भोपाल। मौजूदा समय में लोगों से पानी के लिए 210 रुपए और कचरे के लिए 90 रुपए लिए जा रहे हैं. दरअसल, राज्य सरकार द्वारा सभी निकायों में कचना प्रबंधन का काम किया जा रहा है. इसके लिए सभी निकायों में इंफ्रस्ट्रक्चर तैयार किया गया है. इसी तरह हर घर नल के तहत घर-घर पानी पहुंचाने की बेहतर व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इसके लिए निकायों द्वारा विदेशी बैंकों से लोन लिया गया है. यही वजह है कि विभाग अब जल आपूर्ति और कचरा प्रबंधन पर होने वाले खर्च की शत प्रतिशत वसूली जनता से करने की कोशिश है.
नई दरें तय करने के निर्देश : नगरीय प्रशासन विभाग ने तमाम निकायों को उपभोक्ता प्रभार की दरें तय करने के निर्देश दिए हैं. मौजूदा समय में राजधानी भोपाल में 2400 स्क्वायर फीट तक के प्लॉट पर बने मकानों से पानी का 210 रुपए प्रभार लिया जा रहा है. इससे ज्यादा बड़े भूखंडों की संपत्ति पर 300 रुपए हर माह शुल्क लिया जा रहा है, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में ही ऐसे बड़ी प्रॉपर्टी की संख्या बहुत कम है.
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निकाय चुनाव के कारण टला था : अब निकाय अपने रिकॉर्ड को दुरुस्त करने की तैयारी कर रहा है. वहीं शुल्क में भी बढोत्तरी की भी तैयारी की जा रही है. विभाग द्वारा प्रस्तावित शुल्क नगरीय प्रशासन द्वारा पूर्व में शुल्क प्रस्तावित किया था, हालांकि बाद में निकाय चुनाव के चलते इसे लागू नहीं किया जा सका था. हालांकि अब प्रदेश भर में नगरीय निकायों के गठन के बाद एक बार फिर इसे लागू किए जाने की कवायद शुरू हो गई है.