भोपाल। प्रदेश में जारी लॉक डाउन की वजह से छात्रों पर काफी असर पड़ा है. इस दौरान छात्र परीक्षाओं का फॉर्म भी नहीं भर पाए हैं, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा इंजीनियरिंग के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं होना है. इसके लिए फार्म जमा होने का सिलसिला समाप्त हो गया था. इस दौरान आरजीपीवी को अंतिम सेमेस्टर में पढ़ने वाले छात्रों में से सिर्फ 30 फीसदी छात्रों के ही परीक्षा फॉर्म मिले हैं. इस वजह से आरजीपीवी को दोबारा परीक्षा फार्म जमा कराने शुरू करने पड़े हैं.
बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से मिलने वाली स्कॉलरशिप भी अभी तक छात्रों को नहीं मिल पाई है. उसके बाद लॉक डाउन की वजह से भी छात्रों के परिजनों पर आर्थिक संकट आया है. यही वजह है कि ज्यादातर छात्र कॉलेज की फीस जमा नहीं कर पाए हैं. यही आलम प्राइवेट कॉलेजों का भी है जा फीस जमा ना होने के कारण इन छात्रों के अभी तक फार्म जमा नहीं करवाए गए हैं. अब आरजीपीवी सरकार को पत्र लिखकर जल्द स्कॉलरशिप जारी करने की मांग करने जा रहा है. साथ ही आरजीपीवी की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि आर्थिक संकट के कारण छात्रों को परीक्षा से वंचित ना होना पड़े इसके लिए भी योजना बनाई जा रही है.
आरजीपीवी परीक्षा फार्म की बढ़ाई तारीख
दरअसल आरजीपीवी की यूजी के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा इसी महीने होना है. इसके लिए अंतिम तारीख तक सिर्फ 12 हजार परीक्षा फार्म आरजीपीवी को मिले हैं. जबकि आरजीपीवी से संबद्धप्राइवेट और सरकारी कॉलेजों के अंतिम सेमेस्टर में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या करीब 40 हजार के आसपास है. लेकिन करीब 28 हजार छात्रों ने अब तक परीक्षा फार्म जमा नहीं किया है, इसी वजह से आरजीपीवी ने अब 8 जून तक परीक्षा फार्म जमा करने की तारीख को बढ़ा दिया है.
स्कॉलरशिप ना मिलने के चलते फीस जमा नहीं कर पाए छात्र
आरजीपीवी की ओर से उसी समय से इस मामले की पड़ताल शुरू कर दी गई थी जब उन्हें पता चला था कि मात्र 12 हजार छात्रों नें हीं फार्म जमा किए हैं. उन्होंने इसकी जब वजह पता की तो सामने आया कि प्राइवेट कॉलेजों के छात्रों ने फीस जमा नहीं की है. इसी वजह से परीक्षा फार्म भी जमा नहीं हो पाए हैं. प्राइवेट कॉलेजों को भी संचालन के लिए उनके स्टाफ को वेतन देना है. उन्होंने भी स्पष्ट कर दिया है कि फीस जमा करने पर ही फार्म जमा करवा कर फॉरवर्ड किया जाएगा. वहीं प्रदेश सरकार ने भी एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग को दी जाने वाली स्कॉलरशिप की राशि अब तक नहीं दी है. जबकि नियमानुसार इस राशि को मार्च में ही छात्रों के खाते में दे दिया जाना चाहिए था. आर्थिक संकट के कारण प्रदेश सरकार 2 महीने बाद भी यह राशि जारी नहीं कर पाई है.
कोरोना संकट से छात्र संकट में
फीस जमा नहीं करने के कारण कॉलेज संचालकों ने विद्यार्थियों के पार रोक दिए हैं. इस परेशानी का मुख्य कारण प्रदेश में सत्ता परिवर्तन भी दिखाई दे रहा है. क्योंकि मार्च में ही कमलनाथ सरकार सत्ता से हट गई थी और 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. उसके बाद से ही वे लगातार कोरोना संकट से दो-चार हो रहे हैं, यही वजह है कि अन्य गतिविधियों पर प्रदेश सरकार की ओर से ध्यान ही नहीं दिया गया है, जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.