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सुरक्षा में बड़ी चूक! अपराधियों को मिली भिंड जिला जेल की चप्पे-चप्पे की खबर

जिले में ड्रोन कैमरे से जेल का पूरा ब्लूप्रिंट लेने का मामला सामने आया है. साथ ही नई जेल की सुरक्षा भी खतरे में आ गई है, क्योंकि ड्रोन के जरिए इसकी भी तस्वीरें ली गयी हैं. हालांकि इस मामले को मप्र विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने बड़ी चूक बताया है. साथ ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है.

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Published : Aug 3, 2021, 2:22 PM IST

Updated : Aug 3, 2021, 8:36 PM IST

Jail videography
ड्रोन कैमरे से जेल की तस्वीरें

भिंड। जेल सुरक्षा में उस वक्त बड़ी चूक की तस्वीर सामने आयी है, जब शनिवार को हादसे के बाद वर्तमान जेल के ऊपर ड्रोन कैमरे से जेल का पूरा ब्लूप्रिंट कैद कर लिया गया, साथ ही नई जेल की सुरक्षा भी खतरे में आ गई है, क्योंकि ड्रोन के जरिए इसकी भी तस्वीरें ली गयी हैं. जिसकी जानकारी किसी जिम्मेदार अधिकारी को नही हैं. हालांकि इस मामले को मप्र विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है.


रोकने के बावजूद ड्रोन से ली गयी तस्वीरें
प्रदेश में सुरक्षा संबंधी प्रतिबंधित क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी है. किसी कारणवश अगर ड्रोन उड़ाया भी जाता है, तो इसके लिए प्रशासन से विशेष अनुमति ली जाती है. बता दें कि ये तस्वीरें उस वक्त ली गईं थी, जब यहां हादसे के बाद अफरा-तफरी का माहौल था. पूरा प्रशासन और पुलिस मौके पर हालत काबू करने में जुटे थे.


चेतावनी के बाद भी की वीडियोग्राफी
मिली जानकारी के अनुसार, मुन्नेश श्रीवास नाम का शख्स अपना ड्रोन कैमरा लेकर जेल पर पहुंचा था, लेकिन जब उसने ड्रोन उड़ाने का प्रयास किया तो उसे भिंड पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने टोकते हुए ड्रोन न उड़ाने की हिदायत थी. साथ ही चेतावनी भी दी की यह प्रतिबंधित क्षेत्र है, यहां ड्रोन उड़ता नहीं दिखना चाहिए. बावजूद इसके मुन्नेश ने दोपहर 3 से 4 बजे के समय जब सभी अधिकारी नई जेल का निरीक्षण करने गए. उस दौरान वर्तमान जेल का पूरा वीडियो ड्रोन कैमरे के जरिए बना लिया.

ड्रोन कैमरे से जेल की तस्वीरें


अधिकारियों को नहीं लगी भनक
इसके बाद नई निर्माणाधीन जेल पहुंचकर मुन्नेश श्रीवास ने ड्रोन की मदद से वहां की तस्वीरें ले ली, साथ ही जेल के सभी सुरक्षाघरों की जानकारी भी कैमरे में कैद कर ली. बड़ी बात ये है कि इस पूरे मामले की किसी भी अधिकारी को भनक तक नहीं लगी, और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं.

बड़ी घटना को दिया जा सकता है अंजाम?
जेल के ऊपर से ली गयी तस्वीरों के जरिए उसका पूरा ब्लूप्रिंट यानी बनावट का नक्शा कैमेरे में कैद कर उजागर कर दिया गया. दरअसल, सुरक्षा के नजरिए से जेल एक प्रतिबंधित क्षेत्र माना जाता है, क्योंकि यहां कैदियों को रखा जाता है, जिसके लिए जेल द्वारा विशेष सुरक्षा इंतजाम भी किए जाते हैं. यही वजह है कि जेल में कैमरा भी प्रतिबंधित होता है.

जेलर ने कही ये बात
प्रदेश की सेंट्रल जेल के जेलर का कहना है की जेल सुरक्षा कारणों से इसे प्रतिबंधित माना जाता है. यदि कोई इस सुरक्षा व्यवस्था को लीक करता है या उजागर करता है, तो यह अपराध की श्रेणी में माना जाएगा. हाल ही में जम्‍मू में भारतीय वायु सेना के हवाई अड्डे की बिल्डिंग पर बड़ा हमला करने के मकसद से ड्रोन से अटैक किया गया. इसी तरह जेल का ब्लूप्रिंट उजागर होने पर कोई भी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए इन तस्वीरों की मदद ले सकता है.

कलेक्टर ने कही जांच की बात
इस संबंध में जब मुन्नेश से फोन पर संपर्क किया, तो उसने ड्रोन उड़ाने की बात स्वीकार की. साथ ही बताया कि उसने इस काम को करने से पहले एसपी से अनुमति ली थी, लेकिन उसने यह बात भी स्वीकार की कि उसके पास कोई लिखित अनुमति नही है. इस मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि यह सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक है. इसके लिए किसी भी जिम्मेदार को बख्शा नहीं जाएगा. वहीं इस मुद्दे पर भिंड कलेक्टर ने भी जांच की बात कही है, लेकिन कब तक यह जांच होगी ये कहना भी अभी मुश्किल है.

जेल हादसे से प्रशासन में हड़कंप
मालूम हो कि शनिवार को हुई तेज बारिश के चलते जिला जेल का एक बड़ा हिस्सा ढह गया था, जिससे बैरक में मौजूद 21 कैदी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. हादसे के बाद से यहां लगातार अधिकारियों के दौरे जारी हैं. इस बीच प्रतिबंधित क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाने का ये मामला सामने आया है. अब देखना होगा कि इस मामले में कब तक और क्या कार्रवाई होती है.

भिंड। जेल सुरक्षा में उस वक्त बड़ी चूक की तस्वीर सामने आयी है, जब शनिवार को हादसे के बाद वर्तमान जेल के ऊपर ड्रोन कैमरे से जेल का पूरा ब्लूप्रिंट कैद कर लिया गया, साथ ही नई जेल की सुरक्षा भी खतरे में आ गई है, क्योंकि ड्रोन के जरिए इसकी भी तस्वीरें ली गयी हैं. जिसकी जानकारी किसी जिम्मेदार अधिकारी को नही हैं. हालांकि इस मामले को मप्र विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है.


रोकने के बावजूद ड्रोन से ली गयी तस्वीरें
प्रदेश में सुरक्षा संबंधी प्रतिबंधित क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी है. किसी कारणवश अगर ड्रोन उड़ाया भी जाता है, तो इसके लिए प्रशासन से विशेष अनुमति ली जाती है. बता दें कि ये तस्वीरें उस वक्त ली गईं थी, जब यहां हादसे के बाद अफरा-तफरी का माहौल था. पूरा प्रशासन और पुलिस मौके पर हालत काबू करने में जुटे थे.


चेतावनी के बाद भी की वीडियोग्राफी
मिली जानकारी के अनुसार, मुन्नेश श्रीवास नाम का शख्स अपना ड्रोन कैमरा लेकर जेल पर पहुंचा था, लेकिन जब उसने ड्रोन उड़ाने का प्रयास किया तो उसे भिंड पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने टोकते हुए ड्रोन न उड़ाने की हिदायत थी. साथ ही चेतावनी भी दी की यह प्रतिबंधित क्षेत्र है, यहां ड्रोन उड़ता नहीं दिखना चाहिए. बावजूद इसके मुन्नेश ने दोपहर 3 से 4 बजे के समय जब सभी अधिकारी नई जेल का निरीक्षण करने गए. उस दौरान वर्तमान जेल का पूरा वीडियो ड्रोन कैमरे के जरिए बना लिया.

ड्रोन कैमरे से जेल की तस्वीरें


अधिकारियों को नहीं लगी भनक
इसके बाद नई निर्माणाधीन जेल पहुंचकर मुन्नेश श्रीवास ने ड्रोन की मदद से वहां की तस्वीरें ले ली, साथ ही जेल के सभी सुरक्षाघरों की जानकारी भी कैमरे में कैद कर ली. बड़ी बात ये है कि इस पूरे मामले की किसी भी अधिकारी को भनक तक नहीं लगी, और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं.

बड़ी घटना को दिया जा सकता है अंजाम?
जेल के ऊपर से ली गयी तस्वीरों के जरिए उसका पूरा ब्लूप्रिंट यानी बनावट का नक्शा कैमेरे में कैद कर उजागर कर दिया गया. दरअसल, सुरक्षा के नजरिए से जेल एक प्रतिबंधित क्षेत्र माना जाता है, क्योंकि यहां कैदियों को रखा जाता है, जिसके लिए जेल द्वारा विशेष सुरक्षा इंतजाम भी किए जाते हैं. यही वजह है कि जेल में कैमरा भी प्रतिबंधित होता है.

जेलर ने कही ये बात
प्रदेश की सेंट्रल जेल के जेलर का कहना है की जेल सुरक्षा कारणों से इसे प्रतिबंधित माना जाता है. यदि कोई इस सुरक्षा व्यवस्था को लीक करता है या उजागर करता है, तो यह अपराध की श्रेणी में माना जाएगा. हाल ही में जम्‍मू में भारतीय वायु सेना के हवाई अड्डे की बिल्डिंग पर बड़ा हमला करने के मकसद से ड्रोन से अटैक किया गया. इसी तरह जेल का ब्लूप्रिंट उजागर होने पर कोई भी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए इन तस्वीरों की मदद ले सकता है.

कलेक्टर ने कही जांच की बात
इस संबंध में जब मुन्नेश से फोन पर संपर्क किया, तो उसने ड्रोन उड़ाने की बात स्वीकार की. साथ ही बताया कि उसने इस काम को करने से पहले एसपी से अनुमति ली थी, लेकिन उसने यह बात भी स्वीकार की कि उसके पास कोई लिखित अनुमति नही है. इस मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि यह सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक है. इसके लिए किसी भी जिम्मेदार को बख्शा नहीं जाएगा. वहीं इस मुद्दे पर भिंड कलेक्टर ने भी जांच की बात कही है, लेकिन कब तक यह जांच होगी ये कहना भी अभी मुश्किल है.

जेल हादसे से प्रशासन में हड़कंप
मालूम हो कि शनिवार को हुई तेज बारिश के चलते जिला जेल का एक बड़ा हिस्सा ढह गया था, जिससे बैरक में मौजूद 21 कैदी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. हादसे के बाद से यहां लगातार अधिकारियों के दौरे जारी हैं. इस बीच प्रतिबंधित क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाने का ये मामला सामने आया है. अब देखना होगा कि इस मामले में कब तक और क्या कार्रवाई होती है.

Last Updated : Aug 3, 2021, 8:36 PM IST
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