भिंड। जिले के गोहद में बढ़ रहे भीषण पेयजल संकट को देखते हुए कांग्रेस कार्यकर्ता पिछले 3 दिन से वेसली बांध के अंदर बैठकर जल सत्याग्रह कर रहे हैं. सत्याग्रह में देवाशीष जरारिया, समाजसेवी शैलेंद्र सिंह गुर्जर सहित कई कांग्रेसी बांध के अंदर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे है. गोहद में वेसली डैम सूखने के साथ ही नगर में खड़े हुए जल संकट पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. जहां हाल ही में पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य द्वारा संवैधानिक पद पर न होने के बावजूद अधिकारियों की बैठक लेने का मामला सामने आया था. वहीं अब विपक्ष भी जल सत्याग्रह पर उतर आया है.
- बांध में तम्बू लगाकर धरने पर बैठे कांग्रेसी
कांग्रेस पिछले तीन दिनों से बांध में तंबू गाड़कर जल सत्याग्रह कर रहे हैं. लोक सभा में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे देवाशीष जरारिया कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ दिन रात धरने पर बैठे हुए हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस ने गोहद की जनता के साथ एक मार्च को नगरपालिका का घेराव कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया था और 1 पत्र के माध्यम से आठ दिन के अंदर समस्या हल होने की मांग करते हुए, चेतावनी दी थी कि अगर समय रहते गोहद के वेसली डैम में पानी नहीं आया, तो कांग्रेस जल सत्याग्रह करेगी. लेकिन जब इस पर सुनवाई नहीं हुई तो तीन दिन पहले कांग्रेस का जल सत्याग्रह शुरू किया है. जिसमें उन्हें सभी का भरपूर समर्थन मिल रहा है.
मार्च में सूख गया वेसली बांध, बूंद-बूंद को तरस रहे रहवासी
- दिग्गज नेताओं ने बनाई दूरी
इस जल सत्याग्रह में रविवार को पूर्वमंत्री और लहार विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह को भी शामिल होना था. साथ ही ग्वालियर से विधायक प्रवीण पाठक भी शामिल होने वाले थे, लेकिन दोनों ही नेताओं में से कोई भी इस धरना प्रदर्शन में शामिल नहीं हुआ. खबर है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर भी दो फाट नजर आ रही है. स्थानीय विधायक मेवाराम जाटव हों या पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह, इस जल सत्याग्रह में शामिल होने से बच रहे हैं. इस मामले पर कांग्रेसी भी अब चुप्पी साधे हुए हैं. हालांकि इससे पहले पूर्व विधायक हेमंत कटारे इस सत्याग्रह में शामिल हुए थे. इसके बाद रविवार के कार्यक्रम में डॉ. गोविंद सिंह और विधायक प्रवीण पाठक का शामिल होना तय था. लेकिन दोनों ही नेताओं का दौरा आखिरी समय पर रद्द हो गया.
- अभी हफ्ते भर और करना पड़ सकता है इंतजार
नगर में पानी प्रदाय करने के लिए वेसली डैम सबसे बड़ा श्रोत है. जिससे नगर को पानी फिल्टर कर सप्लाई किया जाता है, जो फरवरी माह में ही खाली हो चुका है. अमूमन यह स्थिति मई- जून के महीने में होती थी. लेकिन अभी से यह हालत बेहद चिंता जनक हो चुके हैं. गोहद की जनता को अभी भी 7 दिन और पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था के लिए लग सकता है. जिससे समस्या विकराल हो गई है.