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मध्यप्रदेश में लगेगा 800 करोड़ का अगरबत्ती उद्योग

प्रदेश के 3 लाख 70 हजार बिगड़े वनों में पंचायत एवं वन समितियों से अच्छे किस्म के बांस के पौधों का रोपण करवाया जाएगा, क्योंकि प्रदेश में जल्द ही अगरबत्ती की काढ़ी तैयार करने वाला प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिसकी लागत 800 करोड़ बताई जा रही है.

सीएम कमलनाथ
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Published : Aug 30, 2019, 12:00 AM IST

Updated : Aug 30, 2019, 12:09 AM IST

भोपाल। विदेशों से आयात की जाने वाली 800 करोड़ की अगरबत्ती अब मध्यप्रदेश में ही बनाई जाएगी. इसके लिए प्रदेश के 3 लाख 70 हजार बिगड़े वनों में पंचायत एवं वन समितियों से अच्छे किस्म के बांस के पौधों का रोपण करवाया जाएगा. आईटीसी कंपनी प्रदेश में अगरबत्ती की काड़ी बनाने का प्लांट स्थापित करेगी. इससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलेगा.

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रालय में आईटीसी कंपनी के चेयरमेन संजीव पुरी एवं सीईओ चितरंजन दास के साथ चर्चा की. सीएम ने कहा कि छिंदवाड़ा जिले के तामिया में कैंसर के उपचार के लिए वनौषधियों की पहचान कर उनके दवाओं में उपयोग के लिए प्री-संस्करण इकाई लगाई जाए. सीएम कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में औषधीय फसलों के लिए 50 हजार मीट्रिक टन क्षमता का डिहाइड्रेशन प्लांट लगाने के संबंध में चर्चा की.

मध्यप्रदेश में लगेगा 800 करोड़ का प्लांट

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगरबत्ती के लिए उपयोग होने वाली काड़ी के लिए प्रदेश के बिगड़े वनों का उपयोग कर बांस की खेती को बढ़ावा दिया जाये, इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन होगा और विदेशों में जाने वाली 800 करोड़ की राशि मध्यप्रदेश को मिलेगी. सीएम ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग यूनिट के विस्तार से हम किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम दिला सकेंगे और इससे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.

आईटीसी कंपनी के चेयरमेन संजीव पुरी ने बताया कि औषधि फसलों की खेती करने वाले किसानों के साथ कांट्रेक्ट फार्मिंग कर बाई-बैक व्यवस्था के तहत खरीदी कर इन उत्पादों का प्र-संस्करण किया जाएगा. नूडल्स में उपयोग होने वाली सब्जी गाजर, मटर, बींस और आलू उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा.

बाई-बैक व्यवस्था से किसानों को इन सब्जियों का उचित मूल्य प्राप्त होगा. मुख्यमंत्री कमल नाथ ने औषधीय फसलों, अगरबत्ती की काड़ी बनाने एवं सब्जी आदि की प्र-संस्करण इकाई स्थापित करने संबंधी प्रस्तावों को समयबद्ध योजना बनाकर क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने प्रस्तावों पर त्वरित कार्रवाई के लिए अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग को इसका नोडल अधिकारी बनाया है.

भोपाल। विदेशों से आयात की जाने वाली 800 करोड़ की अगरबत्ती अब मध्यप्रदेश में ही बनाई जाएगी. इसके लिए प्रदेश के 3 लाख 70 हजार बिगड़े वनों में पंचायत एवं वन समितियों से अच्छे किस्म के बांस के पौधों का रोपण करवाया जाएगा. आईटीसी कंपनी प्रदेश में अगरबत्ती की काड़ी बनाने का प्लांट स्थापित करेगी. इससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलेगा.

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रालय में आईटीसी कंपनी के चेयरमेन संजीव पुरी एवं सीईओ चितरंजन दास के साथ चर्चा की. सीएम ने कहा कि छिंदवाड़ा जिले के तामिया में कैंसर के उपचार के लिए वनौषधियों की पहचान कर उनके दवाओं में उपयोग के लिए प्री-संस्करण इकाई लगाई जाए. सीएम कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में औषधीय फसलों के लिए 50 हजार मीट्रिक टन क्षमता का डिहाइड्रेशन प्लांट लगाने के संबंध में चर्चा की.

मध्यप्रदेश में लगेगा 800 करोड़ का प्लांट

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगरबत्ती के लिए उपयोग होने वाली काड़ी के लिए प्रदेश के बिगड़े वनों का उपयोग कर बांस की खेती को बढ़ावा दिया जाये, इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन होगा और विदेशों में जाने वाली 800 करोड़ की राशि मध्यप्रदेश को मिलेगी. सीएम ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग यूनिट के विस्तार से हम किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम दिला सकेंगे और इससे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.

आईटीसी कंपनी के चेयरमेन संजीव पुरी ने बताया कि औषधि फसलों की खेती करने वाले किसानों के साथ कांट्रेक्ट फार्मिंग कर बाई-बैक व्यवस्था के तहत खरीदी कर इन उत्पादों का प्र-संस्करण किया जाएगा. नूडल्स में उपयोग होने वाली सब्जी गाजर, मटर, बींस और आलू उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा.

बाई-बैक व्यवस्था से किसानों को इन सब्जियों का उचित मूल्य प्राप्त होगा. मुख्यमंत्री कमल नाथ ने औषधीय फसलों, अगरबत्ती की काड़ी बनाने एवं सब्जी आदि की प्र-संस्करण इकाई स्थापित करने संबंधी प्रस्तावों को समयबद्ध योजना बनाकर क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने प्रस्तावों पर त्वरित कार्रवाई के लिए अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग को इसका नोडल अधिकारी बनाया है.

Intro:भोपाल। विदेशों से आयात की जाने वाली 800 करोड़ की अगरबत्ती की काड़ी अब मध्यप्रदेश में ही बनाई जाएगी। प्रदेश के 3 लाख 70 हजार बिगड़े वनों में पंचायत एवं वन समितियों से अच्छे किस्म के बाँस के पौधों का रोपण करवाया जाएगा। आई.टी.सी. कंपनी इसके लिए प्रदेश में अगरबत्ती की काड़ी बनाने का प्लांट स्थापित करेगी। इससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मंत्रालय में आई.टी.सी. कंपनी के चेयरमेन श्री संजीव पुरी एवं सीईओ श्री चितरंजन दास के साथ चर्चा की। Body:मुख्यमंत्री ने कहा कि छिंदवाड़ा जिले के तामिया में कैंसर के उपचार के लिए वनौषधियों की पहचान कर उनके दवाओं में उपयोग के लिए प्र-संस्करण इकाई लगाई जाए। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मध्यप्रदेश में औषधीय फसलों के लिए 50 हजार मीट्रिक टन क्षमता का डिहाइड्रेशन प्लांट लगाने के संबंध में चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगरबत्ती के लिए उपयोग होने वाली काड़ी के लिए प्रदेश के बिगड़े वनों का उपयोग कर बाँस की खेती को बढ़ावा दें। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन होगा और विदेशों में जाने वाली 800 करोड़ की राशि मध्यप्रदेश को मिलेगी। इससे प्रदेश में ग्रामीणों को बड़ी मात्रा में रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा फूड प्रोसेसिंग यूनिट के विस्तार से हम किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम दिला सकेंगे और इससे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। आई.टी.सी. कंपनी के चेयरमेन संजीव पुरी ने बताया कि औषधि फसलों की खेती करने वाले किसानों के साथ कांट्रेक्ट फार्मिंग कर बाई-बैक व्यवस्था के तहत खरीदी कर इन उत्पादों का प्र-संस्करण किया जाएगा। नूडल्स में उपयोग होने वाली सब्जी गाजर, मटर, बींस और आलू उत्पादन को प्रोत्साहित किया जायगा। बाई-बैक व्यवस्था से किसानों को इन सब्जियों का उचित मूल्य प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने औषधीय फसलों, अगरबत्ती की काड़ी बनाने एवं सब्जी आदि की प्र-संस्करण इकाई स्थापित करने संबंधी प्रस्तावों को समयबद्ध योजना बनाकर क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही के लिए अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग को इसका नोडल अधिकारी बनाया है।
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Last Updated : Aug 30, 2019, 12:09 AM IST
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