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Karani Sena की चेतावनी, एमपी में फिर गूंजेगा माई के लाल का नारा, सरकार का होगा 2018 जैसा हश्र - करणी सेना का आंदोलन में माई के लाल का नारा

करणी सेना ने 8 जनवरी को भोपाल के जंबूरी मैदान में विशाल प्रदर्शन करने की बात कही है. (Bhopal Karani Sena) करणी सेना ने सरकार पर इस आंदोलन को दबाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है.

bhopal karani sena warn to bjp
भोपाल के जंबूरी मैदान में 8 जनवरी को करणी सेना का प्रदर्शन
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Published : Jan 4, 2023, 7:53 PM IST

Updated : Jan 4, 2023, 8:08 PM IST

भोपाल के जंबूरी मैदान में 8 जनवरी को करणी सेना का प्रदर्शन

भोपाल। मध्यप्रदेश में एक फिर बार माई के लाल का नारा गूंज गया है. यह नारा इस बार करणी सेना ने लगाया है. करणी सेना 8 जनवरी को सरकार के खिलाफ भोपाल राजधानी के जंबूरी मैदान में आंदोलन करने जा रही है. (Bhopal Karani Sena) करणी सेना आर्थिक आधार पर आरक्षण, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य, एट्रोसिटी एक्ट में परिवर्तन, गाय को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाने जैसी 22 सूत्रीय मांगों को लेकर यह आंदोलन करने जा रही है. आंदोलन को लेकर करणी सेना का कहना है कि हम वही माई के लाल हैं जिन्होंने 2018 में सत्ता का परिवर्तन किया था और सरकार हमें दबाने का प्रयास करेगी तो हम 2023 में भी सत्ता पलटने में सक्षम हैं.

आंदोलन दबाने की कोशिश: करणी सेना के प्रदेश संगठन मंत्री शैलेंद्र सिंह झाला ने आरोप लगाया कि भोपाल में 8 जनवरी को एक विशाल आंदोलन होने जा रहा है और सरकार इसे दबाने का काम कर रही है. आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने अपने अनुवांशिक संगठनों की मदद से 5 तारीख को एक विशाल आयोजन की बात कही और कहा है कि इसमें सभी करणी सेना के लोग शामिल हैं जबकि यह पूरा का पूरा आयोजन हमारे 8 तारीख को होने वाले आंदोलन को दबाने की कोशिश है. करणी सेना ने आरोप लगाया कि सरकार जंबूरी मैदान आंदोलन स्थल पर आसपास टीन की चादर और पत्थर लगाकर उसे कवर कर रही है जिससे आंदोलन प्रभावित हो सके और वहां लोग एकत्रित ना हो.

21 सूत्रीय मांगों को लेकर करणी सेना की होगी विशाल रैली, पैदल यात्रा पर निकल पड़ी 12 वर्ष की बेटी

करणी सेना ने दूसरे संगठनों को नकारा: 2 दिन पहले ही मध्य प्रदेश के समस्त क्षत्रिय राजपूत समाज संगठनों के द्वारा आयोजित क्षत्रिय समागम की तैयारी को लेकर विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी गण ने एक पत्रकार वार्ता की थी जिसको राजपाल सिंह सिसोदिया और राघवेन्द्र सिंह तोमर राजपूत महापंचायत के अध्यक्ष ने संबोधित किया था और सरकार के खिलाफ ना जाने की बात कही थी. इसको लेकर करणी सेना का कहना है कि उनका इस संगठन से कोई लेना देना नहीं है, यह संगठन सरकार के दबाव में आकर उनके आंदोलन को डैमेज करने की तैयारी में है.

कांग्रेस का करणी सेना को समर्थन: कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह भी करनी सेना के समर्थन में उतर आए हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आंदोलन स्थल को टीन की चादरों से कवर किए जाने को मैं उचित नही मानता. उन्होने खुले लफ्जों में कहा है कि सरकार दमन की नीति ना अपनाए. राजपूत समाज अपने हक की लड़ाई हमेशा से लड़ता आया है. कहीं उन्हे रोकने की कोशिशें सरकार पर ही भारी ना पड़ जाए.

भोपाल के जंबूरी मैदान में 8 जनवरी को करणी सेना का प्रदर्शन

भोपाल। मध्यप्रदेश में एक फिर बार माई के लाल का नारा गूंज गया है. यह नारा इस बार करणी सेना ने लगाया है. करणी सेना 8 जनवरी को सरकार के खिलाफ भोपाल राजधानी के जंबूरी मैदान में आंदोलन करने जा रही है. (Bhopal Karani Sena) करणी सेना आर्थिक आधार पर आरक्षण, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य, एट्रोसिटी एक्ट में परिवर्तन, गाय को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाने जैसी 22 सूत्रीय मांगों को लेकर यह आंदोलन करने जा रही है. आंदोलन को लेकर करणी सेना का कहना है कि हम वही माई के लाल हैं जिन्होंने 2018 में सत्ता का परिवर्तन किया था और सरकार हमें दबाने का प्रयास करेगी तो हम 2023 में भी सत्ता पलटने में सक्षम हैं.

आंदोलन दबाने की कोशिश: करणी सेना के प्रदेश संगठन मंत्री शैलेंद्र सिंह झाला ने आरोप लगाया कि भोपाल में 8 जनवरी को एक विशाल आंदोलन होने जा रहा है और सरकार इसे दबाने का काम कर रही है. आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने अपने अनुवांशिक संगठनों की मदद से 5 तारीख को एक विशाल आयोजन की बात कही और कहा है कि इसमें सभी करणी सेना के लोग शामिल हैं जबकि यह पूरा का पूरा आयोजन हमारे 8 तारीख को होने वाले आंदोलन को दबाने की कोशिश है. करणी सेना ने आरोप लगाया कि सरकार जंबूरी मैदान आंदोलन स्थल पर आसपास टीन की चादर और पत्थर लगाकर उसे कवर कर रही है जिससे आंदोलन प्रभावित हो सके और वहां लोग एकत्रित ना हो.

21 सूत्रीय मांगों को लेकर करणी सेना की होगी विशाल रैली, पैदल यात्रा पर निकल पड़ी 12 वर्ष की बेटी

करणी सेना ने दूसरे संगठनों को नकारा: 2 दिन पहले ही मध्य प्रदेश के समस्त क्षत्रिय राजपूत समाज संगठनों के द्वारा आयोजित क्षत्रिय समागम की तैयारी को लेकर विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी गण ने एक पत्रकार वार्ता की थी जिसको राजपाल सिंह सिसोदिया और राघवेन्द्र सिंह तोमर राजपूत महापंचायत के अध्यक्ष ने संबोधित किया था और सरकार के खिलाफ ना जाने की बात कही थी. इसको लेकर करणी सेना का कहना है कि उनका इस संगठन से कोई लेना देना नहीं है, यह संगठन सरकार के दबाव में आकर उनके आंदोलन को डैमेज करने की तैयारी में है.

कांग्रेस का करणी सेना को समर्थन: कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह भी करनी सेना के समर्थन में उतर आए हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आंदोलन स्थल को टीन की चादरों से कवर किए जाने को मैं उचित नही मानता. उन्होने खुले लफ्जों में कहा है कि सरकार दमन की नीति ना अपनाए. राजपूत समाज अपने हक की लड़ाई हमेशा से लड़ता आया है. कहीं उन्हे रोकने की कोशिशें सरकार पर ही भारी ना पड़ जाए.

Last Updated : Jan 4, 2023, 8:08 PM IST
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