भिंड। भिंड विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी के समर्थन में प्रचार करने पहुंचीं कांग्रेस नेत्री निशा बांगरे ने कहा "भिंड में जहां भी जा रहे हैं वहां पता चल रहा कि संविधान के प्रति लोगों में बहुत जागरूकता है और लोग बाबा साहब अंबेडकर के योगदान का सम्मान करते हैं. ये देखकर लगा कि काश भिंड की इस क्रांतिकारी धरा पर मेरा जन्म हुआ होता. अब चाहत है कि जब अगला जन्म हो तो इसी भूमि पर हो". जब उनसे पूछा गया कि जिस चुनाव को लड़ने के लिए नौकरी छोड़ी फिर भी टिकट नहीं मिला, इस बात का कितना मलाल है तो उनका कहना था कि वे संविधान के अधिकारों को प्राप्त नहीं कर पायी, इसी वजह से उन्होंने नौकरी छोड़ी. इस चुनाव में मौक़ा नहीं मिला लेकिन आगे बहुत से मौक़े मिलेंगे.
बीजेपी ने रची साजिश : उनका कहना है कि बीजेपी ये नहीं चाहती थी कि कोई पढ़ी-लिखी महिला राजनीति में आये और वह भी कांग्रेस में चली जाए. वह अनुसूचित जाति वर्ग से आती हैं. बीजेपी नहीं चाहती कि कोई ऐसी महिला सदन में आ जाए जो अपनी बात बेबाकी से पटल पर रख सकती है. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया "ये चाहते हैं कि दलित और आदिवासी वर्ग आज भी इनका गुलाम बना रहे. इसी वजह से बीजेपी द्वारा उन्हें भी चुनाव लड़ने से रोका गया." निशा बांगरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए इसकी तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से की. उन्होंने बीजेपी को तानाशाह और फूट डालो राजनीति करने की नीति पर चलने वाली पार्टी बताया.
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बीजेपी का मोरल डाउन : निशा बांगरे ने कहा कि चुनाव में बीजेपी का मोरल डाउन है और शिवराज पोस्टर से ग़ायब हैं. बीजेपी को अपनी हार का पहले से ही आभास हो चुका है. बीजेपी द्वारा केंद्रीय मंत्री व सांसदों को चुनाव में उतरना उनका मोरल डाउन होना दर्शाता है. समझा जा सकता है जनता इस बार कांग्रेस की सरकार बनवायेगी. निशा बांगरे का कहना है कि महिलाओं को आज भी कमजोर समझा जाता है. लेकिन कांग्रेस महिलाओं के सशक्तिकरण की पक्षधर रही है. यहां महिलाएं अपनी बात रख सकती हैं. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हाल ही महिलाओं पर सदन में दिये विवादित बयान पर भी निशा बांगरे ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि किसी को इस तरह के बयान नहीं देना चाहिए, जो उन्होंने बोला उन्हें दूसरे शब्दों में भी रखा जा सकता था.