27 फरवरी 2023 में मत पेटी जमा कराने मुख्यालय जाते समय वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने से ड्यूटी करते समय उनकी मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था. उन्हें शहीद का दर्जा भी दिया गया था लेकिन अभी तक उनकी पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ नही मिला है. ऐसे में उनकी पत्नी के सामने अपनी तीन बच्चियों की लालन पालन की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है.
खाई में गिरने से आरक्षक की मौत: राजधानी में शनिवार को पुलिस स्मृति दिवस पर गुना से आई रायदा भिलाला जिनके स्वर्गीय पति खुमान भिलाला 26वीं वाहिनी विसबल गुना में आरक्षक 247 के पद पर तैनात थे. उन्होंने बताया कि ''इसी साल त्रिपुरा-नागालैण्ड विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान मेरे पति खुमान भिलाला की 27 फरवरी को चुनाव पेट्रोलिंग में ड्यूटी लगी थी. मतदान सम्पन्न होने के पश्चात जिला मुख्यालय पर ले जाने के दौरान ऑन ड्यूटी वाहन के ब्रेक फेल हो कर उक्त वाहन खाई में गिर जाने से मेरे पति का मत पेटी की रक्षा करते हुए दुखद निधन हो गया था.''
बेटी एक साल की, कैसे करूंगी ट्रेनिंग: रायदा भिलाला ने बताया कि ''उनके पति की अन्त्येष्टि एक मार्च को उनके गांव में की की गई थी.'' मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया भी शामिल हुए थे. उनके द्वारा सभी ग्रामीणों के सामने उन्होंने रायदा भिलाला को अनुकंपा में एएसआई (एम) की नियुक्ति एवं पति को शहीद का दर्जा दिलाये जाने व शासन से आर्थिक सहायता पुलिस कर्मचारियों को मिलने वाली सम्मान निधि दिलाये जाने की घोषणा की गई थी. लेकिन अब मुझे हवलदार के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जा रही है. ऐसे में तीन पुत्रियों की देखभाल करना है साथ ही मेरी सबसे छोटी बेटी केवल एक साल की है. मेरे सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि उसे ले कर मैं ट्रेनिंग और ड्यूटी कैसे कर पाऊंगी. इसके अलावा यदि जल्द ही अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलती है तो बच्चियों के लालन पालन के लिए मेरे पास आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है.
पति की मृत्यु के बाद बढ़ी परिवार की जिम्मेदारी: रायदा भिलाला ने बताया कि ''मेरे पति परिवार में 5 भाईयों में एकलौते कमाने वाले थे. पति के शहीद होने से परिवार पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है. मेरी 3 बेटियां एवं सास-ससुर बूढ़े होने से उनकी देख-रेख व पालन-पोषण की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई है. इसके चलते 26वीं वाहिनी विसबल गुना में आवेदन देकर कार्यालय सेनानी 26वीं वाहिनी विसबल गुना अथवा कर्यालय पुलिस अधीक्षक जिला गुना में सहायक उप निरीक्षक (अ) पर अनुकंपा नियुक्ति के लिये आवेदन प्रस्तुत किया गया था. 26वीं वाहिनी विसबल गुना द्वारा पुलिस मुख्यालय के संदर्भित पत्र का उल्लेख करते हुये आरक्षक (जीडी) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के लिये कहा गया है.''
फरवरी में छोड़ना पड़ेगा शासकीय आवास: उन्होंने बताया कि ''अभी वह अपनी बच्चियों के साथ अपने पति को मिले आवंटित शासकीय आवास में रह रही है तीनों बच्चियों की देख-रेख व उनकी पढ़ाई एवं बूढ़े सास-ससुर का भरण-पोषण की पूरी जिम्मेदारी, अन्य सभी घरेलू कार्य भी स्वंय सम्पन्न कर रही हैं. पर फरवरी 2024 में उन्हें यह मकान खाली करना पड़ेगा.'' उनका शासन से अनुरोध है कि उनकी समस्याओं को ध्यान में रखकर मानवीय आधार पर उन्हें को आरक्षक (जीडी) के स्थान पर कार्यालय सेनानी 26वीं वाहिनी विसबल गुना अथवा कार्यालय पुलिस अधीक्षक जिला गुना में अनुकंपा नियुक्ति दी जाए. जिससे वह अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का भी निर्वाहन कर सके.