भोपाल। कोविड वैक्सीन लगाने के लिए सेकंड उसके जो निर्धारित किए गए हैं, वह केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार ही किया जा रहा है. अभी कोविशील्ड वैक्सीन का जो समय है, वह 84 दिनों से 112 दिनों के बीच का रखा है. जबकि कोवैक्सीन के दूसरे डोस का समय 25 से 42 दिन के बाद ही रखा गया है. इसको लेकर एनएचएम के असिस्टेंट डायरेक्टर और राज्य के वैक्सीनेशन प्रभारी संतोष शुक्ला का कहना है कि मध्य प्रदेश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है.
क्या एमपी में वैक्सीन की कमी है?
कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन के दूसरे डोज को लेकर भी लोगों में संशय की स्थिति है. ऐसे में नेशनल हेल्थ मिशन मध्य प्रदेश के असिस्टेंट डायरेक्टर और राज्य टीकाकरण प्रभारी संतोष शुक्ला का कहना है कि फिलहाल मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन को लेकर चल रहे अभियान का पालन केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार ही किया जा रहा है. मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन की कोई कमी नहीं है. केंद्र की जैसे-जैसे गाइडलाइन आ रही है, उस हिसाब से मध्यप्रदेश में टीकाकरण किया जा रहा है. अभी 4 दिन सामान्य सभी लोगों के लिए जिसमें सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शनिवार का दिन निर्धारित किया गया है, जबकि मंगलवार और शुक्रवार महिलाओं के लिए निर्धारित है.
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एमपी में दो ही लगाई जा रही है वैक्सीन
संतोष शुक्ला का कहना है कि लोगों में वैक्सीनेशन के दूसरे डोज को लेकर जो भ्रांतियां हैं, वह अलग-अलग हैं. मध्यप्रदेश में फिलहाल दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन ही लगाई जा रही हैं. कोवैक्सीन के दूसरे डोज के दिन 25 से 42 दिन रखे गए हैं, जबकि कोविशील्ड के 84 से 112 दिन के बाद दूसरे डोज लगाने का निर्धारण किया गया है.
दूसरे डोस में एंटीबॉडी की संख्या 90%
एनएचएम के असिस्टेंट डायरेक्टर का कहना है कि जो रिसर्च आए थे. उसके हिसाब से और केंद्र की गाइडलाइन के हिसाब से ही दिन बढ़ाए गए हैं. राज्य वैक्सीनेशन प्रभारी ने बताया कि पहले जहां 42 दिन बाद लगने वाले वैक्सीन से शरीर में एंटीबॉडी की संख्या 60- 70% होती थी लेकिन अब 84 दिन के बाद दूसरा डोस लगने से शरीर में एंटीबॉडी की संख्या 90% देखने में आ रही है.
दूसरे डोज लगवाना बेहद जरुरी
इसलिए केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार ही दिनों को बढ़ाया गया है. जहां तक पहला डोज, कोविशील्ड वैक्सीन का है, तो दूसरा भी कोविशील्ड लगाने का है. संतोष शुक्ला का कहना है कि ऐसा पहले से आभास था कि लोग ऐसा भ्रम कर लेंगे. लेकिन जिन्हें जो वैक्सीन का पहला डोज लगा है, वहीं दूसरा डोज भी लगवाना चाहिए और यही सरकार की भी प्रयास है.