भोपाल| बुद्ध पूर्णिमा की रात साल का आखिरी सुपरमून दिखा, तो शहर का नजरा बदला-बदला नजर आया. चांद पृथ्वी से लाखों किलोमीटर दूर होने के बाद भी चारों तरफ अपनी रोशनी बिखेर रहा था, इसे देखने के लिए राजधानी के लोगों में भी काफी उत्साह देखा गया. देर रात लोग घरों की छतों पर इस सुपरमून को निहारते रहे.
सुपरमून पृथ्वी से 3 लाख 61 हजार 184 किलोमीटर दूर स्थित रहकर सामान्य पूर्णिमा की तुलना में 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकदार दिखाई दे रहा था. पश्चिमी देशों में इस समय खिलने वाले फूलों के कारण इसे सुपर फ्लावर मून, प्लॉटिंग मून, मिल्क मून नाम भी दिया गया है.