ETV Bharat / state

Bhopal श्रमोदय आवासीय स्कूल में छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत - बेड के नीचे पड़ी मिली

भोपाल के श्रमोदय आवासीय विद्यालय में एक बच्ची की मौत से हड़कंप मच गया. बताया जाता है कि छात्रा दो दिन से बीमार थी. हालांकि मौत का ये मामला संदिग्ध है. अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया. वहीं, परिजनों का कहना है कि उन्हें उसकी बीमारी के बारे में नहीं बताया गया.

Bhopal Girl student died under suspicious circumstances
Bhopal श्रमोदय आवासीय स्कूल में छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत
author img

By

Published : Jan 18, 2023, 4:09 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल के खजूरी सड़क थानांतर्गत ग्राम मुंगालिया स्थित श्रमोदय विद्यालय में पढ़ने वाली नौवीं कक्षा की एक छात्रा की संदिग्ध हालत में मौत हो गई. बताया जा रहा है कि पिछले दो दिन से छात्रा बीमार थी. पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पीएम कराने के बाद शव परिजन को सौंप दिया है. एक साल पहले ही इसी स्कूल में रहने वाले मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली थी.

बेड के नीचे पड़ी मिली : खजूरी थाना सड़क कि थाना प्रभारी संध्या मिश्रा ने बताया कि 16 साल की छात्रा मूलतः ग्राम रायपुर तहसील शाहपुर जिला बैतूल की रहने वाली थी. वह यहां श्रमोदय आवासीय विद्यालय में नौवीं में पढ़ती थी. पिछले दो-तीन दिनों से उसकी तबीयत खराब थी. श्रमोदय के नर्सिंग स्टाफ ने उसे दवाइयां दी थीं लेकिन वह काफी कमजोर हो गई थी. सोमवार रात करीब 12 बजे छात्रा ने सहेली से बातचीत की और अपने बिस्तर पर सोने चली गई. रात करीब तीन बजे सहेली की नींद खुली तो छात्रा बेड के नीचे पड़ी नजर आई.

डॉक्टरों ने मृत घोषित किया : जानकारी मिलते ही स्टाफ के लोग उसे जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे, जहां से हमीदिया रेफर किया गया. हमीदिया में डॉक्टरों ने चेक करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. लड़की के पिता हरपाल का कहना है कि एक सप्ताह पहले बेटी से उनकी बात हुई थी. उसके बाद से कोई जानकारी नहीं मिली. उन्हें उसकी तबीयत खराब होने की जानकारी भी नहीं दी गई थी. परिजन शव लेकर बैतूल चले गए. बता दें कि पिछले साल इसी स्कूल में दसवीं के छात्र ने सुसाइड किया था.

छात्रावास में अनियमिता से नाराज मंत्री विजय शाह, शिक्षा विभाग के अधिकारियों की क्लास ली, कहा-सम्मान के लायक नहीं

छात्रावासों के हाल बहुत खराब : मध्यप्रदेश के सरकारी छात्रावास व आवासीय स्कूलों में हालात बहुत खराब हैं. इन छात्रावासों में न तो पर्याप्त सुविधाएं और न ही कोई हिसाब-किताब देखने वाला है. समय-समय पर सरकारी छात्रावासों के मामले सामने आते हैं. लेकिन इनकी व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठाती. इन स्कूलों व छात्रावासों को मिलने वाले बजट की बंदरबांट होती है. इसी का नतीजा है कि यहां इस्तेमाल होने वाला फंड नेताओं व अफसरों की जेब में जाता है. सरकारी योजनाओं के नाम पर भ्रष्टाचार कैसे होता है, इसकी बानगी इन स्कूलों में देखी जा सकती है.

भोपाल। राजधानी भोपाल के खजूरी सड़क थानांतर्गत ग्राम मुंगालिया स्थित श्रमोदय विद्यालय में पढ़ने वाली नौवीं कक्षा की एक छात्रा की संदिग्ध हालत में मौत हो गई. बताया जा रहा है कि पिछले दो दिन से छात्रा बीमार थी. पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पीएम कराने के बाद शव परिजन को सौंप दिया है. एक साल पहले ही इसी स्कूल में रहने वाले मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली थी.

बेड के नीचे पड़ी मिली : खजूरी थाना सड़क कि थाना प्रभारी संध्या मिश्रा ने बताया कि 16 साल की छात्रा मूलतः ग्राम रायपुर तहसील शाहपुर जिला बैतूल की रहने वाली थी. वह यहां श्रमोदय आवासीय विद्यालय में नौवीं में पढ़ती थी. पिछले दो-तीन दिनों से उसकी तबीयत खराब थी. श्रमोदय के नर्सिंग स्टाफ ने उसे दवाइयां दी थीं लेकिन वह काफी कमजोर हो गई थी. सोमवार रात करीब 12 बजे छात्रा ने सहेली से बातचीत की और अपने बिस्तर पर सोने चली गई. रात करीब तीन बजे सहेली की नींद खुली तो छात्रा बेड के नीचे पड़ी नजर आई.

डॉक्टरों ने मृत घोषित किया : जानकारी मिलते ही स्टाफ के लोग उसे जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे, जहां से हमीदिया रेफर किया गया. हमीदिया में डॉक्टरों ने चेक करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. लड़की के पिता हरपाल का कहना है कि एक सप्ताह पहले बेटी से उनकी बात हुई थी. उसके बाद से कोई जानकारी नहीं मिली. उन्हें उसकी तबीयत खराब होने की जानकारी भी नहीं दी गई थी. परिजन शव लेकर बैतूल चले गए. बता दें कि पिछले साल इसी स्कूल में दसवीं के छात्र ने सुसाइड किया था.

छात्रावास में अनियमिता से नाराज मंत्री विजय शाह, शिक्षा विभाग के अधिकारियों की क्लास ली, कहा-सम्मान के लायक नहीं

छात्रावासों के हाल बहुत खराब : मध्यप्रदेश के सरकारी छात्रावास व आवासीय स्कूलों में हालात बहुत खराब हैं. इन छात्रावासों में न तो पर्याप्त सुविधाएं और न ही कोई हिसाब-किताब देखने वाला है. समय-समय पर सरकारी छात्रावासों के मामले सामने आते हैं. लेकिन इनकी व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठाती. इन स्कूलों व छात्रावासों को मिलने वाले बजट की बंदरबांट होती है. इसी का नतीजा है कि यहां इस्तेमाल होने वाला फंड नेताओं व अफसरों की जेब में जाता है. सरकारी योजनाओं के नाम पर भ्रष्टाचार कैसे होता है, इसकी बानगी इन स्कूलों में देखी जा सकती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.