ETV Bharat / state

निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारियों का प्रदर्शन - सराकरी बैंक

बैंकों के प्राइवेटाइजेशन के सरकार के फैसले के खिलाफ बैंक यूनियनों के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. इसको लेकर बैंकिग सेवाएं प्रभावित हो रही हैं.

Performance of bank employees
बैंक कर्मचारियों का प्रदर्शन
author img

By

Published : Mar 15, 2021, 2:46 PM IST

भोपाल। सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन के सरकार के फैसले के खिलाफ बैंक यूनियनों के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. भोपाल के सभी बैंकों में आज ताला लगा हुआ है. इससे बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो रही हैं.

जनरल सेक्रेटरी, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के संजय उदासियां
  • बैंक कर्मचारी कर रहे बैंक के बाहर प्रदर्शन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान एलान किया था कि सरकार इस साल 2 सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी के निजीकरण का फैसला किया है. इसी को लेकर बैंक कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. अभी देश में 12 सरकारी बैंक है 2 बैंकों का निजीकरण वित्त वर्ष 2022 में किया जाएगा. प्राइवेटाइजेशन के बाद उनकी संख्या घटकर 10 रह जाएगी, जिसका कर्मचारी विरोध कर रहे हैं.

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस: अब आसानी से मिलता है न्याय

  • 1969 के पहले की हालत पर ले जा रही सरकार

बैंक कर्मचारी का कहना है कि यह प्रदर्शन बैंक कर्मचारियों के लिए नहीं आम उपभोक्ता के लिए है. 1969 में जब बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ था, उस समय दुनिया में आर्थिक मंदी आई थी. तब भी भारत में बैंकों के चलते आर्थिक मंदी नहीं आई थी. बैंक घाटे में सरकार की नीतियों के कारण ही जा रही है, उनकी जो योजनाएं हैं वह सही तरीके से नहीं हो पा रही है, जिससे बैंकों को घाटा उठाना पड़ रहा है.

भोपाल। सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन के सरकार के फैसले के खिलाफ बैंक यूनियनों के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. भोपाल के सभी बैंकों में आज ताला लगा हुआ है. इससे बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो रही हैं.

जनरल सेक्रेटरी, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के संजय उदासियां
  • बैंक कर्मचारी कर रहे बैंक के बाहर प्रदर्शन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान एलान किया था कि सरकार इस साल 2 सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी के निजीकरण का फैसला किया है. इसी को लेकर बैंक कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. अभी देश में 12 सरकारी बैंक है 2 बैंकों का निजीकरण वित्त वर्ष 2022 में किया जाएगा. प्राइवेटाइजेशन के बाद उनकी संख्या घटकर 10 रह जाएगी, जिसका कर्मचारी विरोध कर रहे हैं.

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस: अब आसानी से मिलता है न्याय

  • 1969 के पहले की हालत पर ले जा रही सरकार

बैंक कर्मचारी का कहना है कि यह प्रदर्शन बैंक कर्मचारियों के लिए नहीं आम उपभोक्ता के लिए है. 1969 में जब बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ था, उस समय दुनिया में आर्थिक मंदी आई थी. तब भी भारत में बैंकों के चलते आर्थिक मंदी नहीं आई थी. बैंक घाटे में सरकार की नीतियों के कारण ही जा रही है, उनकी जो योजनाएं हैं वह सही तरीके से नहीं हो पा रही है, जिससे बैंकों को घाटा उठाना पड़ रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.