भोपाल। नई दिल्ली में निजामुद्दीन तबलीगी मरकज मस्जिद में हुए समारोह में शामिल होकर शहर लौटे लोगों की जानकारी छिपाने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत केस दर्ज किया जाएगा. डीजीपी विवेक जौहरी ने केंद्रीय ब्यूरो से मिली जानकारियों के आधार पर कार्रवाई की समीक्षा की है. एडीजी इंटेलीजेंस आदर्श कटियार एवं आईजी मनोज शर्मा ने ऑपरेशन की कमान संभाली है. डीआईजी ने समीक्षा में साफ कर दिया है कि असम, कर्नाटक, बिहार जैसे राज्यों से आए जमातियों को चिन्हित कर उन्हें वहीं क्वॉरंटाइन कराने की व्यवस्था की जाए.
भोपाल में जब से इन जमातियों में कोरोना के संक्रमित मरीज मिले हैं, तब से लगातार पॉजिटिव मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. जिसकी वजह से राज्य सरकार की चिंताएं भी बढ़ गई हैं. यही वजह है कि अब इन बाहर से आए जमातियों पर विशेष निगरानी शुरू कर दी गई है. साथ ही अब उन लोगों की तलाश भी की जा रही है, जो इन जमातियों के संपर्क में आए हैं. क्योंकि इन जमातियों के द्वारा राजधानी के कई घरों में जाकर भोजन किया गया है.
केंद्रीय इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने मरकज मस्जिद मामले से जुड़े जमातियों से मिलने वाले करीब 700 लोगों की तलाश तेज कर दी है, इंटेलिजेंट से मिले 150 से ज्यादा लोगों के नाम और मोबाइल नंबर सर्विलांस में लेने के बाद साइबर पुलिस संक्रमितों के करीबियों की तलाश कर रही है.
डीजीपी विवेक जौहरी ने भी समीक्षा के दौरान साफ कर दिया है कि पुलिस अब तक ऐसे 200 लोगों की पहचान कर चुकी है. राजधानी के जिन 36 लोगों के नाम ब्यूरो ने प्रदेश पुलिस को भेजे थे, उनकी शिनाख्त कर ली गई है, वे सभी दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती है.
ऐशबा, रहमानी , रुस्तम आहाता , तलैया व अन्य स्थानों की मस्जिद से मिले जमातियों को अब इस्लाम नगर स्थित इज्तिमा स्थल पर एक जगह पर शिफ्ट किया जा रहा है. मस्जिदों में क्वॉरंटाइन किए गए , 10 देशों की जमातों को यहां लाया गया है. प्रशासन के अधिकारियों की देखरेख में इन सभी लोगों को यहां पर विशेष निगरानी में रखा गया है. साथ ही इस स्थान पर करीब 290 जमातियों को अलग-अलग कमरों में क्वॉरंटाइन किया जाएगा, इसके लिए अलग से तंबू और केबिन बनाए जा रहे हैं.
बता दें कि भोपाल में जमातियों में से कई लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, इन सभी पॉजिटिव मरीजों ने किन-किन लोगों से मेल मुलाकात की है उन सभी लोगों का पूरा डाटा तैयार किया जा रहा है, ताकि इन लोगों को भी आईडेंटिफाई कर इनके स्वास्थ्य का परीक्षण किया जा सके और जरूरत पड़ने पर इस तरह के उन सभी लोगों को उचित स्थान पर क्वॉरंटाइन किया जा सके. पुलिस के लिए बड़ी मुश्किल यह है कि इन जमातियों के द्वारा पूछताछ में सही जवाब नहीं दिए गए हैं, जिसकी वजह से पुलिस के सामने भी कई तरह की परेशानियां खड़ी हो रही हैं.