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MP के कई शहरों में AQI खतरनाक स्तर से ऊपर, दीपावली पर प्रदूषण बढ़ा तो होगी अस्थमा के मरीजों को परेशानी

NGT ने शहरों के एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक पटाखे फोड़ने या रोक लगाने के अधिकारी स्थानीय प्रशासन को दिए हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश के कई शहरों का AQI चिंताजनक है.

MP के कई शहरों में AQI खतरनाक स्तर से ऊपर
MP के कई शहरों में AQI खतरनाक स्तर से ऊपर
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Published : Oct 29, 2021, 10:13 PM IST

भोपाल/इंदौर। एनजीटी ने लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए जहां पर एयर क्वालिटी अच्छी है, वहां पर ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति दी है. मध्य प्रदेश के लिहाज से देखें तो प्रदेश के बड़े शहरों मे एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 के ऊपर है. 29 अक्टूबर के डाटा से पता चलता है कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर AQI में मॉडरेट श्रेणी में है, तो वहीं ग्वालियर की स्थिति चिंताजनक है. यहां पर प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है जो कि 276 है, पुअर श्रेणी में रखा गया है. मॉडरेट श्रेणी में आने वाला प्रदूषण यह बताता है कि अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति, हृदय संबंधी रोग वाले बच्चे और बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत आ सकती है.

कितने AQI पर खराब होती है हवा?

AQIस्वास्थ्य प्रभाव
0 से 50गुड
1 से 100सेटिसफेक्ट्री
101 से 200 मॉडरेट
201 से 300पुअर
301 से 400वेरी पुअर
401 से 500सीवियर

प्रदेश के कई शहरों में बढ़ा हुआ है AQI

भोपाल से लगे मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया में लोगों को सांस लेने में दिक्कत है. यहां पर प्रदूषण स्तर बढ़ा हुआ है जो कि 199.7 है, लेकिन दिवाली के मौके पर यहां पर प्रदूषण का स्तर और बढ़ेगा. वहीं सिंगरौली जहां फैक्ट्रियों के चलते हमेशा प्रदूषण का स्तर बढ़ा रहता है. यहां भी स्थिति अच्छी नहीं है. यहां पर AQI 257.48 है. जो कि पुअर श्रेणी में आता है. सागर का स्तर भी ठीक नहीं है, यहां का स्तर 248.74 है जो कि चिंताजनक है. सतना जो की सीमेंट फैक्ट्री के लिए जाना जाता है, वहां पर फिलहाल AQI बेहतर स्थिति में है. यहां पर AQI 75.17 है, जो कि सेटिसफेक्ट्री है.

इंदौर में स्थिति चिंताजनक

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में प्रदूषण से लोगों का हाल बेहाल है. इंदौर का AQI 157.35 है. यानी शहर की आबो-हवा फिलहाल बच्चों, अस्थमा के मरीजों के लिए ठीक नहीं है. ऐसे में दीपावली पर यहां प्रदूषण और बढ़ने की संभावना है. ऐसे में देश के सबसे स्वच्छ शहर की हवा

MP के कई शहरों में AQI खतरनाक स्तर से ऊपर

NGT ने जारी किए हैं दिशा-निर्देश

दीपावली, क्रिसमस और नए साल पर पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की याचिका एनजीटी में दायर की गई. सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने पटाखों को लेकर आदेश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में पटाखों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है, तो वहीं एनजीटी ने शहरों की वायु गुणवत्ता के आधार पर पटाखे फोड़ने या रोक लगाने के निर्देश कलेक्टर, राज्य सरकार, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को दिए हैं.

क्या है एनजीटी की गाइडलाइन

वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से ऊपर होने पर पटाखों पर रोक होगी. यदि 101 से 200 के अंदर वायु गुणवत्ता है, तो दीपावली के दिन सिर्फ ग्रीन पटाखे 2 घंटे फोड़ सकेंगे, क्रिसमस और नए साल के वक्त रात 12 बजे से लेकर 12:30 तक ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति रहेगी.

MP सरकार का पटाखों पर बैन से इनकार

मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार हार्ड हिंदुत्व की राह पर है. पहले कोरोना के चलते लोगों की नाराजगी, अब सरकार नहीं चाहती की नाराजगी बढ़े, इसी वजह से प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि फिलहाल यह उत्सव हर्षोल्लास का है. पटाखों पर किसी भी तरह का बैन सरकार नहीं लगा रही, उनका कहना है कि इस देश में हर पर्व और त्योहार को मनाने की स्वतंत्रता है. पर्व खुशियों के साथ मनाएं, सभी लोग त्योहार आनंद पूर्वक मनाएं.

लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि वे समय-समय पर लगातार मॉनिटरिंग करते हैं. भोपाल में सात स्पॉट बनाये गए हैं जो काम कर रहे हैं, अभी फिलहाल शहरों का जो एयर क्वालिटी इंडेक्स है वह फिलहाल सेटिसफैक्ट्री है, लेकिन इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि दीपावली पर ही पटाखे फूटेंगे तो प्रदूषण बढ़ेगा, हालांकि अभी जो प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं, उसमें सड़कों से उड़ने वाली धूल और वाहनों से निकलने वाला धुआं है.

प्रदेश के बड़े शहरों का AQI

शहरAQI
भोपाल191.1
ग्वालियर276.95
इंदौर 157.35
जबलपुर172.79
उज्जैन142.39
कटनी211.87
सिंगरौली257.48

भोपाल/इंदौर। एनजीटी ने लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए जहां पर एयर क्वालिटी अच्छी है, वहां पर ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति दी है. मध्य प्रदेश के लिहाज से देखें तो प्रदेश के बड़े शहरों मे एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 के ऊपर है. 29 अक्टूबर के डाटा से पता चलता है कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर AQI में मॉडरेट श्रेणी में है, तो वहीं ग्वालियर की स्थिति चिंताजनक है. यहां पर प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है जो कि 276 है, पुअर श्रेणी में रखा गया है. मॉडरेट श्रेणी में आने वाला प्रदूषण यह बताता है कि अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति, हृदय संबंधी रोग वाले बच्चे और बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत आ सकती है.

कितने AQI पर खराब होती है हवा?

AQIस्वास्थ्य प्रभाव
0 से 50गुड
1 से 100सेटिसफेक्ट्री
101 से 200 मॉडरेट
201 से 300पुअर
301 से 400वेरी पुअर
401 से 500सीवियर

प्रदेश के कई शहरों में बढ़ा हुआ है AQI

भोपाल से लगे मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया में लोगों को सांस लेने में दिक्कत है. यहां पर प्रदूषण स्तर बढ़ा हुआ है जो कि 199.7 है, लेकिन दिवाली के मौके पर यहां पर प्रदूषण का स्तर और बढ़ेगा. वहीं सिंगरौली जहां फैक्ट्रियों के चलते हमेशा प्रदूषण का स्तर बढ़ा रहता है. यहां भी स्थिति अच्छी नहीं है. यहां पर AQI 257.48 है. जो कि पुअर श्रेणी में आता है. सागर का स्तर भी ठीक नहीं है, यहां का स्तर 248.74 है जो कि चिंताजनक है. सतना जो की सीमेंट फैक्ट्री के लिए जाना जाता है, वहां पर फिलहाल AQI बेहतर स्थिति में है. यहां पर AQI 75.17 है, जो कि सेटिसफेक्ट्री है.

इंदौर में स्थिति चिंताजनक

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में प्रदूषण से लोगों का हाल बेहाल है. इंदौर का AQI 157.35 है. यानी शहर की आबो-हवा फिलहाल बच्चों, अस्थमा के मरीजों के लिए ठीक नहीं है. ऐसे में दीपावली पर यहां प्रदूषण और बढ़ने की संभावना है. ऐसे में देश के सबसे स्वच्छ शहर की हवा

MP के कई शहरों में AQI खतरनाक स्तर से ऊपर

NGT ने जारी किए हैं दिशा-निर्देश

दीपावली, क्रिसमस और नए साल पर पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की याचिका एनजीटी में दायर की गई. सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने पटाखों को लेकर आदेश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में पटाखों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है, तो वहीं एनजीटी ने शहरों की वायु गुणवत्ता के आधार पर पटाखे फोड़ने या रोक लगाने के निर्देश कलेक्टर, राज्य सरकार, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को दिए हैं.

क्या है एनजीटी की गाइडलाइन

वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से ऊपर होने पर पटाखों पर रोक होगी. यदि 101 से 200 के अंदर वायु गुणवत्ता है, तो दीपावली के दिन सिर्फ ग्रीन पटाखे 2 घंटे फोड़ सकेंगे, क्रिसमस और नए साल के वक्त रात 12 बजे से लेकर 12:30 तक ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति रहेगी.

MP सरकार का पटाखों पर बैन से इनकार

मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार हार्ड हिंदुत्व की राह पर है. पहले कोरोना के चलते लोगों की नाराजगी, अब सरकार नहीं चाहती की नाराजगी बढ़े, इसी वजह से प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि फिलहाल यह उत्सव हर्षोल्लास का है. पटाखों पर किसी भी तरह का बैन सरकार नहीं लगा रही, उनका कहना है कि इस देश में हर पर्व और त्योहार को मनाने की स्वतंत्रता है. पर्व खुशियों के साथ मनाएं, सभी लोग त्योहार आनंद पूर्वक मनाएं.

लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि वे समय-समय पर लगातार मॉनिटरिंग करते हैं. भोपाल में सात स्पॉट बनाये गए हैं जो काम कर रहे हैं, अभी फिलहाल शहरों का जो एयर क्वालिटी इंडेक्स है वह फिलहाल सेटिसफैक्ट्री है, लेकिन इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि दीपावली पर ही पटाखे फूटेंगे तो प्रदूषण बढ़ेगा, हालांकि अभी जो प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं, उसमें सड़कों से उड़ने वाली धूल और वाहनों से निकलने वाला धुआं है.

प्रदेश के बड़े शहरों का AQI

शहरAQI
भोपाल191.1
ग्वालियर276.95
इंदौर 157.35
जबलपुर172.79
उज्जैन142.39
कटनी211.87
सिंगरौली257.48
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