मुरैना। अम्बाह तहसील के रूअर गांव में 16 साल के नाबालिग को वैक्सीन लगाने का मामला सामने आया है. वैक्सीनेशन के बाद नाबालिग की तबीयत बिगड़ गई और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने वैक्सीनेशन सेंटर पर हंगामा कर दिया और वैक्सीन को जमीन पर पटक दिया. हंगाने की सूचना मिलते ही अंबाह थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को अपने नियंत्रण में लिया.
गांव के वैक्सीनेशन सेंटर पर लगवाई वैक्सीन
अंबाह के रूअर पंचायत के बाग का पुरा गांव में वैक्सीनेशन सेंटर बनाया गया था. यहां पहुंचे 16 साल के पिल्लू ने अपने आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन करवाकर वैक्सीन लगवा ली. जबकि इस नाबालिग के आधार कार्ड पर जन्म दिनांक 1 जनवरी 2005 लिखी हुई थी. वैक्सीन लगाने के बाद नाबालिग की हालत बिगड़ने लगी तो उसे घर भेज दिया गया.
हालात बिगड़ने पर नाबालिग को भेजा गया घर
घर में नाबालिग बेहोश हो गया तो परिजन उसे अंबाह अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से नाबालिग को मुरैना जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. मुरैना जिला अस्पताल में उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो नाबालिग को ग्वालियर अस्पताल रेफर कर दिया गया. अब नाबालिग का ग्वालियर अस्पताल में इलाज जारी है. इधर घटना के बाद परिजनों ने वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर हंगामा कर दिया.
बाघ गणना के लिए तैयारियां शुरू, जारी रहेगी बांधवगढ़ की बादशाहत, अक्टूबर से शुरू होगी गिनती
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की
नाबालिग पिल्लू के परिजनों ने बताया कि गांव का एक शिक्षक पिल्लू को अपने साथ ले गया था और उसी ने उसका रजिस्ट्रेशन कराया था, जबकि 18 साल से कम उम्र वालों को वैक्सीन नहीं लग सकती है. परिजनों ने घटना की शिकायत अंबाह थाने में भी की है और सख्त कार्रवाई की मांग की है. इस मामले में अंबाह थाना प्रभारी योगेन्द्र सिंह जादौन का कहना है कि "18 साल से कम उम्र के लड़के को वैक्सीन लगाई गई है, यह जांच का विषय है, वहीं नर्सिंग स्टाफ की तरफ से परिजनों के हंगामे के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की गई है. बताया जा रहा है कि वैक्सीनेशन के बाद नाबालिग को मिर्गी का दौरा पड़ा था."
CMHO ने मामले की जांच के दिए आदेश
इस मामले में मुरैना के CMHO डॉ. एडी शर्मा का कहना है कि "रुअर पोरसा ब्लॉक में आता है. लेकिन परिजन अंबाह अस्पताल में लड़के को लेकर गए थे. डाक्टर से चर्चा हुई है, ग्रामीणों से पता किया तो लड़का मिर्गी का मरीज बताया गया है. 16 साल के किशोर को वैक्सीन कैसे लगी ये जांच का विषय है. ड्यूटी डाक्टर ने बताया कि उसकी पल्स, बीपी सभी नार्मल है. खतरे जैसी कोई बात नहीं थी. नाबालिग को वैक्सीन लगाने वाले मामले में एक जांच टीम गठित कर दी गई है. हमारे स्टॉफ से गलती हुई है या किसी और की गलती है यह जांच टीम यह बताएगी."