भोपाल। देश के गृह मंत्री अमित शाह रविवार को मध्यप्रदेश दौरे पर रहे. जहां गृह मंत्री पहले एमपी की राजधानी भोपाल पहुंचे, उसके बाद वे ग्वालियर के लिए रवाना हुए. ग्वालियर जाने से पहले अमित शाह ने भोपाल में सभा को संबोधित किया. जहां उन्होंने कांग्रेस से उनके 50 सालों का रिपोर्ट कार्ड दिखाने की चुनौती दी और दिग्विजय सिंह को बंटाधार और कमलनाथ को करप्शन नाथ कहा. तो वहीं एमपी चुनाव में सीएम फेस को लेकर शिवराज का नाम न लेते हुए पार्टी पर फैसला छोड़ने की बात कही. इस सभा में एक रिपोटर द्वारा सवाल पूछने पर केंद्रीय गृह मंत्री भड़क गए.
एक सवाल पर बौखलाए अमित शाह: दरअसल, अमित शाह प्रदेश सरकार के 20 साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड पेश करने भोपाल पहुंचे थे. इस दौरान जब अमित शाह से सवाल पूछा गया कि आपने कमलनाथ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. जबकि केंद्र और राज्य दोनों जगह आपकी सरकार है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करते. इस सवाल पर अमित शाह बौखला गए. उन्होंने कहा कि "हम कहीं भी पॉलिटिकल एजेंडा के तहत एक्शन नहीं लेते, लेकिन मुझे लगता है कि यदि ये कमलनाथ का स्पॉन्सर किया हुआ सवाल है, तो इनको ऐसी गलती नहीं करना चाहिए. इससे इनके खिलाफ जांच की गति तेज हो सकती है. शाह ने कहा कि जिस तरह से एक्शन हो रहा है उसे लेकर विपक्षियों में हड़कंप है."
परिवारवाद पर अमित शाह का जवाब: एमपी में चुनाव टिकट वितरण में बीजेपी की पहली लिस्ट में परिवारवाद दिखा. चुनावी जीत के लिए पार्टी ने अपने फॉर्मूले को डायलूट किया है. गृह मंत्री अमित शाह ने परिवारवाद की परिभाषा को अपने शब्दो में बताया. उन्होंने कहा किसी परिवार से इक्का-दुक्का लोग आ जाते हैं तो उसे परिवारवाद नहीं कहा जाता. इस परिभाषा को डाइल्यूट करना गलत है, परिवारवाद तो कांग्रेस में है, समाजवादी पार्टी में है, उद्धव परिवार में है.
जब राजनीति किसी परिवार की मिल्कियत बन जाती है, उसे परिवादवाद कहा जाता है. ऐसे में डेमोक्रेसी में जो चुनकर आता है, लेकिन उसे जगह नहीं मिलती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी में परिवारवाद होता तो नरेंद्र मोदी हो या फिर मैं, इस कुर्सी पर नहीं पहुंच पाते. हमारे यहां एक छोटा सा कार्यकर्ता भी ऊंचे पद पर बैठ जाता है."
रेवड़ियां या मुफ्तखोरी हम चुनाव के वक्त नहीं बांटते: देश में इस वक्त राजनीतिक पार्टियां रेवड़ी बांटकर जनता को खुश करने में जुटी है. बीजेपी भी उसी राह पर है, लेकिन अमित शाह ने इसको नकारते हुए कहा की "बीजेपी में ऐसा नहीं होता, हम चुनावों को देखकर घोषणाएं नहीं करते. हमारी योजनाएं देख लीजिए ये वे योजनाएं हैं, जो चुनाव के पहले की हैं. शाह बोले अब जनता भी बहुत समझदार है, वो ये देखती है कि कौन सी पार्टी ने उसके लिए क्या किया है.
अमित शाह के निशाने पर दिग्विजय सिंह और कमलनाथ: अमित शाह ने गरीब कल्याण पर रिपॉर्ट कार्ड पेश किया तो वहीं पीएम मोदी को गरीब कल्याण का कॉन्सेप्ट देने वाला बताया. हमारी सरकार में विकास दर बढ़ी, प्रति व्यक्ति आय बढ़ी. जबकि 15 महीने की कांग्रेस की सरकार सारी योजनाओं को बंद कर दिया.
गरीब कल्याण के मूवमेंट को लंगड़ा कर दिया. लोग इन्हें करप्शन नाथ बताते हैं, क्योंकि उन्होंने घोटाले ही घोटाले किए हैं.
2018 में क्यों हार गई थी बीजेपी, शाह ने बताई वजह: 2018 में बीजेपी क्यों हारी इसकी वजह अमित शाह ने बताई. उन्होंने कहा कि "कांग्रेस ने प्रदेश में जातिगत आंदोलन खड़ा किया. लोगों को भड़काया और जातिवाद का जहर फैलाया. उसी के चलते कांग्रेस चुनाव जीत गई, लेकिन हम हमेशा विकास की बात करते हैं और विकास के आधार पर चुनाव जीतते हैं.