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कोरोना की कमर तोड़ने मैदान में उतरीं मेडिकल छात्राएं, रेड जोन में संभाली मोर्चा

कोरोना वायरस से प्रदेश की राजधानी भोपाल व आर्थिक राजधानी इंदौर सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां अब नर्सिंग की पढ़ाई करने वाली 50-50 छात्राओं को 30 जून तक के लिए तैनात किया गया है. ये छात्राएं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीन काम करेंगी. छात्राओं को आदेश जारी होने के तीन दिन के अंदर रिपोर्ट करनी है.

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Published : Apr 16, 2020, 9:56 AM IST

50 girls deployed in Bhopal-Indore to get control over Corona
छात्राओं की तैनाती

भोपाल। कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण और प्रबंधन के लिए भोपाल व इंदौर जिले में 50-50 नर्सिंग छात्राओं को 30 जून तक के लिए तैनात किया गया है, ये छात्राएं शासकीय बीएससी नर्सिंग एवं जीएनएम प्रशिक्षण केंद्रों में आखिरी वर्ष में पढ़ाई कर रही हैं.

ये छात्राएं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीन काम करेंगी. छात्राओं को आदेश जारी होने के तीन दिन के अंदर ज्वाइनिंग करनी है, प्रदेश में जिस तरह की विषम परिस्थितियां बनी हुई हैं. उसमें मेडिकल स्टॉफ की कमी साफ दिख रही है क्योंकि कोरोना संक्रमण की वजह से अस्पतालों में काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मी भी पीड़ित होते जा रहे हैं.

यही वजह है कि अब मेडिकल स्टूडेंट्स को भी कोरोना के खिलाफ जंग में उतार दिया गया है, ताकि मरीजों को सही ढंग से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके. साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को भी दूर किया जा सके. आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण फैज अहमद किदवई के मुताबिक ये सेवाएं एस्मा के तहत ली गई हैं. आदेश का पालन न करने वाली छात्राओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. ये सेवा पूर्णरूप से अस्थायी होगी.

इस सेवा के लिये चयनित छात्राओं को स्टॉफ नर्स के लिये उल्लेखित मानदेय 20 हजार रूपये प्रतिमाह देय होगा. सभी छात्राओं के काम करने वाली जगह पर परिवहन, भोजन, रहने की व्यवस्था विभाग द्वारा की जायेगी. साथ ही नर्सेस को सभी आवश्यक व्यक्तिगत सुरक्षा संसाधन (पीपीई) किट उपलब्ध कराई जाएगी. अगर आदेशित किसी छात्रा द्वारा किसी दूसरे जिले में पहले से ही काम किया जा रहा हो तो उसे ज्वाइनिंग के लिये जिला प्रशासन द्वारा यात्रा की विशेष अनुमति के निर्देश दिये गये हैं.

भोपाल। कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण और प्रबंधन के लिए भोपाल व इंदौर जिले में 50-50 नर्सिंग छात्राओं को 30 जून तक के लिए तैनात किया गया है, ये छात्राएं शासकीय बीएससी नर्सिंग एवं जीएनएम प्रशिक्षण केंद्रों में आखिरी वर्ष में पढ़ाई कर रही हैं.

ये छात्राएं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीन काम करेंगी. छात्राओं को आदेश जारी होने के तीन दिन के अंदर ज्वाइनिंग करनी है, प्रदेश में जिस तरह की विषम परिस्थितियां बनी हुई हैं. उसमें मेडिकल स्टॉफ की कमी साफ दिख रही है क्योंकि कोरोना संक्रमण की वजह से अस्पतालों में काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मी भी पीड़ित होते जा रहे हैं.

यही वजह है कि अब मेडिकल स्टूडेंट्स को भी कोरोना के खिलाफ जंग में उतार दिया गया है, ताकि मरीजों को सही ढंग से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके. साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को भी दूर किया जा सके. आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण फैज अहमद किदवई के मुताबिक ये सेवाएं एस्मा के तहत ली गई हैं. आदेश का पालन न करने वाली छात्राओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. ये सेवा पूर्णरूप से अस्थायी होगी.

इस सेवा के लिये चयनित छात्राओं को स्टॉफ नर्स के लिये उल्लेखित मानदेय 20 हजार रूपये प्रतिमाह देय होगा. सभी छात्राओं के काम करने वाली जगह पर परिवहन, भोजन, रहने की व्यवस्था विभाग द्वारा की जायेगी. साथ ही नर्सेस को सभी आवश्यक व्यक्तिगत सुरक्षा संसाधन (पीपीई) किट उपलब्ध कराई जाएगी. अगर आदेशित किसी छात्रा द्वारा किसी दूसरे जिले में पहले से ही काम किया जा रहा हो तो उसे ज्वाइनिंग के लिये जिला प्रशासन द्वारा यात्रा की विशेष अनुमति के निर्देश दिये गये हैं.

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