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आयुर्वेदिक जूनियर डॉक्टर्स की गांधीगिरीः कॉलेज कैंपस में झाड़ू लगा शुरू की सांकेतिक हड़ताल, 24 से अनिश्चिकालीन स्ट्राइक

आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी भोपाल में होने सहित अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश के आयुर्वेदिक जूनियर डॉक्टर्स ने सांकेतिक हड़ताल सोमवार से शुरू कर दी है. इनका कहना है कि अगर मांगें नहीं मानी गई तो 24 फरवरी से अनिश्चिकालीन हड़ताल होगी. (Ayurvedic Junior Doctors)

Ayurvedic Junior Doctors on strike
आयुर्वेदिक जूनियर डॉक्टर्स की सांकेतिक हड़ताल
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Published : Feb 21, 2022, 8:05 PM IST

भोपाल। अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर के आयुर्वेदिक जूनियर डॉक्टर्स ने हड़ताल शुरू कर दी है. भोपाल के आयुर्वेदिक अस्पताल में शाम के समय उन्होंने झाड़ू लगाकर गांधीगिरी से अपने आंदोलन की शुरुआत की है. इनका कहना है कि अगर मांगें नहीं मानी गई तो 24 तारीख से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी. प्रदेश भर में हुई हड़ताल में 7 सरकारी और 13 प्राइवेट कॉलेज की जूनियर डॉक्टर्स शामिल हुए.

आयुर्वेदिक जूनियर डॉक्टर्स की सांकेतिक हड़ताल
गांधीगिरी से आंदोलन की शुरुआत
प्रदेश के आयुर्वेदिक जूनियर डॉक्टर्स अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन पर अग्रसर हैं. भोपाल में आयुर्वेद कॉलेज का हब और तमाम अन्य मांगों को लेकर उन्होंने अपने आंदोलन की शुरुआत गांधीगिरी से की है. इसके लिए उन्होंने परिसर में ही झाड़ू लगाई और अपनी आवाज बुलंद की. उनका कहना है कि अगर मांगें नहीं मानी तो 24 तारीख से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी. इस हड़ताल में आयुर्वेदिक इंटर जूनियर असिस्टेंट और तमाम डॉक्टर्स शामिल हैं.


पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आयुर्वेदिक डाॅक्टरों का आंदोलन तेज! 21 से रहेंगे हड़ताल पर


हड़ताल पर 7000 छात्र
प्रदेश में 7000 से अधिक आयुर्वेद के जूनियर डॉक्टर्स है और वे सभी अब हड़ताल पर हैं. दरअसल प्रदेश में आयुर्वेदिक कॉलेज की स्थिति खराब होने और छात्रों को प्रॉपर सुविधा नहीं मिलने के चलते सभी छात्र अब हड़ताल पर हैं. छात्रों ने बताया कि बुरहानपुर में आयुर्वेदिक कॉलेज में टीचर ही नहीं है, केवल दो से तीन पुराने टीचर काम कर रहे हैं. अधिकतर टीचरों ने ट्रांसफर लेकर भोपाल, इंदौर, जबलपुर आदि जिलों में पोस्टिंग करा ली है. जिससे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


इन मांगों को लेकर हड़ताल
छात्रों की मांगों में स्टाइपेंड के साथ जबलपुर की जगह आयुष की शाखा भोपाल में स्थानांतरित किए जाने की मांग है. इसके साथ ही लोक सेवा आयोग द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी की भर्ती प्रतिवर्ष निकाली जाए और वर्ष में आयोजित की जाने वाली इस परीक्षा से संविदा कर्मियों को दिए जाने वाला 15% अंक को हटाया जाए. जन संकल्प 2013 में घोषित 1000 आयुष औषधालय को शीघ्र खोला जाए और आयुर्वेदिक छात्रों को भी सशर्त चिकित्सा का अधिकार मिले. छात्रों का कहना है कि, उनकी मांगे नहीं मानी गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

(Ayurvedic Junior Doctors on strike)

भोपाल। अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर के आयुर्वेदिक जूनियर डॉक्टर्स ने हड़ताल शुरू कर दी है. भोपाल के आयुर्वेदिक अस्पताल में शाम के समय उन्होंने झाड़ू लगाकर गांधीगिरी से अपने आंदोलन की शुरुआत की है. इनका कहना है कि अगर मांगें नहीं मानी गई तो 24 तारीख से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी. प्रदेश भर में हुई हड़ताल में 7 सरकारी और 13 प्राइवेट कॉलेज की जूनियर डॉक्टर्स शामिल हुए.

आयुर्वेदिक जूनियर डॉक्टर्स की सांकेतिक हड़ताल
गांधीगिरी से आंदोलन की शुरुआत
प्रदेश के आयुर्वेदिक जूनियर डॉक्टर्स अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन पर अग्रसर हैं. भोपाल में आयुर्वेद कॉलेज का हब और तमाम अन्य मांगों को लेकर उन्होंने अपने आंदोलन की शुरुआत गांधीगिरी से की है. इसके लिए उन्होंने परिसर में ही झाड़ू लगाई और अपनी आवाज बुलंद की. उनका कहना है कि अगर मांगें नहीं मानी तो 24 तारीख से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी. इस हड़ताल में आयुर्वेदिक इंटर जूनियर असिस्टेंट और तमाम डॉक्टर्स शामिल हैं.


पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आयुर्वेदिक डाॅक्टरों का आंदोलन तेज! 21 से रहेंगे हड़ताल पर


हड़ताल पर 7000 छात्र
प्रदेश में 7000 से अधिक आयुर्वेद के जूनियर डॉक्टर्स है और वे सभी अब हड़ताल पर हैं. दरअसल प्रदेश में आयुर्वेदिक कॉलेज की स्थिति खराब होने और छात्रों को प्रॉपर सुविधा नहीं मिलने के चलते सभी छात्र अब हड़ताल पर हैं. छात्रों ने बताया कि बुरहानपुर में आयुर्वेदिक कॉलेज में टीचर ही नहीं है, केवल दो से तीन पुराने टीचर काम कर रहे हैं. अधिकतर टीचरों ने ट्रांसफर लेकर भोपाल, इंदौर, जबलपुर आदि जिलों में पोस्टिंग करा ली है. जिससे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


इन मांगों को लेकर हड़ताल
छात्रों की मांगों में स्टाइपेंड के साथ जबलपुर की जगह आयुष की शाखा भोपाल में स्थानांतरित किए जाने की मांग है. इसके साथ ही लोक सेवा आयोग द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी की भर्ती प्रतिवर्ष निकाली जाए और वर्ष में आयोजित की जाने वाली इस परीक्षा से संविदा कर्मियों को दिए जाने वाला 15% अंक को हटाया जाए. जन संकल्प 2013 में घोषित 1000 आयुष औषधालय को शीघ्र खोला जाए और आयुर्वेदिक छात्रों को भी सशर्त चिकित्सा का अधिकार मिले. छात्रों का कहना है कि, उनकी मांगे नहीं मानी गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

(Ayurvedic Junior Doctors on strike)

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