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मार्च में सूख गया वेसली बांध, बूंद-बूंद को तरस रहे रहवासी - पेयजल की व्यवस्था

भिंड जिले के गोहद नगर में मार्च के महीने में ही वेसली बांध सूख चुका है. वेसली बांध से पूरे नगर में पानी का वितरण होता था. लेकिन बांध सूख जाने के बाद नगरवासियों पर पीने के पानी का संकट मंडराने लगा है. हालात ये हैं कि लोगों को पिछले 15 दिनों से पानी नहीं मिला है. नगरपालिका पानी की व्यवस्था भी 15 दिन में एक बार करता है.

Residents craving drop by drop
बूंद-बूंद को तरस रहे रहवासी
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Published : Mar 5, 2021, 9:52 PM IST

Updated : Mar 5, 2021, 10:09 PM IST

भिंड। 'जल ही जीवन है', यह कथन आपने अक्सर टीवी, समाचार पत्र या दीवारों पर लिखा देखा होगा. लेकिन इस कथन का आपको सही मतलब जानना है तो आपको उन इलाकों में जाना चाहिए जहां पानी की कमी है. ईटीवी भारत ने भिंड जिले के एक ऐसे ही नगर में पानी की समस्या से जूझ रहे लोगों की परेशानी को कवर किया है. इस क्षेत्र में लोग पानी का इंतजाम करने के लिए दिनभर मशक्कत करते रहते है. कई बच्चों की पढ़ाई भी पानी का इंतजाम करने के कारण नहीं हो पाती है. जिले के गोहद इलाके में तो हालात यह है कि गर्मी का मौसम शुरू होते ही लोग पेयजल के लिए तरस जाते हैं. हर साल यह स्थिति मई और जून के महीने में देखने को मिलती है. लेकिन इस बार मार्च का महीना आते ही पूरे गोहद में पानी की किल्लत हो चुकी है. लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं, देखिए ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट...

  • टैंकर आने के बाद भी लोगों को नहीं मिलता पानी

कहने को भिंड जिले में गोहद ऐसा इलाका है जहां एक नहीं बल्कि दो बांध बने हुए हैं. गोहद नगर के रहवासियों को तो पेयजल की व्यवस्था वेसली नदी पर बने डैम से होती है. लेकिन इस बार मार्च का महीना शुरू होते ही पूरा डैम सूख चुका है. जिसका नतीजा यह है कि 15 दिनों से पूरे नगर में पानी की समस्या खड़ी हो गई है. गोहद नगर के लोगों का कहना है कि उनकी पानी की समस्या पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा. नगरपालिका से भी अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई. पेयजल के लिए 15 दिन बाद एक टैंकर आता है, तो लोगों की भीड़ जुट जाती है. टेंकर से किसी को एक ड्रम, किसी को एक बाल्टी, तो कोई बिना पानी की एक बूंद लिए खाली हाथ लौट जाता है.

मार्च में सूख गया वेसली बांध, बूंद-बूंद को तरस रहे रहवासी
  • पानी की समस्या के कारण हो रहा पढ़ाई का नुकसान

रहवासियों का कहना है कि ये हालात पिछले कई सालों से बने हुए हैं. वहीं दसवी कक्षा की एक छात्रा का तो यह भी कहना है कि पिछले कई दिनों से पानी की किल्लत है. पीने के लिए पानी नहीं है. ऐसे में बोर्ड एक्जाम सर पर है. लेकिन यह समझ नहीं आता कि पढ़ाई करें या पानी भरने जाए. इन परिस्थितियों में उनकी पढ़ाई का भी भारी नुकसान हो रहा है. वहीं एक बुज़ुर्ग महिला का कहना है कि नगरपालिका को पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए, लेकिन पानी की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

पानी की समस्याः गंदे पानी की बोतल लेकर निगम पहुंचे कांग्रेस नेता

  • दूसरों पर ठीकरा फोड़ रहे जिम्मेदार

पेयजल समस्या को लेकर जब पूरे मामले पर ईटीवी भारत ने गोहद नगरपालिका के सीएमओ से बात की, तो सीएमओ समस्या का हल बताने की बजाय पूरी जिम्मेदारी का ठीकरा जल संसाधन विभाग पर फोड़ दिया. सीएमओ ने कहा कि गोहद नगर में बना हुआ वेसली डैम पूरी तरह खाली हो चुका है. कई बार जल संसाधन विभाग को सूचित भी किया जा चुका है, लेकिन डैम में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है. इसी डैम से पानी फिल्टर होकर नगर की पेयजल व्यवस्था के लिए सप्लाई होता है. जल संसाधन विभाग द्वारा किसी तरह की व्यवस्था नहीं की जा रही है. इसकी वजह से ही नगर के लोगों को परेशानी हो रही है.

  • वेसली बांध का पानी सूखा

भिंड जिले की 55 से ज्यादा ग्राम पंचायतें आज भी खारे पानी से परेशान है. कई इलाकों में तो लोग दूर-दूर से पीने के पानी की व्यस्था करते हैं. वहीं गोहद नगर के लोग नगर पालिका की पेयजल पर निर्भर है. नगरपालिका गोहद स्थिति वेसली बांध से पानी की व्यवस्था करती है. बांध का पानी सीधा फिल्टर प्लांट में जाता है. पानी का शुद्धीकरण कर नगरपालिका द्वारा बनायी गयी टंकियों के जरिए सप्लाई किया जाता है. लेकिन इस बार बांध पूरी तरह सूख चुका है. जिससे लोग पानी के लिए परेशान हो रहे है. खास बात यह है कि इस क्षेत्र में पेयजल समस्या चुनाव का मुख्य मुद्दा होता है, लेकिन चुनाव के बाद जनप्रतिनिधि समस्या पर काम तो दूर समस्या की बात तक नहीं करते.

  • अभी हाल बेहाल, आगे क्या होगा

गर्मी की शुरुआत में न सिर्फ गोहद नगर बल्कि आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी पानी की भारी किल्लत है. पूरा इलाका लगभग खारे पानी से भरा पड़ा है. लेकिन पेयजल के लिए मीठा पानी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में नगरपालिका प्रशासन द्वारा बजाय स्थिति को ठीक करने के दूसरे विभाग पर जिम्मेदारी थोपी जा रही है. इस सब में कहीं न कहीं आहत और त्रस्त तो गोहद नगर की जनता हो रही है.

भिंड। 'जल ही जीवन है', यह कथन आपने अक्सर टीवी, समाचार पत्र या दीवारों पर लिखा देखा होगा. लेकिन इस कथन का आपको सही मतलब जानना है तो आपको उन इलाकों में जाना चाहिए जहां पानी की कमी है. ईटीवी भारत ने भिंड जिले के एक ऐसे ही नगर में पानी की समस्या से जूझ रहे लोगों की परेशानी को कवर किया है. इस क्षेत्र में लोग पानी का इंतजाम करने के लिए दिनभर मशक्कत करते रहते है. कई बच्चों की पढ़ाई भी पानी का इंतजाम करने के कारण नहीं हो पाती है. जिले के गोहद इलाके में तो हालात यह है कि गर्मी का मौसम शुरू होते ही लोग पेयजल के लिए तरस जाते हैं. हर साल यह स्थिति मई और जून के महीने में देखने को मिलती है. लेकिन इस बार मार्च का महीना आते ही पूरे गोहद में पानी की किल्लत हो चुकी है. लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं, देखिए ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट...

  • टैंकर आने के बाद भी लोगों को नहीं मिलता पानी

कहने को भिंड जिले में गोहद ऐसा इलाका है जहां एक नहीं बल्कि दो बांध बने हुए हैं. गोहद नगर के रहवासियों को तो पेयजल की व्यवस्था वेसली नदी पर बने डैम से होती है. लेकिन इस बार मार्च का महीना शुरू होते ही पूरा डैम सूख चुका है. जिसका नतीजा यह है कि 15 दिनों से पूरे नगर में पानी की समस्या खड़ी हो गई है. गोहद नगर के लोगों का कहना है कि उनकी पानी की समस्या पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा. नगरपालिका से भी अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई. पेयजल के लिए 15 दिन बाद एक टैंकर आता है, तो लोगों की भीड़ जुट जाती है. टेंकर से किसी को एक ड्रम, किसी को एक बाल्टी, तो कोई बिना पानी की एक बूंद लिए खाली हाथ लौट जाता है.

मार्च में सूख गया वेसली बांध, बूंद-बूंद को तरस रहे रहवासी
  • पानी की समस्या के कारण हो रहा पढ़ाई का नुकसान

रहवासियों का कहना है कि ये हालात पिछले कई सालों से बने हुए हैं. वहीं दसवी कक्षा की एक छात्रा का तो यह भी कहना है कि पिछले कई दिनों से पानी की किल्लत है. पीने के लिए पानी नहीं है. ऐसे में बोर्ड एक्जाम सर पर है. लेकिन यह समझ नहीं आता कि पढ़ाई करें या पानी भरने जाए. इन परिस्थितियों में उनकी पढ़ाई का भी भारी नुकसान हो रहा है. वहीं एक बुज़ुर्ग महिला का कहना है कि नगरपालिका को पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए, लेकिन पानी की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

पानी की समस्याः गंदे पानी की बोतल लेकर निगम पहुंचे कांग्रेस नेता

  • दूसरों पर ठीकरा फोड़ रहे जिम्मेदार

पेयजल समस्या को लेकर जब पूरे मामले पर ईटीवी भारत ने गोहद नगरपालिका के सीएमओ से बात की, तो सीएमओ समस्या का हल बताने की बजाय पूरी जिम्मेदारी का ठीकरा जल संसाधन विभाग पर फोड़ दिया. सीएमओ ने कहा कि गोहद नगर में बना हुआ वेसली डैम पूरी तरह खाली हो चुका है. कई बार जल संसाधन विभाग को सूचित भी किया जा चुका है, लेकिन डैम में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है. इसी डैम से पानी फिल्टर होकर नगर की पेयजल व्यवस्था के लिए सप्लाई होता है. जल संसाधन विभाग द्वारा किसी तरह की व्यवस्था नहीं की जा रही है. इसकी वजह से ही नगर के लोगों को परेशानी हो रही है.

  • वेसली बांध का पानी सूखा

भिंड जिले की 55 से ज्यादा ग्राम पंचायतें आज भी खारे पानी से परेशान है. कई इलाकों में तो लोग दूर-दूर से पीने के पानी की व्यस्था करते हैं. वहीं गोहद नगर के लोग नगर पालिका की पेयजल पर निर्भर है. नगरपालिका गोहद स्थिति वेसली बांध से पानी की व्यवस्था करती है. बांध का पानी सीधा फिल्टर प्लांट में जाता है. पानी का शुद्धीकरण कर नगरपालिका द्वारा बनायी गयी टंकियों के जरिए सप्लाई किया जाता है. लेकिन इस बार बांध पूरी तरह सूख चुका है. जिससे लोग पानी के लिए परेशान हो रहे है. खास बात यह है कि इस क्षेत्र में पेयजल समस्या चुनाव का मुख्य मुद्दा होता है, लेकिन चुनाव के बाद जनप्रतिनिधि समस्या पर काम तो दूर समस्या की बात तक नहीं करते.

  • अभी हाल बेहाल, आगे क्या होगा

गर्मी की शुरुआत में न सिर्फ गोहद नगर बल्कि आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी पानी की भारी किल्लत है. पूरा इलाका लगभग खारे पानी से भरा पड़ा है. लेकिन पेयजल के लिए मीठा पानी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में नगरपालिका प्रशासन द्वारा बजाय स्थिति को ठीक करने के दूसरे विभाग पर जिम्मेदारी थोपी जा रही है. इस सब में कहीं न कहीं आहत और त्रस्त तो गोहद नगर की जनता हो रही है.

Last Updated : Mar 5, 2021, 10:09 PM IST
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