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भोपाल एम्स में चल रहे एमबीडब्ल्यू के तीसरे फेज के ट्रायल पर रोक, रायपुर में मरीजों पर पड़ा नेगेटिव असर

राजधानी भोपाल स्थित एम्स में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में चल रहे एमबीडब्ल्यू दवा के क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे फेज को रोक दिया गया है. पढ़िए पूरी खबर...

Ban on the third phase trial of MBW running in Bhopal AIIMS
एम्स में चल रहे एमबीडब्ल्यू के तीसरे फेज के ट्रायल पर रोक
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Published : Jul 31, 2020, 4:17 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित एम्स में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में चल रहे एमबीडब्ल्यू दवा के क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे फेज को रोक दिया गया है. माइक्रोबैक्टेरियम डब्ल्यू दवा का ट्रायल राजधानी भोपाल सहित देश के 4 एम्स अस्पताल एम्स दिल्ली, एम्स चंडीगढ़ और एम्स भोपाल में किया जा रहा था. इसी कड़ी में रायपुर में मरीजों पर इस दवा का नेगेटिव असर देखने को मिला है, जिसके बाद आईसीएमआर ने तत्काल प्रभाव से इसका ट्रायल रोक दिया है.

एम्स भोपाल से मिली जानकारी के मुताबिक एम्स रायपुर में मरीजों पर चल रहे तीसरे चरण क्रिटिकल केयर में मरीजों पर नुकसानदायक असर देखने को मिला है, जिसके बाद आदेशनुसार एम्स भोपाल में भी इस चरण के क्लिनिकल ट्रायल को फिलहाल रोक दिया है. वहीं इसके 2 चरणों में कम गम्भीर मरीज और बिना लक्षण वाले मरीजों को अब भी इस दवा का डोज दिया जा रहा है.

माइक्रोबैक्टेरियम डब्लू दवा कुष्ठ रोग में दी जाती है. इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. एम्स भोपाल के क्लिनिकल ट्रायल के शुरुआती नतीजे सकारात्मक देखने को मिले थे.

गौरतलब है कि आईसीएमआर और फ़ूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की मंजूरी के बाद एम्स भोपाल में कुष्ठ रोग में दी जाने वाली दवा एमडब्ल्यू का क्लीनिकल ट्रॉयल एम्स में अप्रैल महीने में शुरू किया गया था. यह ट्रायल देश की सबसे बड़ी अनुसंधान एजेंसी कॉउन्सिल ऑफ साइंटिफिक एन्ड इंडस्ट्रियल रिसर्च की देखरेख में किया जा रहा है. जिसको तीसरे चरण में रोक दिया गया है.

भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित एम्स में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में चल रहे एमबीडब्ल्यू दवा के क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे फेज को रोक दिया गया है. माइक्रोबैक्टेरियम डब्ल्यू दवा का ट्रायल राजधानी भोपाल सहित देश के 4 एम्स अस्पताल एम्स दिल्ली, एम्स चंडीगढ़ और एम्स भोपाल में किया जा रहा था. इसी कड़ी में रायपुर में मरीजों पर इस दवा का नेगेटिव असर देखने को मिला है, जिसके बाद आईसीएमआर ने तत्काल प्रभाव से इसका ट्रायल रोक दिया है.

एम्स भोपाल से मिली जानकारी के मुताबिक एम्स रायपुर में मरीजों पर चल रहे तीसरे चरण क्रिटिकल केयर में मरीजों पर नुकसानदायक असर देखने को मिला है, जिसके बाद आदेशनुसार एम्स भोपाल में भी इस चरण के क्लिनिकल ट्रायल को फिलहाल रोक दिया है. वहीं इसके 2 चरणों में कम गम्भीर मरीज और बिना लक्षण वाले मरीजों को अब भी इस दवा का डोज दिया जा रहा है.

माइक्रोबैक्टेरियम डब्लू दवा कुष्ठ रोग में दी जाती है. इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. एम्स भोपाल के क्लिनिकल ट्रायल के शुरुआती नतीजे सकारात्मक देखने को मिले थे.

गौरतलब है कि आईसीएमआर और फ़ूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की मंजूरी के बाद एम्स भोपाल में कुष्ठ रोग में दी जाने वाली दवा एमडब्ल्यू का क्लीनिकल ट्रॉयल एम्स में अप्रैल महीने में शुरू किया गया था. यह ट्रायल देश की सबसे बड़ी अनुसंधान एजेंसी कॉउन्सिल ऑफ साइंटिफिक एन्ड इंडस्ट्रियल रिसर्च की देखरेख में किया जा रहा है. जिसको तीसरे चरण में रोक दिया गया है.

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