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NIA ने जेएमबी सदस्य अली अजगर के खिलाफ दायर की सप्लीमेंट्री चार्जशीट, युवाओं को जिहाद के लिए उकसाता था - mp hindi news

मध्यप्रदेश में NIA ने जिला न्यायालय में प्रतिबंधित संगठन जेएमबी के एक आरोपी के खिलाफ एक और सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है. दरअसल राजधानी भोपाल के ऐशबाग इलाके से जेएमबी के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार किया था, इस पूरे मामले में अभी भी एनआईए और बारीकी से इस संगठन से जुड़े लोगों की तलाश कर रहा है. इसी के चलते अली अजगर को बिहार से गिरफ्तार किया गया था.

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Published : Jan 14, 2023, 11:01 AM IST

भोपाल। राजधानी में कुछ दिनों पूर्व ही जेएमबी के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था, इसमें से छह आरोपी बांग्लादेश से आए प्रवासी थे. NIA ने इस मामले में सबसे पहले 7 सितंबर 2022 को चार्जशीट दायर की थी, इस चार्जशीट में कहा गया कि जांच में पता चला है कि आरोपी अली अब्दुल्ला बिहारी और उमेर जेएमबी अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों की विचारधारा से प्रभावित हैं, इनकी मंशा भारत में देशविरोधी गतिविधियों को बढ़ाने की थी. पूर्व की चार्जशीट में कहा गया कि अली अजगर ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची थी, वह भारतीय मुस्लिमों को जेहाद के लिए उकसाता था.

NIA filed supplementary charge sheet
एनआईए ने दायर की सप्लीमेंट्री चार्जशीट

क्या कहा गया है सप्लीमेंट्री चार्जशीट में: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मध्य प्रदेश में जेएमबी के एक आरोपी अली अजगर के खिलाफ सप्लेमेंट्री चार्जशीट दायर की है, जिसमे कहा गया है कि बिहार के चंपारण के रहने वाले अली अजगर जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी)-अलकायदा के बैनर तले भारतीय युवाओं को जेहाद के लिए उकसाता था. वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता था, उसके पास से आपत्तिजनक साहित्य भी बरामद हुआ था. उसे बीते मार्च में गिरफ्तार किया गया था, वह उर्दू के जिहादी साहित्य को हिंदी में कंवर्ट करता था और लोगों में उसका प्रचार प्रसार करता था. उसके पास से एक लैपटॉप और दो मोबाइल जब किए गए थे, जिनका प्रयोग वह इन गतिविधियों के लिए करता था.

MP: PFI पर NIA की नकेल, एमपी से 21 संदिग्ध हिरासत में लिए गए, पूछताछ में हो सकते हैं कई बड़े खुलासे

सिमी के बाद जेएमबी, सूफा जैसे संगठन सक्रिय: बता दें कि साल 2014 में पश्चिम बंगाल के वर्धमान में बम ब्लास्ट में 2 लोग मारे गए थे. साल 2018 में बोधगया में भी बम ब्लास्ट किया गया था. इन घटनाओं में जेएमबी का नाम सामने आया था. जिसके बाद 2019 में भारत सरकार ने इस संगठन को 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था. इधर मध्यप्रदेश में सिमी को प्रतिबंधित कर दिया गया था. इससे जुड़े आतंकियों के पकड़े जाने के बाद माना जा रहा था कि, इसका पूरी तरह से सफाया हो गया है. लेकिन सूत्रों की मानें तो, सिमी के बाद जेएमबी, सूफा और पीएफआई जैसे संगठन प्रदेश में फिर सक्रिय हो गए हैं. NIA ने सितंबर में पीएफआई सदस्यों के खिलाफ भी कार्रवाई की थी.

भोपाल। राजधानी में कुछ दिनों पूर्व ही जेएमबी के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था, इसमें से छह आरोपी बांग्लादेश से आए प्रवासी थे. NIA ने इस मामले में सबसे पहले 7 सितंबर 2022 को चार्जशीट दायर की थी, इस चार्जशीट में कहा गया कि जांच में पता चला है कि आरोपी अली अब्दुल्ला बिहारी और उमेर जेएमबी अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों की विचारधारा से प्रभावित हैं, इनकी मंशा भारत में देशविरोधी गतिविधियों को बढ़ाने की थी. पूर्व की चार्जशीट में कहा गया कि अली अजगर ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची थी, वह भारतीय मुस्लिमों को जेहाद के लिए उकसाता था.

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एनआईए ने दायर की सप्लीमेंट्री चार्जशीट

क्या कहा गया है सप्लीमेंट्री चार्जशीट में: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मध्य प्रदेश में जेएमबी के एक आरोपी अली अजगर के खिलाफ सप्लेमेंट्री चार्जशीट दायर की है, जिसमे कहा गया है कि बिहार के चंपारण के रहने वाले अली अजगर जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी)-अलकायदा के बैनर तले भारतीय युवाओं को जेहाद के लिए उकसाता था. वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता था, उसके पास से आपत्तिजनक साहित्य भी बरामद हुआ था. उसे बीते मार्च में गिरफ्तार किया गया था, वह उर्दू के जिहादी साहित्य को हिंदी में कंवर्ट करता था और लोगों में उसका प्रचार प्रसार करता था. उसके पास से एक लैपटॉप और दो मोबाइल जब किए गए थे, जिनका प्रयोग वह इन गतिविधियों के लिए करता था.

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सिमी के बाद जेएमबी, सूफा जैसे संगठन सक्रिय: बता दें कि साल 2014 में पश्चिम बंगाल के वर्धमान में बम ब्लास्ट में 2 लोग मारे गए थे. साल 2018 में बोधगया में भी बम ब्लास्ट किया गया था. इन घटनाओं में जेएमबी का नाम सामने आया था. जिसके बाद 2019 में भारत सरकार ने इस संगठन को 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था. इधर मध्यप्रदेश में सिमी को प्रतिबंधित कर दिया गया था. इससे जुड़े आतंकियों के पकड़े जाने के बाद माना जा रहा था कि, इसका पूरी तरह से सफाया हो गया है. लेकिन सूत्रों की मानें तो, सिमी के बाद जेएमबी, सूफा और पीएफआई जैसे संगठन प्रदेश में फिर सक्रिय हो गए हैं. NIA ने सितंबर में पीएफआई सदस्यों के खिलाफ भी कार्रवाई की थी.

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