भोपाल। डॉक्टरों का कहना है कि कैंसर अस्पताल भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. अस्पताल में फैली अवस्थाओं को उजागर करने पर सस्पेंड कर दिया जाता है. प्रबंधन ने 2 डॉक्टरों को बुधवार को फिर बाहर का रास्ता दिखा दिया है. समिति की मंजूरी के बगैर सीईओ की नियुक्ति कर दी गई है.
जोशी परिवार का कब्जा : पदाधिकारियों ने बताया कि अस्पताल के संस्थापक अध्यक्ष मदन मोहन जोशी के निधन के बाद अस्पताल संचालन के सारे सूत्र अध्यक्ष आशा जोशी, दिव्या जोशी पराशर सहित जोशी परिवार के छह सदस्यों के हाथों में है. अध्यक्ष ने प्रबंध समिति की मंजूरी के बगैर अपनी बेटी दिव्या जोशी को न सिर्फ सीईओ नियुक्त कर दिया बल्कि साढ़े चार लाख मासिक वेतन भी स्वीकृत कर दिया है. यहीं नहीं अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्य धनंजय पराशर को भी दवा की ख़रीद-फरोख्त के काम पर ढाई लाख की पगार देना शुरू कर दिया है.
अस्पताल में मनमानी नियुक्तियां : एसोसिएशन ने बताया कि जब वह प्रबंधन की अनियमितताओं को उजागर कर रहे हैं तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है. बुधवार को भी दो डॉक्टरों को अस्पताल प्रबंधन ने सस्पेंड कर दिया है. सरकार से मांग करते हुए उन्होंने कहा कि संभागीय रजिस्ट्रार फर्म्स व रजिस्ट्रेशन की देखरेख में प्रबंधन समिति का पुनर्गठन किया जाए ताकि अस्पताल में हो रहे भ्रष्टाचार पर रोक लग सके. (Jawaharlal Nehru Cancer Hospital) (Controversy Jawaharlal Cancer Hospital) (Doctors again again accused) (Accused of irregularities)