भोपाल। मध्यप्रदेश के अलग-अलग विभागों में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों ने रविवार को कांग्रेस कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. यहां कर्मचारियों से पीसीसी चीफ कमलनाथ ने मुलाकात की. कर्मचारियों से मिलने के दौरान कमलनाथ ने आउटसोर्स और ठेकेदारी की व्यवस्था को गलत बताया और उनकी मांग को जायज बताया(outsourced employees protest on congress office). कमलनाथ ने कहा कि, "ठेकेदारी व्यवस्था गलत है और कांग्रेस कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करती है. सरकार कर्मचारियों की आवाज को दबाना चाहती है, इसलिए सरकार उन्हें धरना प्रदर्शन की भी इजाजत नहीं दे रही है."
आउट सोर्सिंग की परंपरा खत्म करेगी कांग्रेस: कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में पदाधिकारियों की बैठक में शामिल होने पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आउटसोर्स कर्मचारियों से मुलाकात की. कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने आउटसोर्स व्यवस्था खत्म करने की मांग को लेकर प्रशासन से धरना प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें चिनार पार्क में धरना प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी. इसके बाद विभिन्न विभागों में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारी कांग्रेस कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन पर बैठ गए. कमलनाथ ने कर्मचारियों से चर्चा करते हुए कहा कि, "आउट सोर्सिंग और ठेके की परंपरा गलत है. आप सभी सच्चाई का साथ दीजिए. कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस परंपरा को खत्म किया जाएगा(Kamalnath say job security get in congress rule). रोजगार से ज्यादा उसकी सिक्योरिटी बड़ी चिंता है."
कर्मचारियों ने कमलनाथ के सामने अपनी मांग रखी: मध्यप्रदेश कांग्रेस अस्थाई संविदा कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा के मुताबिक प्रदेश के विभिन्न विभागों में अस्थाई आउटसोर्स के जरिए कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है. सालों नौकरी करने के बाद भी उनकी जॉब की कोई सिक्योरिटी नहीं है. उम्र बढ़ने के साथ नौकरी की सुरक्षा घटती जाती है. ठेकेदारों द्वारा मनमानी की जाती है. संगठन ने सरकार से आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि सरकार ने अगर उनकी मांगें नहीं मानी तो सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया जाएगा.