भोपाल। एमपी में बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने वाले लोगों के खिलाफ पार्टी ने एक्शन लिया है. पार्टी एक करीबन 35 लोगों को 6 साल के पार्टी से निष्काषित कर दिया है. ऐसे में अब वे पार्टी में 6 साल बाद ही सदस्यता ले सकेंगे. दरअसल, नामांकन वापसी की तारीख निकलने के बाद, अब बीजेपी ने उन बागियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है, जिन्होंने बगावत की थी. इनमें कई विधायक और पूर्व मंत्री भी शामिल हैं. ये सभी वे लोग हैं, जिन्हें पार्टी ने इस विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया है.
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विधानसभा चुनाव-2023 में उपरोक्त कार्यकर्ताओं ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध कार्य किया एवं चुनाव लड़ा है, जो कि अनुशासनहीनता के दायरे में आता है।
— BJP Madhya Pradesh (@BJP4MP) November 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
अतः भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री @vdsharmabjp द्वारा उपरोक्त कार्यकर्ताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से आगामी 6 वर्ष के लिए… pic.twitter.com/G14bwSesAM
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— BJP Madhya Pradesh (@BJP4MP) November 4, 2023
अतः भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री @vdsharmabjp द्वारा उपरोक्त कार्यकर्ताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से आगामी 6 वर्ष के लिए… pic.twitter.com/G14bwSesAMविधानसभा चुनाव-2023 में उपरोक्त कार्यकर्ताओं ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध कार्य किया एवं चुनाव लड़ा है, जो कि अनुशासनहीनता के दायरे में आता है।
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अतः भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री @vdsharmabjp द्वारा उपरोक्त कार्यकर्ताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से आगामी 6 वर्ष के लिए… pic.twitter.com/G14bwSesAM
पूर्व मंत्रियों के नाम शामिल: निष्काषित लोगों में पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के साथ विधायक केदार शुक्ल , पूर्व विधायक के के श्रीवास्तव, ममता मीना शामिल हैं. इस सूची में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान का नाम भी शामिल है. इनके अलावा ग्वालियर चंबल से पांच बागियों को पार्टी ने हटाया है. वहीं, आदिवासी बाहुल्य आलीराजपुर और उज्जैन से दो-दो नेताओं की छुट्टी कर दी गई है.
अमित शाह की समझाइश जबलपुर में काम आई: पार्टी में बढ़ रहे असंतोष को रोकने के लिए खुद अमित शाह को एमपी में डेरा डालना पड़ा था. वे इन क्षेत्रों में गए. जहां पर पार्टी को अपनो से खतरा था. शाह ने उनसे मुलाकात की और समझाइश भी दी. जिसका असर पार्टी नेताओं में दिखा. उनके बगावती तेवर ठंडे पड़े. हालांकि, अभी भी ऐसे कई बागी है, जो बीजेपी का खेल बिगाड़ सकते हैं.
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शहडोल की आदिवासी नेता फूलवती सिंह को भी निकाला: शहडोल जिले में आदिवासी नेता फूलवती सिंह काफी सुर्खियों में रही है. जब से शहडोल जिले के जयसिंहनगर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया है. उसके बाद से ही बीजेपी की आदिवासी नेता फूलवती सिंह विरोध में उतर आईं हैं, और पहले तो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जयसिंहनगर विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी मनीषा सिंह को लेकर विरोध जताया जब बात नहीं बनी तो फिर चुनाव लड़ने का मन बनाया.
फिर आखिर में विन्ध्य जनता पार्टी की प्रत्याशी बनकर चुनावी मैदान में खड़ी भी हो गई हैं. जयसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र के मुकाबले को और रोचक बना दिया है, लेकिन इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने भी बड़ा एक्शन लिया है.मतदान से पहले ही आदिवासी नेता फूलवती सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है.