ETV Bharat / state

लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु पर क्या कहती है जनता, जाननें के लिए देखें ये रिपोर्ट

लड़कियों की शादी की सही उम्र क्या होना चाहिए. इस मसले पर जनता की राय जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने भिंड जिले के ग्रामीण इलाकों में लोगों से बात की. देखें इस मुद्दे पर जनता की क्या राय है...

Concept image
कॉन्सेप्ट इमेज
author img

By

Published : Sep 19, 2020, 7:13 PM IST

भिंड। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम आयु में बदलाव के संकेत दिए हैं. माना जा रहा है कि अब लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 की जा सकती है. इस संबंध में महिलाओं और लोगों की राय जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम भिंड जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंची. जहां लोगों से बातचीत के दौरान सामने आया कि लोग इस मसले को लेकर अलग-अलग सोच रखते हैं.

लड़कियों की शादी की उम्र पर जनता की राय

छात्राओं की राय

छात्रा वंशिका का मानना है कि शादी के लिए 18 साल की उम्र काफी कम है. इस उम्र तक तो लड़कियों की स्कूली शिक्षा ही पूरी हो पाती है. सरकार अगर शादी की उम्र बढ़ाकर 21 करती है तो लड़कियों को आगे पढ़ने का मौका मिलेगा.

गृहणी और समाजसेवी महिलाएं भी सरकार के फैसले के पक्ष में

गृहणी निशा मांझी का कहना है कि कम उम्र में शादी से महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. महिलाएं कम उम्र मां बनने से कई बीमारियों का शिकार हो जातीं हैं. समाजसेवी सुधा राठौर का कहना है कि 18 साल की उम्र में लड़की इतनी समझदार और जिम्मेदार नहीं हो पाती कि वो एक परिवार संभाल सके. शादी की उम्र बढ़ती है तो ये महिलाओं के लिए फायदेमंद ही होगा.

कुछ लोगों का है अलग मत

हालांकि कुछ लोग शादी की उम्र बढ़ाए जाने के पक्ष में नहीं हैं, इसके पीछे की वजह समाज में मौजूद रूढ़िवादी सोच है. उदय सिंह गुर्जर का मानना है कि लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाए जाने से कई तरह की समस्याएं हो जाएंगी. वहीं गांव की बुजुर्ग महिला मुन्नी बाई का कहना है कि 18 साल में लड़कियां समझदार हो जाती हैं.

कम उम्र शादी से महिलाओं का होता है शोषण

एडवोकेट रश्मि सिंह का कहना कि फैमिली कोर्ट में कई पारिवारिक विवाद के मामले सामने आते हैं. कम उम्र में शादी से लड़कियों का शोषण होता है. ऐसे में अगर लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाई जाती है तो वे अपनी क्षमताओं को समझ पाएंगी.

जिले में मातृ मृत्यु दर ज्यादा

भिंड जिले में मातृ मृत्यु दर 215 और शिशु मृत्यु दर 54 है. ये आंकड़े दर्शाते हैं कि कम उम्र में शादी महिलाओं के शारीरिक विकास पर बुरा असर डालती है. लिहाजा समाज के विकास के लिए जरूरी है कि महिलाओं को प्रगति के पर्याप्त मौके दिए जाएं.

भिंड। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम आयु में बदलाव के संकेत दिए हैं. माना जा रहा है कि अब लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 की जा सकती है. इस संबंध में महिलाओं और लोगों की राय जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम भिंड जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंची. जहां लोगों से बातचीत के दौरान सामने आया कि लोग इस मसले को लेकर अलग-अलग सोच रखते हैं.

लड़कियों की शादी की उम्र पर जनता की राय

छात्राओं की राय

छात्रा वंशिका का मानना है कि शादी के लिए 18 साल की उम्र काफी कम है. इस उम्र तक तो लड़कियों की स्कूली शिक्षा ही पूरी हो पाती है. सरकार अगर शादी की उम्र बढ़ाकर 21 करती है तो लड़कियों को आगे पढ़ने का मौका मिलेगा.

गृहणी और समाजसेवी महिलाएं भी सरकार के फैसले के पक्ष में

गृहणी निशा मांझी का कहना है कि कम उम्र में शादी से महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. महिलाएं कम उम्र मां बनने से कई बीमारियों का शिकार हो जातीं हैं. समाजसेवी सुधा राठौर का कहना है कि 18 साल की उम्र में लड़की इतनी समझदार और जिम्मेदार नहीं हो पाती कि वो एक परिवार संभाल सके. शादी की उम्र बढ़ती है तो ये महिलाओं के लिए फायदेमंद ही होगा.

कुछ लोगों का है अलग मत

हालांकि कुछ लोग शादी की उम्र बढ़ाए जाने के पक्ष में नहीं हैं, इसके पीछे की वजह समाज में मौजूद रूढ़िवादी सोच है. उदय सिंह गुर्जर का मानना है कि लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाए जाने से कई तरह की समस्याएं हो जाएंगी. वहीं गांव की बुजुर्ग महिला मुन्नी बाई का कहना है कि 18 साल में लड़कियां समझदार हो जाती हैं.

कम उम्र शादी से महिलाओं का होता है शोषण

एडवोकेट रश्मि सिंह का कहना कि फैमिली कोर्ट में कई पारिवारिक विवाद के मामले सामने आते हैं. कम उम्र में शादी से लड़कियों का शोषण होता है. ऐसे में अगर लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाई जाती है तो वे अपनी क्षमताओं को समझ पाएंगी.

जिले में मातृ मृत्यु दर ज्यादा

भिंड जिले में मातृ मृत्यु दर 215 और शिशु मृत्यु दर 54 है. ये आंकड़े दर्शाते हैं कि कम उम्र में शादी महिलाओं के शारीरिक विकास पर बुरा असर डालती है. लिहाजा समाज के विकास के लिए जरूरी है कि महिलाओं को प्रगति के पर्याप्त मौके दिए जाएं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.