भिंड। शहर में बारिश होते ही नगर पालिका के तमाम दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. शहर की सड़कें पानी से लबालब है, वहीं गौरी सरोवर भी ओवरफ्लो होने से किनारे बनी रोड पूरी तरह जलमग्न हो गई है. जिसके चलते राहगीरों को ना सिर्फ परेशानी हो रही है, बल्कि लोग अपनी जान खतरे में डालते हुए रास्ता पार कर रहे हैं. हालांकि पूरी स्थिति पर भिंड कलेक्टर का कहना है कि 5 ब्लॉक में कंट्रोल रूम स्थापित करवाकर समस्याओं का निराकरण किया जा है.
जलमग्न हुए रास्ते, जान से खेल रहे लोग
भिंड नगरीय क्षेत्र में शहर के नालों की ठीक से सफाई ना होने से बारिश के समय शहर के तमाम इलाके पानी से भर जाते हैं. ऐसे में इस बार बारिश से पहले नलों की सफाई का अभियान भी चलाया गया, लेकिन एक बार फिर बारिश होते ही शहर में नगर पालिका के सफाई अभियान की पोल खुल गई. शहर में जगह जगह पानी भर गया.
भिंड के गौरी सरोवर पर बनी बाईपास रोड तो पूरी तरह जलमग्न हो गया. गौरी सरोवर भी पानी से लबालब है. हालत यह है कि इस रास्ते से गुजरने वाले लोग अपनी जान के साथ खिलवाड़ करने में जुटे है. सड़क और सरोवर के बीच बनी बाउंड्री वॉल पर चढ़कर लोग रास्ते से गुजर रहे है. वहीं कई लोग पानी की वजह से गिरते पड़ते नज़र आए.
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बनाए गए 5 कंट्रोल सेंटर
भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस ने बताया कि पहले बारिश की वजह से ना सिर्फ मुख्यालय बल्कि अन्य अनुभागों में भी परेशानी झेलनी पड़ती है. जिसको ध्यान में रखते हुए इस बार मुख्यालय के साथ ही अटेर, मेहगांव, लहार और गोहद में भी कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं. जिससे किसी भी तरह की समस्या होने पर तुरंत उसका निराकरण किया जा सके. साथ ही जिले में बाढ़ जैसे हालातों को लेकर सूचना आने पर तुरंत कार्रवाई की जा सके.
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सीवर प्रोजेक्ट भी बना मुसीबत
भिंड शहर में बीते 3 साल से टाटा कंपनी को ठेका देकर सीवर प्रोजेक्ट का काम चल रहा है, लेकिन समय अवधि गुजरने के बाद भी काम पूरा नहीं हो पाया है. शहर में जगह-जगह सड़कें खोद दी गई हैं. उनकी दोबारा मरम्मत ना होने से भी बारिश में लोग परेशान हो रहे हैं. भिंड कलेक्टर और नगरपालिका के प्रशासक सतीश कुमार ने इसको लेकर कहा है कि टेस्टिंग की वजह से खुदाई के बाद सड़कों की मरम्मत नहीं हो पाई. इसके लिए हर शनिवार को समीक्षा की जाएगी. जहां टेस्टिंग हो चुकी है, वहां भी जल्द से जल्द सड़कों को दुरुस्त कर जल निकासी की व्यवस्था की जाएगी.