भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में आने वाले छात्र बुधवार को मेन रोड के गेट से ही वापस लौट गए. इन्हें अंदर प्रवेश ही नहीं मिल पाया, क्योंकि एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने मेन गेट पर ही ताला जड़ दिया था और गेट के समक्ष धरने पर बैठ गए थे. साथ में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री की सद्बुद्धि के लिए 'रघुपति राघव राजा राम' का गायन भी किया. यह सभी छात्र मध्य प्रदेश में लागू हुई नई शिक्षा नीति का विरोध कर रहे हैं.
शिक्षा नीति के बारे नहीं जानते उच्च शिक्षा मंत्री व CM: एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं का कहना है कि नई शिक्षा नीति के बारे में खुद उच्च शिक्षा मंत्री को कुछ पता नहीं है, जबकि मुख्यमंत्री भी इसके बारे में कुछ नहीं जानते हैं. बस देश में वाहवाही लूटने के लिए सबसे पहले इसे लागू मध्यप्रदेश में कर दिया गया है. एनएसयूआई के प्रदेश समन्वयक अक्षय तोमर का कहना है कि मध्यप्रदेश को बीजेपी की सरकार ने प्रयोगशाला बना लिया है और यहां पर तमाम तरह के प्रयोग लगातार किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में कई खामियां हैं, जिससे छात्र परेशान हो रहे हैं. छोटे-छोटे कामों के लिए भी उन्हें कई नियमों से गुजरना पड़ता है.
नई शिक्षा नीति लागू होने से छात्र परेशानः तोमर ने बताया कि "नई शिक्षा नीति लागू होने से प्रदेश के सभी छात्र परेशान हैं, जो भी छात्र एक या दो विषय में अनुत्तीर्ण हो गए हैं, उन्हें पुनः कॉपी जांच करवाने की अनुमति नहीं मिल रही है, जिसकी वजह से प्रदेश के हजारों छात्रों का ईयर बैक लग गया है. उन्होंने कहा कि हम विगत आठ महीनों से मंत्री जी से नई शिक्षा नीति में संशोधन करने की मांग कर रहे हैं, परंतु मंत्री जी के पास प्रदेश के लाखों छात्रों की परेशानी सुनने के लिए समय ही नहीं है. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव कैंटीन या पुस्तकालय का विमोचन करने के लिए तो समय देते हैं, लेकिन जब हमारे द्वारा उनसे मिलने के लिए समय मांगा गया तो वे अधिकारियों से मना करवा देते हैं."
बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव बरकतउल्ला विश्विद्यालय में ई-ग्रंथालय कार्यशाला में शामिल होने आए थे. वहीं, एनएसयूआई के कार्यकता सैकड़ों छात्रों के साथ मंत्री को बेशरम के फूल एवं ज्ञापन देने पहुंचे थे, लेकिन इन्हें मिलने से मना कर दिया गया और मंत्री को दूसरे रास्ते से रवाना किया गया था.