भोपाल। एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों के लिए अब क्रमिक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है. नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश भर के 32 हजार संविदा कर्मचारी जिला अस्पतालों में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. बता दें कि राजधानी के 1 हजार 250 जिला अस्पतालों में एक के बाद एक 3 कर्मचारी क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे.
भूख हड़ताल पर संविदा कर्मचारी: भूख हड़ताल पर बैठे 3 कर्मचारियों के साथ दर्जनों संविदा कर्मी मिलकर सरकार के खिलाफ हुंकार भर रहे हैं. एएनएम, सीएचओ, लैब टेक्नीशियन के साथ अन्य कर्मचारियों का आरोप है कि वह प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुचारु रुप से संचालन करने में अपना सहयोग देते हैं. जिला अध्यक्ष सुनंदा पटेल ने बताया कि "सरकार उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है. पूर्व में भी 1 महीने तक हड़ताल कर कर्मचारियों ने अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखा था, लेकिन कोई सुध नहीं ली गई. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के आश्वासन पर हड़ताल खत्म की थी, लेकिन इसके बाद भी कोई कुछ नहीं किया गया. इससे आक्रोशित होकर 18 अप्रैल से सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते मांगों पर अमल नहीं किया गया तो वह विधानसभा चुनाव में सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं.
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ये हैं तीन प्रमुख मांगे:
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर वरिष्ठता के आधार पर नियमित किया जाए. अन्य कर्मचारियों को 5 जून 2018 को सामान प्रशासन विभाग द्वारा पारित की गई नीति रेगुलर कर्मचारियों के समक्ष 90 प्रतिशत वेतनमान तत्काल लागू किया जाए. साथ ही सीएचओ कैडर को MLHP कैडर के तहत नियमित किया जाए.
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाकर आउटसोर्स ठेका प्रथा में किए गए सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए और विभाग के रिक्त पदों पर समायोजन किया जाए.
- संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा 15 दिसंबर 2022 से 3 जनवरी 2023 तक अनिश्चित कालीन हड़ताल की गई. जिस दौरान जिन संविदा कर्मचारियों पर पुलिस प्रकरण दर्ज किए गए हैं वह तत्काल वापस लिया जाएं.