भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के हमीदिया अस्पताल परिसर में कई सौगातें प्रदेशवासियों को दी. यहां 2000 बिस्तरों के अस्पताल के लोकार्पण के साथ ही ओपीडी ब्लॉक और नर्सिंग कॉलेज व हॉस्टल के लिए आधारशिला भी रखी गई. इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इमरजेंसी वार्ड का भी शुभारंभ किया. जिसमें मरीज को तत्काल सुविधा मिल जाएगी. सीएम शिवराज ने डॉक्टर्स के लिए बड़ी घोषणा करते हुए DACP को लागू करने की बात कही. बता दें कि इसी मांग को लेकर प्रदेश के मेडिकल टीचर्स हड़ताल पर गए थे. इसके तहत तय समय पर पद/प्रमोशन न होने पर वेतनमान का लाभ दिया जाता है.
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मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, गृह इत्यादी सभी विभागों में कार्यरत चिकित्सकों के लिए टीएसीपी की व्यवस्था लागू की जाएगी।
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) August 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
मेडिकल कॉलेज के सभी डॉक्टर्स को 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा: CM pic.twitter.com/TboZgHmxHD
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— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) August 28, 2023
मेडिकल कॉलेज के सभी डॉक्टर्स को 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा: CM pic.twitter.com/TboZgHmxHDमध्यप्रदेश में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, गृह इत्यादी सभी विभागों में कार्यरत चिकित्सकों के लिए टीएसीपी की व्यवस्था लागू की जाएगी।
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मेडिकल कॉलेज के सभी डॉक्टर्स को 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा: CM pic.twitter.com/TboZgHmxHD
डॉक्टरों ने प्रसन्नता जताई: DACP (Dynamic Assured Career Progression Scheme) केंद्र और अन्य राज्यों में पहले से लागू है. इस पर सभी डॉक्टर ने प्रसन्नता जताई है. टीचर्स एसोसिएशन के राकेश मालवीय का कहना है कि ''उनकी मांगों का निराकरण मुख्यमंत्री ने कर दिया है. ऐसे में डॉक्टर और बेहतर तरीके से अपनी सेवाएं दे पाएंगे.''
CM ने ये घोषणाएं भी की
- मेडिकल कॉलेज के सभी डॉक्टर्स को 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा.
- NPA की गणना में जहां भी त्रुटि हुई है उसमें सुधार करने के निर्देश.
- चिकित्सा शिक्षा विभाग के संविदा स्वस्थ कर्मियों को बाकी संविदा करचारियों के समान ही सुविधाएं मिलेंगी.
- समान काम समान पेमेंट दिया जाएगा.
- सीट लीविंग बॉन्ड के नियमों को भी ठीक किया जायेगा.
- नर्सिंग होम के परिवर्तन शुल्क, नर्सिंग होम को उन्ही स्थान पर संचालित करने का निर्णय लिया है. जिसमें 15 प्रतिशत की जगह सरकार 5 प्रतिशत फीस लेगी.
पहले बीमारू राज्य कहा जाता था एमपी: सीएम शिवराज ने संबोधित करते हुए कहा कि ''एक जमाना था जब मध्यप्रदेश बीमारू राज्य कहा जाता था. आज प्रदेश की अर्थव्यवस्था 2003-03 के मुकाबले कई गुना तक बढ़ी है. हमने हर क्षेत्र में प्रगति की, लेकिन हेल्थ और एजुकेशन की सुविधाएं थोड़ी कमतर थीं. कोविड के दौरान एजुकेशन के लिए सीएम राइज की कल्पना जन्मी और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ने का भी संकल्प किया. डॉक्टर्स के बिना स्वस्थ समाज नहीं रह सकता. भोपाल गैस त्रासदी के समय भी हमीदिया और बाकी सरकारी अस्पताल ही काम आए. कोविड काल में भी हमीदिया और सरकारी अस्पतालों ने बड़ी भूमिका निभाई है.''
आलोक शर्मा को कहा बर्रुकट भोपाली: शिवराज सिंह ने कहा कि ये अस्पताल किसी कॉरपोरेट अस्पताल से कम नहीं हैं. अपने कॉलेज में आकर प्रभुराम चौधरी को वैसा ही लग रहा होगा जैसा मुझे अपने कॉलेज में लगता है.'' CM शिवराज ने 'अहसान तुम्हारा मेरे दिल पर है साथियों' इस गीत की लाइन भी सुनाई. शिवराज ने आलोक शर्मा को बर्रुकट भोपाली कहा. वह बोले आलोक शर्मा इस क्षेत्र के उम्मीदवार भी हैं. तो वहीं जूनियर डॉक्टर को शरारती भांजे-भांजियां कहते हुए पुकारा. सीएम ने कहा ''जब मैं मुख्यमंत्री बना था तब पांच सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, आने वाले समय में 30 मेडिकल कॉलेज मध्य प्रदेश में होंगे.''
सितंबर से हिंदी में होगी मेडिकल की पढ़ाई: चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि ''मध्य प्रदेश देश में एक ऐसा राज्य है जिसने मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू कराई है और यह काम हमने सफलतापूर्वक किया है. इसमें हमारे मुख्यमंत्री का सबसे अहम योगदान रहा है. इस सितंबर के महीने में सेकंड ईयर, थर्ड ईयर और फोर्थ ईयर के किताबें और पढ़ाई भी हिंदी में शुरू कर दी जाएगी. मेडिकल की पढ़ाई में अंबेडकर, हेगडेवाल और दीनदयाल के बारे में भी पढ़ाया जाएगा. इन्होंने भले मेडिकल के क्षेत्र में काम न किया हो. लेकिन उनके व्यक्तित्व से नए चिकित्सा बहुत कुछ सीखेंगे. डॉक्टर की मांगों को लेकर नाराजगी थी वह तमाम मांगों का निराकरण किया गया, जिसमें DACP का भी मामला है.''
इमरजेंसी मेडिसिन विभाग: हमीदिया अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग एक विशेष तरह से कम करने वाला विभाग है. यहां इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को तत्काल उपचार मिल सके, इसको देखते हुए पहले उन्हें उपचार कराया जाएगा. उसके बाद ही उनका पर्चा या आदि डॉक्यूमेंट बनाए जाएंगे. इसके माध्यम से पर्चा बनवाने में जितना टाइम जाता था उसका उपयोग बाद में किया जाएगा. पहले मरीज को इलाज देना यह हमने प्राथमिकता में शामिल है. ऐसे में मरीज के साथ आने वाले परिजनों को पर्चा बनवाने के लिए भी इधर-उधर नहीं भटकना होगा और बाद में आराम से वह पर्चा बनवा सकेंगे. इमरजेंसी मेडिकल विभाग शुरू होने से यह भी निश्चित किया जाएगा कि मरीज को कितनी देर में इलाज मिल रहा है.
इमरजेंसी वार्ड में बनाए 3 जोन: इस इमरजेंसी वार्ड का ईटीवी भारत ने निरीक्षण किया. इस इमरजेंसी वार्ड में तीन तरह से जोन बनाए गए हैं, रेड, येलो और ग्रीन. जिसमें अलग-अलग कैटेगरी के मरीजों को शिफ्ट किया जाएगा. साथ ही वेंटिलेटर के बेड हैं, जिसमें वेंटीलेटर को आसानी से मरीज के साथ ही लेकर जाया जा सकेगा. यह पोर्टेबल वेंटिलेटर का यूज किया जा सकता है. इसके साथ ही ओपीडी के नए ब्लॉक में एक ही जगह पर तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है. जिसका भी शिवराज ने भूमिपूजन किया. इसमें जांच के नमूने से लेकर दवा वितरण की सुविधा उसी जगह पर होगी. जिससे मरीज को और उसके परिजनों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा. यहां पर एक क्रिटिकल केयर ब्लॉक भी स्थापित होगा.
नर्सिंग कॉलेज: जीएमसी के परिसर में बनाए जा रहे नर्सिंग कॉलेज व होस्टल की भी स्थापना आने वाले समय में की जाएगी. जिसका भूमिपूजन भी शिवराज ने किया. इसमें कई कोर्स भी संचालित होंगे. ऐसे में अगर नर्सिंग कॉलेज भी यहां रहेगा तो निश्चित ही जो नर्स की ट्रेनिंग यहां उन्हें मिलेगी. वह बेहद उच्च स्तर की होगी इससे स्वास्थ्य सुविधाओं में और विस्तार हो पाएगा.
ये है सुविधाएं
- 2000 बिस्तर के इस अस्पताल में आईसीयू के 240 बेड होंगे.
- ब्लड बैंक के लिए एक अलग से ब्लॉक बनाया जा रहा है.
- नवजात शिशु के लिए गहन चिकित्सा इकाई.
- संक्रमण को रोकने के लिए सीएसएसडी इकाई की स्थापना भी की जाएगी.
- मेडिकल रिकॉर्ड रूम और लॉन्ड्री भी बड़े रूप में स्थापित की जा रही है.
- 19 ऑपरेशन थिएटर भी यहां संचालित किये जाएंगे.
- एक बड़े ऑडिटोरियम की स्थापना भी की जा रही है जिसमें 350 से अधिक की क्षमता रहेगी.
इन डॉक्टर्स का किया गया सम्मानित: कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज ने शाल श्रीफल पहनाकर डॉक्टरों का सम्मानित किया. जिसमें डॉक्टर एचएस त्रिवेदी, डॉक्टर स्वर्णालता बिसारिया, डॉ निर्भय श्रीवास्तव, डॉ योगेश शर्मा, डॉ बीपी दुबे शामिल रहे.