भोपाल(PTI)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव को समझने और विज्ञान को समाज और संस्कृति से जोड़ने के लिए भारत की G20 अध्यक्षता के तहत 2 दिवसीय साइंस 20 सम्मेलन का आयोजन भोपाल में शुक्रवार को हुआ. बैठक में दो मुख्य सत्र शामिल थे और शिक्षा और कौशल, कानून और शासन, विरासत और संस्कृति के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर केंद्रित था. भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (INSA) के अध्यक्ष प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि इसमें सीमांत प्रौद्योगिकियों पर भी विचार-विमर्श किया गया और एक प्रमुख चर्चा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की समझ और प्रभाव पर केंद्रित थी.
विज्ञान एक अलग खोज: प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि बैठक में नौ G20 सदस्य देशों के 25 अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों सहित कुल 80 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. विज्ञान को समाज और संस्कृति से जोड़ने के केंद्र में यह मान्यता निहित है कि विज्ञान एक अलग खोज नहीं है, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संदर्भों में गहराई से अंतर्निहित है. विज्ञान का संकीर्ण दृष्टिकोण पूरी तरह से प्रयोगशालाओं और शैक्षणिक संस्थानों तक सीमित तकनीकी प्रयास के रूप में लंबे समय से अधूरा और तेजी से देखा जा रहा है.
सह-निर्माण की सुविधा प्रदान: विज्ञान को समाज और संस्कृति से जोड़ना केवल वैज्ञानिक जानकारी के प्रसार से परे है और इसमें उन सेतुओं का निर्माण शामिल है जो संवाद, आपसी समझ और यहां तक की वैज्ञानिक समुदायों और विविध सामाजिक हितधारकों के बीच सह-निर्माण की सुविधा प्रदान करते हैं. विघटनकारी प्रौद्योगिकियों और सतत विकास का उल्लेख करते हुए प्रोफेसर ने कहा कि विघटनकारी विज्ञान की क्षमता का पूरी तरह से उपयोग करने और इसके लाभों को समान रूप से वितरित करने के लिए वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं के बीच ज्ञान, सहयोग और जुड़ाव के बहु-दिशात्मक प्रवाह को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है.
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G20 देशों की वैज्ञानिक अकादमियां शामिल: S20, G20 का एक साइंस एंगेजमेंट वर्टिकल है, जिसे 2017 में जर्मनी की अध्यक्षता के दौरान स्थापित किया गया था. इसमें सभी G20 देशों की वैज्ञानिक अकादमियां शामिल हैं. प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि S20 एंगेजमेंट ग्रुप का मुख्य उद्देश्य नीति निर्माताओं को विज्ञान आधारित सिफारिशें प्रदान करना है जो आम सहमति पर आधारित है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रसिद्ध वैज्ञानिक आर चिदंबरम ने भी बैठक को संबोधित किया. एक अधिकारी ने कहा कि जहां चौहान ने लोगों के कल्याण के लिए विज्ञान के उपयोग पर जोर दिया, वहीं चिदंबरम ने 'विज्ञान को समाज और संस्कृति से जोड़ना' विषय पर विचार-विमर्श किया.