भोपाल। केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति के छात्रों को नए साल का तोहफा दिया है. अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य ने कहा कि सरकार के इस फैसले से आने वाले पांच साल में करीब चार करोड़ अनुसूचित जाति के छात्रों को करीब 59 हजार करोड़ की छात्रवृत्ति मिलेगी. मोदी सरकार के इस फैसले का लाल सिंह आर्य ने स्वागत किया है.
5 साल में 4 करोड़ छात्रों को मिलेगी छात्रवृत्ति
अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह का कहना है कि पिछले 70 साल में कांग्रेस सरकार ने कभी अनुसूचित जाति के छात्रों की छात्रवृत्ति नहीं बढ़ाई, लेकिन अब मोदी सरकार ने यह फैसला किया है कि आने वाले 5 सालों में देश के करीब चार करोड़ छात्रों को 59 हजार करोड रुपये की छात्रवृत्ति मिलेगी. इस योजना के तहत 60 प्रतिशत की राशि केंद्र सरकार देगी. बाकी 40 प्रतिशत की राशि प्रदेश सरकार देगी. हर साल केंद्र का हिस्सा 5 प्रतिशत बढ़ता जाएगा. यानी आने वाले पांच साल में ये राशि 85 प्रतिशत हो जाएगी. जिसे केंद्र सरकार देगी. आर्य के अनुसार इस छात्रवृत्ति से पोस्ट मैट्रिक छात्रों को फायदा होगा. वह अपनी आने वाली पढ़ाई को और बेहतर तरीके से कर पाएंगे.
एक करोड़ छात्रों की कराएंगे वापसी
अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम सिंह का कहना है कि जिन बच्चों ने स्कूल में ड्रॉप किया है. ऐसे कई एक करोड़ बच्चों को दोबारा स्कूल लाने के लिए सरकार अभियान चलाएगी. छात्रवृत्ति में ट्यूशन फीस होगी, मासिक भत्ता होगा और उसकी मॉनिटरिंग भी सरकार करेगी. इसके साथ ही सभी छात्रों का खाता राज्य सरकार खुल जाएगी. ताकि सीधे स्कॉलरशिप उन छात्रों के खातों में जा सके. 1994 से अब तक 60 लाख बच्चों को ही लाभ मिलता था. जिसमें सिर्फ 11 सौ करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति मिल रही थी.
अनूसूचित वर्ग को लुभाने की कोशिश !
अनुसूचित जाति को लेकर सरकार का यह फैसला कहीं ना कहीं अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को बीजेपी की तरफ आकर्षित करने को लेकर भी देखा जा रहा है. ताकि छात्रवृत्ति के बहाने भारतीय जनता पार्टी अपनी विचारधारा और पार्टी के फैसले से एक बड़े वर्ग को पार्टी की तरफ झुका सके.