भिंड। जिले के एक अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. यहां एक कोरोना मरीज को ऑक्सीजन लगाए जाने में लापरवाही के चलते मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं पुलिस मामले की जांच कर रही है.
'डेमेज ऑक्सिजन इक्विप्मेंट की वजह से गई जान'
परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया है की इंदौर में कोविड मरीजों की बदतर हालत को देखते हुए वे अपने मरीज को भिंड लाए थे, शुरुआती दिनों में मिले इलाज से काफी भी फायदा हुआ था और उनकी रिपोर्ट निगेटिव भी आ गई थी. ऐसे में बाद में लंग्स सिकुड़ने की वजह से उन्हें फिर वेंटिलेटर पर रखा गया था. मरीज को लगातार ऑक्सीजन दी जानी थी, लेकिन 2 दिन पहले उनके ऑक्सिजन पाइप और मास्क में खराबी आ गई थी, जिसकी वजह उन्हें ठीक से ऑक्सिजन नहीं जा पा रही थी. परिजनों ने कई बार इसकी जानकारी ड्यूटी स्टाफ को दी, लेकिन उन्हें बताया गया कि मास्क उपलब्ध नहीं है. किसी तरह मरीज के मास्क पर सर्जिकल टेप लगाकर कम चलते रहे, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई.
एंबुलेंस के आगे बैठे परिजन
गुस्साए परिजनों ने इसकी शिकायत सीएसपी को की जिसके बाद पुलिस के जिला अस्पताल पहुंचने पर परिजनों को 2 घंटे की समझाइस के बाद किसी तरह पुलिस द्वारा मृतक का शव जिला अस्पताल से मुक्तिधाम के लिए ले जाया गया.
प्रबंधन ने आरोपों को बताया निराधार
अस्पताल प्रबंधन की ओर से जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अजीत मिश्रा ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा है की मृतक के जिंदा रहते उसे इंदौर से ट्रांसफर किया गया था. डाक्टर्स उसे रैफेर भी कर रहे थे, लेकिन परिजन अपनी मर्जी से उन्हें भिंड के जिला अस्पताल में लेकर आए थे. तीन दिन से जिला अस्पताल के डॉक्टर लगातार उन्हें ग्वालियर रैफेर करने की बात कह रहे थे, लेकिन परिजन उन्हें यहीं रोके रखे. गंभीर हालत होने की वजह से उनकी मौत हो गई. इसमें अस्पताल की तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई है.