भोपाल। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के साथ तहसीलदार संघ की बैठक को दोनों ओर से सफल बताया जा रहा है. लेकिन तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की मांगें कितने समय में पूरी हो जाएंगी, इसको लेकर समय सीमा का जिक्र नहीं किया गया है. अब आगे की रणनीति को लेकर तहसीलदार संघ 21 मार्च को बैठक करेगा.
21 मार्च को संगठन की बड़ी बैठक: तहसीलदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष गुलाब सिंह का कहना है, 'मंत्री से चर्चा सकारात्मक रही है और उन्होंने मांगों के जल्द निराकरण की भी बात कही है. हालांकि, निराकरण कितनी समय अवधि में होगा, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. 21 मार्च को संगठन की बड़ी बैठक रखी गई है. इसके बाद ही आगे का निर्णय होगा. फिलहाल मंगलवार को भी सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार सामूहिक अवकाश पर ही रहेंगे.' आपको बता दें कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार के अवकाश पर चले जाने से नामांतरण, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र से लेकर जमीन की नपाई तक के कार्यक्रम प्रभावित रहे. तहसील दफ्तरों में आने वाले लोग बिना काम कराए वापस लौट गए.
तहसीलदारों के अवकाश से लोग परेशान: मध्यप्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार वेतन विसंगति और प्रमोशन सहित कई मांगों को लेकर 3 दिन के अवकाश पर हैं. सोमवार को इसका असर भी साफ तौर पर नजर आया. तहसील कार्यालयों में सन्नाटा पसरा दिखा. इस दौरान यहां काम कराने आने वाले लोग खासे परेशान नजर आए. भोपाल में लालघाटी के पास रहने वाले राजकुमार जैन एक जमीन के नामांतरण के सिलसिले में तहसील कार्यालय पहुंचे थे. राजकुमार का कहना है कि उनके परिवार में से कोई भी अब भोपाल में नहीं रहता है. वे खुद मुंबई में रहकर जॉब करते हैं और 2 दिन के लिए ही भोपाल आए हैं. ऐसे में 3 दिनों तक तहसीलदारों के अवकाश पर जाने से इनका पूरा काम अटक गया है. उन्हें कई तरह का नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
तहसील कार्यालय में पसरा सन्नाटा: संतोष गुप्ता अपने बेटे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए तहसील कार्यालय आए थे, लेकिन यहां अधिकारियों के नहीं होने से इन्हें वापस लौटना पड़ा. इनका कहना है कि 1 दिन की बात होती है तो ठीक था, लेकिन 3 दिनों तक अगर तहसीलदार और नायब तहसीलदार अवकाश पर रहेंगे तो सारे काम ही अटक जाएंगे. यह नजारा सिर्फ एक तहसील कार्यालय का नहीं था, ऐसी स्थिति मध्यप्रदेश के हर तहसील कार्यालय में नजर आई.
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सरकार की बढ़ी परेशानी: तहसीलों में हड़ताल से सरकार को भी कई गुना राजस्व का नुकसान हुआ है. दूसरी ओर, तहसीलदार संघ के पदाधिकारी कैमरे के सामने तो कुछ नहीं बोले, लेकिन ऑफ कैमरा कहा कि जब तक मांगों का निराकरण नहीं होता, वे अवकाश पर ही रहेंगे. 3 दिन की समय अवधि पूरी होने के बाद आगे की रणनीति संगठन के लोग ही मिलकर बनाएंगे. बता दें कि मध्यप्रदेश में 1300 से भी अधिक तहसीलदार और नायब तहसीलदार हैं. यह सभी 3 दिन के लिए अवकाश पर चले गए हैं. दूसरी ओर, ओलावृष्टि से प्रदेश के कई जिले प्रभावित हैं. इन जिलों में सर्वे का काम भी इन्हीं के माध्यम से होना है. ऐसे में सरकार के सामने भी बड़ा सवाल है कि अगर यह जल्द से जल्द काम पर वापस नहीं लौटे तो सर्वे का काम भी प्रभावित हो जाएगा.