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भोपाल: ट्यूशन फीस जमा नहीं होने के बावजूद ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं रह सकते छात्र - भोपाल कलेक्टर के निजी स्कूलों को निर्देश

भोपाल कलेक्टर ने जिले के सभी निजी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि ट्यूशन फीस जमा नहीं होने के बावजूद स्कूल प्रबंधक छात्रों को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं कर सकते.

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Published : Aug 7, 2020, 8:07 AM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण प्रदेश में फिलहाल स्कूल नहीं खोले जा रहे हैं, जिस वजह से बच्चों की पढ़ाई पर असर न हो इसलिए ऑनलाइन क्लासेस लगाई जा रही हैं. लेकिन इस दौरान कई निजी स्कूल बच्चों की ट्यूशन फीस जमा नहीं होने पर उन्हें ऑनलाइन क्लासेस में शामिल नहीं होने दे रहे हैं. प्रशासन के पास भी लगातार ऐसे मामलों को लेकर अभिभावक शिकायत कर रहे हैं. अब इस बात को ध्यान में रखते हुए भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने निर्देश जारी किए हैं. कलेक्टर अविनाश ने निर्देश दिया है कि फीस को लेकर ऑनलाइन कक्षाओं से छात्रों को वंचित नहीं रखा जा सकता है.

कलेक्टर द्वारा जारी निर्देश में बताया गया है कि मध्य प्रदेश बोर्ड से संबद्धित, CBSE और ICSE बोर्ड के सभी निजी स्कूल ऑनलाइन अध्ययनरत विद्यार्थियों को ट्यूशन फीस जमा नहीं करने पर ऑनलाइन कक्षा से नहीं रोक सकते हैं. फीस जमा नहीं होने पर विद्यार्थियों की शिक्षा पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए. वर्तमान परिस्थितियों में विद्यार्थियों की शिक्षा जारी रखी जाए. विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा सभी स्कूलों को उपलब्ध करानी होगी

ऑनलाइन कक्षा की फीस को लेकर गुरुवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया. इस दौरान कई अभिभावकों ने इस संबंध में शिकायत की कि कई निजी स्कूल ऑनलाइन कक्षा में फीस जमा नहीं होने के कारण बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रहे हैं .

जिसे देखते हुए भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना को तुरंत निर्देश जारी करते हुए कहा कि वह हर एक स्कूल में चलाई जा रही ऑनलाइन कक्षाओं का डाटा स्वयं एनालिसिस करें. निजी स्कूलों में निरीक्षण की कार्रवाई सुनिश्चित करें, ऑनलाइन कक्षा के जरिए कितने विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त हो रही है, विद्यार्थियों को शिक्षकों द्वारा उचित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो, इसके लिए टीचिंग स्टाफ की पर्याप्त व्यवस्था भी करें. उन्होंने निर्देश में कहा है कि ऑनलाइन कक्षा के अलावा अन्य गतिविधियों में भी विद्यार्थियों को पारंगत बनाने का काम किया जाए.

ये भी पढ़ें- इंसानियत का फिर राम नाम सत्य, कई दिनों तक लावारिस पड़ा रहा दिव्यांग का शव, पड़े कीड़े

बता दें कि कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी के पास निजी स्कूलों के खिलाफ करीब 700 से ज्यादा शिकायतें अब तक पहुंच चुकी हैं. लॉकडाउन के कारण निजी स्कूल लगातार ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहे हैं. प्रदेश सरकार ने सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के निर्देश ही दिए हैं.

इसके बावजूद भी कई निजी स्कूलों के द्वारा पूरी फीस वसूली जा रही है. कई स्कूल फीस नहीं जमा करने पर ऑनलाइन कक्षा से विद्यार्थियों को बाहर कर रहे हैं. इस संबंध में अभिभावकों ने जिला प्रशासन, मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग और जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत की है .

भोपाल। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण प्रदेश में फिलहाल स्कूल नहीं खोले जा रहे हैं, जिस वजह से बच्चों की पढ़ाई पर असर न हो इसलिए ऑनलाइन क्लासेस लगाई जा रही हैं. लेकिन इस दौरान कई निजी स्कूल बच्चों की ट्यूशन फीस जमा नहीं होने पर उन्हें ऑनलाइन क्लासेस में शामिल नहीं होने दे रहे हैं. प्रशासन के पास भी लगातार ऐसे मामलों को लेकर अभिभावक शिकायत कर रहे हैं. अब इस बात को ध्यान में रखते हुए भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने निर्देश जारी किए हैं. कलेक्टर अविनाश ने निर्देश दिया है कि फीस को लेकर ऑनलाइन कक्षाओं से छात्रों को वंचित नहीं रखा जा सकता है.

कलेक्टर द्वारा जारी निर्देश में बताया गया है कि मध्य प्रदेश बोर्ड से संबद्धित, CBSE और ICSE बोर्ड के सभी निजी स्कूल ऑनलाइन अध्ययनरत विद्यार्थियों को ट्यूशन फीस जमा नहीं करने पर ऑनलाइन कक्षा से नहीं रोक सकते हैं. फीस जमा नहीं होने पर विद्यार्थियों की शिक्षा पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए. वर्तमान परिस्थितियों में विद्यार्थियों की शिक्षा जारी रखी जाए. विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा सभी स्कूलों को उपलब्ध करानी होगी

ऑनलाइन कक्षा की फीस को लेकर गुरुवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया. इस दौरान कई अभिभावकों ने इस संबंध में शिकायत की कि कई निजी स्कूल ऑनलाइन कक्षा में फीस जमा नहीं होने के कारण बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रहे हैं .

जिसे देखते हुए भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना को तुरंत निर्देश जारी करते हुए कहा कि वह हर एक स्कूल में चलाई जा रही ऑनलाइन कक्षाओं का डाटा स्वयं एनालिसिस करें. निजी स्कूलों में निरीक्षण की कार्रवाई सुनिश्चित करें, ऑनलाइन कक्षा के जरिए कितने विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त हो रही है, विद्यार्थियों को शिक्षकों द्वारा उचित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो, इसके लिए टीचिंग स्टाफ की पर्याप्त व्यवस्था भी करें. उन्होंने निर्देश में कहा है कि ऑनलाइन कक्षा के अलावा अन्य गतिविधियों में भी विद्यार्थियों को पारंगत बनाने का काम किया जाए.

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बता दें कि कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी के पास निजी स्कूलों के खिलाफ करीब 700 से ज्यादा शिकायतें अब तक पहुंच चुकी हैं. लॉकडाउन के कारण निजी स्कूल लगातार ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहे हैं. प्रदेश सरकार ने सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के निर्देश ही दिए हैं.

इसके बावजूद भी कई निजी स्कूलों के द्वारा पूरी फीस वसूली जा रही है. कई स्कूल फीस नहीं जमा करने पर ऑनलाइन कक्षा से विद्यार्थियों को बाहर कर रहे हैं. इस संबंध में अभिभावकों ने जिला प्रशासन, मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग और जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत की है .

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