भोपाल| कोरोना वायरस के चलते प्रदेश में अभी भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिसे नियंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार के द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदेश के लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए शासन स्तर पर लगातार आयुर्वेद दवाओं का वितरण भी किया जा रहा है. आयुर्वेदिक दवाइयों के माध्यम से कोविड-19 का किस तरह से मुकाबला किया जा सकता है, इसे लेकर योगगुरू बाबा रामदेव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्यप्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की है.
इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी प्रशंसा की है. साथ ही उन्होंने आयुर्वेद की दवाओं का सेवन ज्यादा से ज्यादा लोगों को करने की सलाह दी है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, सचिव आयुष एमके अग्रवाल आदि उपस्थित रहे.
योगगुरू बाबा रामदेव ने कहा कि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में आयुर्वेदिक दवाओं के माध्यम से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर कोरोना संक्रमण रोकने की दिशा में सराहनीय कार्य हुआ है. कोरोना मरीजों पर भी प्रदेश में आयुर्वेद दवा का उपयोग कारगर रहा है. कोरोना को नियंत्रित करने की मध्यप्रदेश से जो दिशा निकलेगी उससे पूरे विश्व को लाभ होगा. प्राणायाम और आयुर्वेदिक औषधियां कोरोना को रोकने के इलाज में अत्यंत उपयोगी हैं.
दो करोड़ लोगों को आयुर्वेदिक काढ़ा वितरित
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, प्रदेश में कोरोना के इलाज और संक्रमण रोकने की श्रेष्ठतम व्यवस्था की गई है. साथ ही लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग किया जा रहा है. अभी तक लगभग 2 करोड़ लोगों को आयुष विभाग के सहयोग से त्रिकटु काढ़े के पैकेट्स वितरित किए गए है. कोरोना कार्य में लगे स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी आदि को भी काढ़ा पिलाया जा रहा है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बाबा रामदेव को प्रदेश के चिकित्सा अधिकारियों को आयुर्वेदिक दवाओं के इस्तेमाल और प्राणायाम संबंधी मार्गदर्शन देने के लिए धन्यवाद दिया और आशा व्यक्त की है कि, आयुर्वेदिक दवाओं और प्राणायाम का उपयोग कोरोना के विरूद्ध जंग जीतने में अत्यधिक सहायक होंगे.
जिसकी इम्युनिटी अच्छी उसका कोरोना कुछ नहीं बिगाड़ सकता
बाबा रामदेव ने कहा कि, जिस व्यक्ति की इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) अच्छी है, उसका कोरोना कुछ नहीं बिगाड़ सकता. प्राणायाम और आयुर्वेदिक दवाओं के उपयोग से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी हो जाती है.
कोरोना के संक्रमण को तोड़ने में अश्वगंधा व गिलोए उपयोगी
बाबा रामदेव ने बताया कि, कोरोना वायरस से होने वाले संक्रमण को तोड़ने में अश्वगंधा और गिलोए अत्यंत कारगर होते हैं. कोरोना मरीजों के उपचार में इनके उपयोग के अच्छे परिणाम सामने आए हैं.
6 प्राणायाम नियमित रूप से करें
बाबा रामदेव ने बताया कि, कोरोना से बचाव के लिए 6 प्राणायाम भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम, विलोम, भ्रामरी और उज्जयी नियमित रूप से करें. कोरोना के मरीज भी ये प्राणायाम कर सकते है. प्राणायाम का तुरंत लाभ होता है.
गिलोए, तुलसी, काली मिर्च, हल्दी, अदरक का काढ़ा पिए
बाबा रामदेव ने बताया कि, कोरोना को रोकने के लिए गिलोए, तुलसी, काली मिर्च, हल्दी और अदरक का काढ़ा रोज पिए. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी अच्छी हो जाती है. गिलोए, अश्वगंधा और अणुतेल भी काफी उपयोगी है.
आरोग्य कसायन-20 से कोरोना मरीजों को लाभ
सचिव आयुष एमके अग्रवाल ने बताया कि, मध्यप्रदेश में क्वारंटाइन सेंटर्स में रहने वाले 4 हजार लोगों को और कोरोना के 532 मरीजों को आरोग्य कसायन-20 आयुर्वेदिक औषधि दी गई, जिसके काफी अच्छे परिणाम सामने आए है. इन मरीजों में से 504 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गए है. प्रदेश में 7 आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम निरंतर शोध कर रही है, कि कोरोना के विरूद्ध कौन-कौन सी आयुर्वेद की दवाएं अत्यंत उपयोगी हैं. इस संबंध में एक शोध पत्र भी तैयार किया गया है.
40 साल से बीमार नहीं हुआ
योग गुरू रामदेव ने बताया कि, वे 40 साल से एक बार भी बीमार नहीं हुए है. जब भी थोड़ी अस्वस्थता महसूस होती है वे काढ़े और गिलोए का उपयोग करते हैं. साथ ही नियमित रूप से प्राणायाम करते हैं.
मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों के प्रश्नों के उत्तर दिए
बाबा रामदेव ने प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों से कोरोना के उपचार के विषय में चर्चा की. चिकित्सा अधिकारियों ने बाबा रामदेव को बताया कि वे, किस प्रकार उनके जिलों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं, प्राणायाम आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के भी समाधानकारक उत्तर दिए.