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खनिज के लिए नीति बदलें, उपकरण-सरचार्ज में राज्य की हो बराबर हिस्सेदारीः कमलनाथ

15वें वित्त आयोग की टीम से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजस्व कर के बंटवारे की पद्धति पर फिर से विचार करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों के संसाधनों पर लगाए गए उपकर और सरचार्ज में भी राज्य की बराबर की भागीदारी सुनिश्चित की जाए.

वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह और सीएम कमलनाथ
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Published : Jul 4, 2019, 11:52 PM IST

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा-

  • राज्य मंत्रालय में केन्द्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुलाकात की.
  • आयोग को केन्द्र और राज्य के संबंधों से परे जाकर अंतरराज्यीय समानता लाने की दिशा में सोचना चाहिएः कमलनाथ
  • को-ऑपरेटिव संघीय व्यवस्था को गतिशील बनाने के लिए नये तरीके से परिभाषित की जानी चाहिए.
  • सभी राज्य की अपनी विशेषताएं होती हैं, किसी एक फॉर्मूले के आधार पर राज्यों की तुलना नहीं की जा सकती.
  • राज्य के संसाधनों के संबंध में विशेषता के आधार पर विचार करना होगा.
  • राज्य के संसाधन देश के भी संसाधन है, इसलिये इन संसाधनों को सहेजने और संभाल कर रखने के लिये राज्यों की भरपाई होनी चाहिए.
  • प्रदेश को अपनी वन संपदा को बढ़ाने और बचाने पर जो धन खर्च होता है, इससे राजस्व की क्षतिपूर्ति करने के अवसर भी खत्म होते हैं.
  • आयोग को इस बात पर विचार करना चाहिए कि हानि की भरपाई कैसे होगी.
  • जलवायु परिवर्तन के खतरों को कम करने में मध्यप्रदेश के वनों का महत्वपूर्ण योगदान है और जलवायु परिवर्तन का खतरा सिर्फ मध्यप्रदेश पर नहीं है.
    15वें वित्त आयोग की टीम से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजस्व कर के बंटवारे की पद्धति पर फिर से विचार करने की मांग की है

प्रत्येक खनिज के लिये अलग से नीति चाहिएः एनके सिंह
बैठक में वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने मुख्यमंत्री के विचारों से सहमत होते हुए कहा कि 14वें वित्त आयोग ने वन संरक्षण, राजस्व और क्षतिपूर्ति से संबंधित विषयों पर ध्यान दिया था. उन्होंने इस बात पर भी सहमति जताई कि प्रत्येक खनिज के लिये अलग से नीति होना चाहिए. उन्होंने राज्य के मानव विकास में पिछड़ने विशेष रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य के मानव विकास सूचकांकों में पीछे रहने पर पर चिंता जाहिर की है.

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा-

  • राज्य मंत्रालय में केन्द्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुलाकात की.
  • आयोग को केन्द्र और राज्य के संबंधों से परे जाकर अंतरराज्यीय समानता लाने की दिशा में सोचना चाहिएः कमलनाथ
  • को-ऑपरेटिव संघीय व्यवस्था को गतिशील बनाने के लिए नये तरीके से परिभाषित की जानी चाहिए.
  • सभी राज्य की अपनी विशेषताएं होती हैं, किसी एक फॉर्मूले के आधार पर राज्यों की तुलना नहीं की जा सकती.
  • राज्य के संसाधनों के संबंध में विशेषता के आधार पर विचार करना होगा.
  • राज्य के संसाधन देश के भी संसाधन है, इसलिये इन संसाधनों को सहेजने और संभाल कर रखने के लिये राज्यों की भरपाई होनी चाहिए.
  • प्रदेश को अपनी वन संपदा को बढ़ाने और बचाने पर जो धन खर्च होता है, इससे राजस्व की क्षतिपूर्ति करने के अवसर भी खत्म होते हैं.
  • आयोग को इस बात पर विचार करना चाहिए कि हानि की भरपाई कैसे होगी.
  • जलवायु परिवर्तन के खतरों को कम करने में मध्यप्रदेश के वनों का महत्वपूर्ण योगदान है और जलवायु परिवर्तन का खतरा सिर्फ मध्यप्रदेश पर नहीं है.
    15वें वित्त आयोग की टीम से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजस्व कर के बंटवारे की पद्धति पर फिर से विचार करने की मांग की है

प्रत्येक खनिज के लिये अलग से नीति चाहिएः एनके सिंह
बैठक में वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने मुख्यमंत्री के विचारों से सहमत होते हुए कहा कि 14वें वित्त आयोग ने वन संरक्षण, राजस्व और क्षतिपूर्ति से संबंधित विषयों पर ध्यान दिया था. उन्होंने इस बात पर भी सहमति जताई कि प्रत्येक खनिज के लिये अलग से नीति होना चाहिए. उन्होंने राज्य के मानव विकास में पिछड़ने विशेष रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य के मानव विकास सूचकांकों में पीछे रहने पर पर चिंता जाहिर की है.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश के दौरे पर आई 15 वे वित्त आयोग से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर राजस्व के बंटवारे की पद्धति पर फिर से विचार करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों के संसाधनों पर लगाए गए उपकर और सरचार्ज में भी राज्य की बराबर की भागीदारी की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश खनिज संपन्न राज्य है, लेकिन पिछले दो दशकों में सभी खनिजों के लिए सिर्फ एक ही नीति रही है, जबकि खनिज विशेष के लिए अलग से नीति होना चाहिए।
Body:राज्य मंत्रालय में केन्द्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुलाकात की। बैठक में मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि अब वित्त आयोग को केन्द्र और राज्य के संबंधों से परे जाकर अंतर्राज्यीय समानता लाने की दिशा में भी सोचना होगा। को-ऑपरेटिव संघीय व्यवस्था को गतिशील बनाने नये तरीके से परिभाषित की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी राज्य अपनी विशेषताएं होती हैं। किसी एक फार्मूला या व्यवस्था के आधार पर राज्यों की तुलना नहीं की जा सकती। इसलिये राज्य के संसाधनों के संबंध में इसी नजरिए से विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के संसाधन देश के भी संसाधन है । इसलिये इन संसाधनों को सहेजने और सम्हाल कर रखने के लिये राज्यों की भरपाई होना चाहिए।
सीएम ने आयोग से कहा कि पदेश को अपनी वन संपदा को बढाने और बचाने पर जो धन खर्च होता है उसने न सिर्फ राजस्व की हानि होती है बल्कि राजस्व हासिल करने के अवसर भी समाप्त हो जाते हैं। आयोग को इस बात पर विचार करना चाहिए कि इसकी भरपाई कैसे होगी। जलवायु परिवर्तन के खतरों को कम करने में मध्यप्रप्रदेश के वनों का महत्वपूर्ण योगदान है और जलवायु परिवर्तन का खतरा सिर्फ मध्य प्रदेश पर नहीं है। Conclusion:बैठक में वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री एन. के. सिंह ने मुख्यमंत्री के विचारों से सहमत होते हुए कहा कि 14वें वित्त आयोग ने वन संरक्षण, राजस्व और क्षतिपर्ति से संबंध विषयों पर ध्यान दिया था। उन्होंने इस बात पर भी सहमति जताई कि प्रत्येक खनिज के लिये अलग से नीति होना चाहिए। उन्होंने राज्य के मानव विकास में पिछड़ने विशेष रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य के मानव विकास सूचकांकों में पीछे रहने पर पर चिंता जाहिर की।
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