भोपाल। सोमवार को सीबीआई (central beuro of investigation) की एक साथ एमपी के चार जिले में छापेमार कार्रवाई हुई, इसमें रेलवे के दो अधिकारियों को दबोचा गया. सीबीआई सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर संजय कुमार निगम समेत तीन लोगों को 50000 रुपए रिश्वत लेने और देने के मामले में गिरफ्तार किया है.
सूत्रों ने बताया कि "नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) कटनी में सड़क निर्माण करवा रहा है, यह कॉन्ट्रैक्ट स्टेट से बाहर की कंपनी श्रीजी इंफ्रास्ट्रक्चर के पास है. सड़क निर्माण में एक रेलवे का ब्रिज आड़े आ रहा है, चूंकि इस तरह के मामले पटरी से जुड़े होने के कारण अनुमति रेलवे के अलग अलग लेवल से लेनी हाेती है. जब कंपनी के अफसरों ने कटनी स्थित रेलवे के अधिकारियों से संपर्क किया तो उनसे 50 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की गई, तब सीबीआई को भनक लगी कि रिश्वत मांगने वाला रेलवे का इंजीनियर संजय कुमार निगम है और वह अनुमति देने की एवज में 50 हजार रुपए की डिमांड कर रहा है."
सीबीआई ने पूरा जाल बिछाया: सोमवार दोपहर श्रीजी कंपनी के इंजीनियर राम सजीवन पाल 50 हजार रुपए लेकर रेलवे इंजीनियर को देने के लिए गेस्ट हाउस पहुंचे थे, रेलवे के इंजीनियर ने पैसे रेलवे टेक्नीशियन राकेश चोकसे को देने को कह दिया. जैसे ही कंपनी के व्यक्ति ने रिश्वत चौकसे के हाथ में दी तो सीबीआई ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने पाया कि इस पूरे मामले से भोपाल डीआरएम ऑफिस के साथ जबलपुर, कटनी और छिंदवाड़ा के भी तार जुड़े हैं, इसके बाद रात में ही भोपाल डीआरएम ऑफिस के साथ ही जबलपुर, कटनी और छिंदवाड़ा समेत करीब दर्जन भर स्थानों पर छापेमारी कार्रवाई की और कई जरूरी दस्तावेज व व नगद राशि भी बरामद की.
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फिलहाल कार्रवाई का केंद्र बिंदु कटनी: बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई में काफी नगद राशि मिली है, रात में ही सीबीआई ने इस पूरे मामले में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कई अफसरों को शक के आधार पर हिरासत में लिया है और अब उनसे पूछताछ की जाएगी. अभी इस मामले में सीबीआई की कार्रवाई जारी रहेगी, सीबीआई सूत्रों से पता चला है कि फिलहाल कार्रवाई का केंद्र बिंदु कटनी ही है.
इसके पहले भोपाल डीआरएम में हुई थी कार्रवाई: बीते छह माह में सीबीआई की यह दूसरी कार्रवाई है. इसके पहले भी भोपाल डीआरएम ऑफिस में पदस्थ मुकेश भगत नाम की एक अधिकारी को सीबीआई ने घूस लेने के मामले में गिरफ्तार किया था, मुकेश भगतनामक यह अधिकारी सेटलमेंट सेल में पदस्थ था. उसके ऊपर आरोप है कि पेंशन और बकाया भुगतान के मामले में इस ऑफिसर ने 20 हजार रुपए की मांग की थी, सीबाीआई को जानकारी मिली तो जाल बिछाकर डीआरएम ऑफिस में पदस्थ इस अफसर रंगे हाथों 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था.